किसी भी फ़िल्म में सपोर्टिंग किरदार करना काफ़ी चुनौतीपूर्ण होता है. एक सपोर्टिंग एक्टर भाई से लेकर पड़ोसी तक कुछ भी हो सकता है. लीड स्टार के बीच भी अपनी ऐसी छवि छोड़ना कि फ़िल्म देखने के बाद भी आपका चेहरा और काम लोगों को ध्यान रहे इससे अच्छी क्या बात हो सकती है. बॉलीवुड में ऐसे बहुत से सपोर्टिंग एक्टर्स हैं जिनके इर्द-गिर्द भले ही कहानी न बुनी गई हो लेकिन उन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग से हमें ज़रूर अपना बना लिया है. एक नज़र ऐसे ही कुछ सपोर्टिंग एक्टर्स पर:
1. कान्ता बेन
फ़िल्म : कल हो न हो
एक्ट्रेस: सुलभ आर्या
रोहित (सैफ़ अली ख़ान) के घर में काम करने वाली कान्ता बेन जो रोहित और अमन (शाहरुख़ ख़ान) को हमेशा ऐसी परिस्थिति में पाती थी कि उन्हें लगता था कि उन दोनों का आपस में अफ़ेयर चल रहा है. ऐसे में कान्ता बेन की शानदार कॉमिक टाइमिंग जिसको जितनी बार भी देख लो हंसी रोक नहीं पाओगे.
2. लैला
फ़िल्म : ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा
एक्ट्रेस: कटरीना कैफ़
फ़िल्म जितनी ख़ूबसूरत है उतने ही उसके किरदार. मगर तीन दोस्तों के बीच लैला ने हमारे दिल में अलग जगह बनाई. ज़िंदा दिल, ज़िंदगी को ख़ुल कर जीने वाली लैला ने हमें भी जीना सिखा दिया.
3. चतुर
फ़िल्म : 3 इडियट्स
एक्टर: ओमी वैद्या
चतुर बोले या साइलेंसर जैसा आपको सही लगे. चतुर का बोलने का तरीका उसका ज़रूरत से ज़्यादा कॉम्पिटिटिव होना और उसकी स्पीच उसके लिए तो शब्द ही नहीं है.
4. सरदार ख़ान
फ़िल्म : गैंग्स ऑफ़ वासेपुर
एक्टर: मनोज बाजपेयी
ऐसे तो फ़िल्म शानदार एक्टर्स से भरी हुई है मगर सरदार ख़ान अंत तक हमारे साथ रह जाते हैं. सरदार उलझे हुए इंसान है पर साथ ही में सबसे रिलेटेबल भी. (गोली नहीं मारेंगे, कह कर लेंगे)
5. पूह
फ़िल्म : कभी ख़ुशी कभी ग़म
एक्ट्रेस: करीना कपूर
एक ऐसा साइड कैरक्टर जिसको लीड जितना ही प्यार मिला है. एक ऐसी लड़की जो ख़ुद से बेइंतेहा प्यार करना जानती है और आत्मविश्वास से भरी है. पूह आजकल के युवाओं की ‘साउथ दिल्ली’ वाली लड़की है.
6. सर्किट
फ़िल्म : मुन्ना भाई I और II
एक्टर: अरशद वारसी
मुन्ना भाई को जो सबसे ज़्यादा ख़ास बनाता है वो सर्किट है. अपना कैसे भी हाल में हो मगर भाई ने बोला है तो करने का ! सर्किट ने हमें एक दोस्त दिया और दोस्ती भी करना सिखाया.
7. डॉ. जहांगीर ख़ान
फ़िल्म : डिअर ज़िंदगी
एक्टर: शाहरुख़ ख़ान
फ़िल्म में डॉ. जहांगीर ख़ान केवल कायरा के थेरपिस्ट नहीं थे, दोस्त, मेंटॉर और एक तरह से उसका प्यार भी थे. उन्होंने कायरा से जिंदगी के तमाम फलसफों के बारे में खूब बातें कीं. उनके जीवन के ‘फंडे’ सिर्फ़ कायरा को ही नहीं हमें भी जीना सिखा गए.
8. ऑस्कर भाई
फ़िल्म : दिलवाले
एक्टर: संजय मिश्रा
ऐसे तो फ़िल्म में कई बड़े-बड़े एक्टर्स थे मगर संजय मिश्रा ने अपने छोटे से ही रोल में बड़ी पारी खेल ली. ऑस्कर भाई जो चुराई हुए गाड़ी के पुर्ज़ों का धंधा करते हैं और अपनी बेटी पर जान झिड़कते हैं. ऑस्कर भाई ने अपनी बेढंगी लाइनों पर ख़ूब हंसाया है.
9. शेफ़ाली ठाकुर
फ़िल्म : आयशा
एक्टर: अमृता पुरी
शेफ़ाली फ़िल्म में आपको अपनी सी लगती है. छोटे शहर से निकली वो लड़की जो भागते नगर और नए दोस्तों, चाल-चलन के बीच ख़ुद को घोलने की कोशिश करती है. जहां उसकी बाहरी सूरत तो बदल जाती है मगर वो अंत तक अंदर से वही सरल शेफ़ाली रहती है.
10. पप्पी जी
फ़िल्म : तनु वेड्स मनु
एक्टर: दीपक डोबरियाल
मनु का दोस्त, पप्पी जिसने हमें हंसाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. उसका एक-एक डायलॉग हंसी की गैस की तरह था.
मनु का दोस्त, पप्पी जिसने हमें हंसाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. उसका एक-एक डायलॉग हंसी की गैस की तरह था.
11. बलविंदर ‘बॉबी’ खोंसला
फ़िल्म : रब ने बना दी जोड़ी
एक्टर: विनय पाठक
बॉबी वो यारा जिसका स्टाइल जितना धांसू है उसका दिल भी उतना ही बड़ा है. मिलेगा बॉबी जैसा स्टाइलिस्ट कहीं?
12. विजय लक्ष्मी
फ़िल्म : क्वीन
एक्टर: लिसा हेडेन
विजयलक्ष्मी जो जीवन अपनी शर्तों पर जीने से डरती नहीं है. एक मां होकर भी जीवन को खुल कर जिया जा सकता है.