अरे तुम टोपा ही हो क्या एकदम… एक घुमा के कंटाप देंगे न झुमरी तलइया पहुंच जाओगे…

दोस्तों अब आप सोच रहे होंगे कि ये हमको हुआ क्या है? अरे जनाब अब क्या करें कुछ दिनों से youtube पर हम Make Joke Of के वीडियोज़ देख रही हूं. सच में हंसते-हंसते पेट फूल गया. पर क्या बताएं कानपुर से होने के कारण हम इससे ज़्यादा रिलेट कर पा रहे थे. इसमें जिस तरह से कानपुर में बोले जाने वाले शब्दों या यूँ कह लीजिये कि कनपुरिया शब्दों का इस्तेमाल किया है, वो बहुत मज़ेदार है. Make Joke Of की ख़ास बात ये है कि इसका कोई भी वीडियो बोरिंग नहीं है. आप जितनी बार इनको देखेंगे उतनी बार आपको हंसी आएगी.

सोशल इशूज़ को ह्यूमर और सटायर के साथ इसके मेकर्स जिस तरह से पेश करते हैं, वो क़ाबिले तारीफ़ है. Make Joke Of की सोशल प्रेज़ेंस के कारण ही Youtube पर इस पेज के अभी तक 3,546,165 सब्क्राइबर्स हैं. मगर उनके हर वीडियो लगभग 50 लाख लोग देखते हैं.

इसलिए आज हम लेकर आये हैं इस वीडियो के कुछ डायलॉग्ज़ के साथ उससे जुड़े किस्से:

1. जब वीडियो में एक आदमी दूसरे को अपना रिश्तेदार बनाने से मना करता है.

2. जब दो भाई आपसे में लड़ते हैं

3. ये डायलॉग Make Joke Of के ‘चाचा के पटाके’ वीडियो में यूज़ हुआ है. इस डायलॉग को गली के लड़के चाचा जी से तब बोलते हैं, जब वो उनसे गुस्सा होते हैं. इसका मतलब है, ‘क्यों चाचा ज़्यादा स्मार्ट बन रहो क्या खुद को?’

4. जब गुरु जी से उनका चेला पूछता है कि भक्तों के लिए दरवाज़ा खोल दें, तब ढोंगी गुरु जी ये डायलॉग मारते हैं

5. ये डायलॉग तो हम सभी ने कभी न कभी बोला ही होगा

6. कानपुरिया लोगों का ये तरीका होता है, किसी व्यक्ति को उस वक़्त रोकना जब वो कुछ ज़्यादा ही उतावला हो रहा हो.

7. जब एक भक्त ने गुरु जी से उनकी लिमिट में रहने को कहा.

8. अगर नहीं समझे तो, आपको भी हम टोपा ही कहेंगे…

9. दो दोस्त, दो भाई आपस में या बाप बेटे से ऐसे बोल देता है

10. ये उनके लिए है, जो खुद अपने कर्मों से अपनी बेईज्जती करवाते हैं

11. जिसको कुछ पता न हो पर वो ज्ञाता बने…

12. Make Joke Of के एक वीडियो में चाचा जी ने टोपा का विस्तार से वर्णन किया है. तो अब समझ लो भाई फिर मत कहना

13. जब कोई किसी को एक ही बात बोल-बोल कर परेशान करते है, तो यही निकलता है मुंह से

14. थोड़ा अटपटा है, लेकिन दो चड्डी-बड्डी दोस्त एक-दूसरे से मज़ाक-मज़ाक में आपसे में ये बोल सकते हैं

15. जब कोई बिना वजह फालतू ही हंस रहा हो

क्यों मज़ा आया न ये डाइलॉग्ज़ पढ़कर? अब कनपुरिये होते ही इतने मज़ाकिया, पर दिल के बहुत सच्चे भी होते हैं.