सिनेमा हमारी ज़िंदगी का वो अहम हिस्सा है, जिसे हम कभी नहीं नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते. जब मन उदास होता है तो आप अपनी फ़ेवरेट फ़िल्म देख लेते हैं. ये सिनेमा कभी हमें हंसाता है, रुलाता है और कभी-कभी हमारा मन भी बहलाता है. आज के दौर में सिनेमा बहुत बदल चुका है. हिंदी सिनेमा ब्लैक एंड वाइट से कलर हुआ और कलर से 3D, लेकिन आज भी सुनो तो पुराने लोग बोलते हैं हमारे ज़माने का सिनेमा कुछ और ही था. उसी ब्लैक एंड वाइट ज़माने से हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ बेहतरीन और चुनिंदा फ़िल्मों की लिस्ट.
ये रहीं वो फ़िल्में:
1. महल (1949)
कमाल अमरोही द्वारा निर्देशित पुनर्जन्म पर आधारित ये पहली फ़िल्म थी. इसमें अशोक कुमार और मधुबाला मुख्य भूमिका में थे. स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी को भी इसी फ़िल्म में गाए गाने ‘आएगा आनेवाला’ से पहचान मिली थी.

2. दो बीग़ा ज़मीन (1953)
बिमल रॉय द्वारा निर्देशित ये फ़िल्म पहली फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड जीतने वाली फ़िल्म थी. इसमें बलराज साहनी और निरूपा रॉय मुख्य भूमिका में थे.

3. बूट पॉलिश (1954)
इस फ़िल्म के निर्देशक प्रकाश अरोड़ा थे, जबकि इसके निर्माता राजकपूर थे. इस फ़िल्म को फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड मिला था.

4. जागते रहो (1956)
अमित मित्रा और सोंभू मित्रा निर्देशित इस फ़िल्म के हीरो राजकपूर थे. ये फ़िल्म बंगााली भाषा में भी बनाई गई थी.

5. प्यासा (1957)
इसके अभिनेता, निर्देशक और निर्माता गुरुदत्त थे. इनके साथ दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान थीं.

6. चलती का नाम गाड़ी (1958)
इस फ़िल्म में अशोक कुमार, अनूप कुमार और किशोर कुमार के साथ मधुबाला भी मुख्य भूमिका में थीं.

7. लव इन सिमला (1960)
इस फ़िल्म में साधना और जय मुखर्जी थे. कहानी के अलावा इस फ़िल्म में साधना की हेयरस्टाइल भी फ़ेमस हुई थी, जिसे आज ‘साधना कट’ कहा जाता है.

8. मुग़ल-ए-आज़म (1960)
उस दशक की सबसे भव्य और फ़ेमस फ़िल्म थी मुग़ल-ए-आज़म. इस फ़िल्म को आज भी लोगों ने अपने दिलों में ज़िंदा रखा है. सलीम-अनारकली की अमर प्रेम कहानी पर बनी इस फ़िल्म में पृथ्वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला मुख्य भूमिका में थे. 2004 में इसे कलर बनाकर रिलीज़ किया गया था.

9. काला बाज़ार (1960)
इस फ़िल्म के निर्माता देव आनंद थे और इसके निर्देशक इनके भाई विजय आनंद थे. फ़िल्म में देव आनंद ने अभिनय भी किया था. इनके साथ महान अभिनेत्री वहीदा रहमान थीं.

10. हम दोनों (1961)
आर्मी ऑफ़िसर की कहानी पर बनी इस फ़िल्म में देव आनंद और साधना ने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया था.

11. साहेब, बीबी और ग़ुलाम (1962)
इस फ़िल्म में गुरु दत्त और मीना कुमारी के अलावा वहीदा रहमान भी थीं.

12. हाफ़ टिकट (1962)
ये फ़िल्म एक थ्रिलर कॉमेडी थी. इसमें किशोर कुमार के अलावा मधुबाला और प्राण भी थे.

13. बंदिनी (1963)
बिमल रॉय द्वारा निर्देशित फ़िल्म बंदिनी ने 6 फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड जीते थे. इसमें बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट फ़िल्म और बेस्ट एक्ट्रेस शामिल थे. इस फ़िल्म में नूतन और धर्मेंद्र मुख्य भूमिका में थे.

14. दोस्ती (1964)
सत्येन बोस द्वारा निर्देशित ये फ़िल्म दो दोस्तों की कहानी थी. इसमें सुशील कुमार और सुधीर कुमार मुख्य भूमिकाओं में थे. इस फ़िल्म ने बेस्ट स्टोरी और बेस्ट फ़िल्म के लिए 6 फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड जीते थे.

15. अनुपमा (1966)
इस टाइटल का मतलब ‘Incomparable’ था. इस फ़िल्म में धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर मुख्य भूमिकाओं में थे.

16. बहारों के सपने (1967)
बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ इस फ़िल्म में आशा पारेख थीं. प्यार में आने वाले उतार-चढ़ाव की ये एक दिलचस्प कहानी थी.

17. रात और दिन (1967)
इसमें नर्गिस और प्रदीप कुमार मुख्य भूमिकाओं में थे. इसमें नर्गिस ने एक ऐसी महिला का रोल किया था, जिसे पर्सनैलिटी डिसऑर्डर था.

18. ख़ामोशी (1969)
ये असित सेन की बंगाली फ़िल्म ‘दीप ज्वले जाई’ का रीमेक थी, जिसे हिंदी में भी असित सेन ने ही डायरेक्ट किया था. इसमें राजेश खन्ना और वहीदा रहमान मुख्य भूमिकाओं में थे.

इस वीकेंड आप इनमें से कौन-सी फ़िल्म देखेंगे?