बॉलीवुड में ऐसे कितने स्टार्स हैं जो अक्सर अपने स्ट्रगल के दिनों की बात करते हैं. वो स्टेशन पर सोए, तो उन्होंने वड़ा पाव खाकर समय काटा कोई तो यहां तक कहता है कई दिनों तक भूखे भी रहे हैं. मुंबई में रोज़ बहुत से लोग आते हैं स्टार बनने का सपना लेकर. इनमें से कुछ के साथ तो ऐसा होता है मगर कुछ सिर्फ़ आउटसाइडर होने का दावा करते हैं होते नहीं है. जैसे ये एक्टर भी जो आज अपने अतरंगी अदाज़ के लिए जाने जाते हैं. बात कर रहे हैं रणवीर सिंह की अगर आप इन्हें आउटसाइडर समझते हैं तो वो बिल्कुल ग़लत है क्योंकि रणवीर अपने परिवार से पहले नहीं हैं जो फ़िल्मों की दुनिया में हैं बल्कि इनकी दादी चांद बर्क (Chand Burke) 1950 के दशक की बेहतरीन एक्ट्रेस में शूमार थीं.
चांद बर्क की एक्टिंग की सराहना शोमैन राजकपूर ने भी की थी. आइए जानते हैं कि रणवीर सिंह की दादी फ़िल्मों में कैसे आईं? चांद बुर्के के 12 भाई-बहन थे. इनके एक भाई एस.एम. बर्क, आई.सी.एस. पाकिस्तान के लिए स्कैंडिनेवियाई देशों के मंत्री थे. मगर चांद बर्क का सपना फ़िल्मी पर्दे पर राज करना था इसलिए उन्होंने फ़िल्मों का रास्ता चुना. हालांकि, इनका फ़िल्मी करियर ज़्यादा लंबा नहीं चला. इन्होंने उस ज़माने में बॉलीवुड फ़िल्मों के साथ साथ पंजाबी फ़िल्मों में भी ख़ूब काम किया था.
चांद बर्क के करियर की शुरुआत 1954 में राज कपूर की फ़िल्म की सुपरहिट फ़िल्म बूट पॉलिश से हुई थी. बूट पॉलिश में दो अनाथ बच्चों की कहानी थी, जिसमें बेबी नाज़ भी थीं इसी फ़िल्म में चांद बर्क ने बच्चों की देख-रेख करने वाली तेज़ तर्रार विलेनियस आंटी का किरदार निभाया था. इस फ़िल्म ने बेबी नाज़ के करियर को सांतवे आसमान पर पहुंचा दिया था.
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उस साल के कान्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल में भी बेबी नाज़ के किरदार का ज़िक्र किया गया था. चांद बर्क ने 50 और 60 के दौर में कई फ़िल्मों में कैरेक्टर रोल किये लेकिन उन्हें ज़्यादा पहचान नहीं मिली. इसलिए वो हिंदी और पंजाबी दोनों फ़िल्मों में सक्रिय थीं. चांद बर्क एक बेहतरीन डांसर भी थीं जिसके चलते लाहौर में उनकी कई पंजाबी फ़िल्में काफ़ी मशहूर हुईं और उनके डांस के चलते उन्हें ‘डांसिंग लिली’ का ख़िताब दिया गया.
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हम सबने रणवीर सिंह के बारे में कई ख़बरे पढ़ी हैं कि वो सोनम कपूर के रिश्तेदार हैं तो किसी बिज़नेसमैन के बेटे हैं. रणवीर जो भी हैं लेकिन आउटसाइडर नहीं हैं ये तो इनकी दादी चांद बर्क से साफ़ हो गया. बात करें रणवीर सिंह के भावनानी सरनेम की तो इनकी दादी ने 1955 में बिज़नेसमैन सुंदर सिंह भावनानी से शादी की थी जिनसे उन्हें एक बेटी और एक बेटा हुआ. बेटी का नाम टोन्या भावनानी और बेटे का नाम जगजीत भावनानी है. जगजीत भावनानी ही रणवीर सिंह के पिता है.