कभी-कभी हंसी-मज़ाक में बॉलीवुड फ़िल्में हमें गहरा सबक सिखा जाती हैं. बर्शेत आपने फ़िल्म और उसके सीन ढंग से देखे हों. जैसे ऐसा कई बार हुआ है. जब बॉलीवुड ने दर्शकों तक पितृसत्ता और लैंगिक समानता का महत्वपूर्ण सन्देश पहुंचाया है. इन फ़िल्मों में कुछ कैरेक्टर ऐसे थे, जिन्होंने अपने किरदार के ज़रिये ये समझा दिया कि महिला और पुरुष समान हैं. फ़र्क़ बस हमारी सोच में है.

महिला और पुरुष की इसी समानता को दर्शा रही हैं ये फ़िल्में:

1. गीत (जब वी मेट) 

शाहिद और करीना कपूर स्टारर ये फ़िल्म बॉलीवुड की बेहतरीन फ़िल्मों में से एक है. करीना कपूर फ़िल्म में गीत के किरदार में थी. गीत की लाइफ़ से हमें सीखने को मिलता है कि वही करना चाहिये, जो हमारा दिल कहे. ताकि बाद में किसी ग़लत चीज़ के लिये दूसरे को दोषी न ठहरा पायें.

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2. दीपक सिंह (पिंक)

‘पिंक’ मूवी में अमिताभ बच्चन ने दीपक सिंह का किरदार निभाया था. वकील के रूप में जिस तरह दीपक सिंह सही के साथ खड़े थे वो हमारे पुरुषप्रधान देश के लिये एक सबक है. क्योंकि लेट नाइट पार्टी करने वाली कोई भी लड़की ग़लत नहीं होती. 

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3. सनी गिल (दिल धड़कने दो)

फ़िल्म में सनी गिल (फ़रहान अख़्तर) और आयशा (प्रियंका चोपड़ा) के पति मानव (राहुल बोस) के बीच बातचीत हो रही होती है. मानव सनी से कहता है कि आज तक उसके परिवार की महिलाओं को काम करने की आज़ादी नहीं दी गई. पर उसने आयशा को नहीं रोका और काम करने की इज़ाज़त दी. इस पर सनी कहता है कि आयशा को तुम्हारे परमिशन की ज़रूरत है ही क्यों? मैं सबको यही समझाने की कोशिश कर रहा था और आपने इसे साबित भी कर दिया.

4. शिवानी शिवाजी रॉय (मर्दानी)

फ़िल्म में रानी मुखर्जी ने एक इंस्पेक्टर का किरदार प्ले किया है. फ़िल्म देख कर आप ये तो समझ ही गये होंगे कि एक महिला मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से मज़बूत हो सकती है. इसके साथ ही ग़लत करने वालों को सबक भी सिखाना जानती है.

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5. क़बीर (की एंड का)

‘Ki and Ka’ में कबीर (अर्जुन कपूर) शादी के बाद घर की ज़िम्मेदारी उठाने का फ़ैसला लेता है. वहीं किया (करीना कपूर) अपने करियर में और आगे बढ़ने का निर्णय लेती है. आज अगर असल लाइफ़ में कोई पुरुष ऐसा करने का निर्णय ले, तो उसे न जाने क्या-क्या सुनना पड़ सकता है.

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6. शशी (इंग्लिश विंग्लिश) 

फ़िल्म में श्रीदेवी ने शशी के किरदार को बाख़ूबी दुनिया के सामने पेश किया. फ़िल्म हमें यही सिखाती है कि अगर महिला चाहे तो वो घर से बाहर निकाल कर भी ख़ुद को साबित कर सकती है. इसके साथ ही जो पाना चाहती है. वो भी पा सकती है. 

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7. महावारी सिंह फ़ोगाट (दंगल) 

‘दंगल’ बॉलीवुड की सुपरहिट फ़िल्मों में से एक है. फ़िल्म में महावारी सिंह फ़ोगाट जिस तरह से अपनी बेटियों को कुश्ती के ‘दंगल’ में उतारते हैं और आगे बढ़ने के लिये मोटिवेट करते हैं. वो वाकई समाज के लिये सीख है.

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8. क़बीर (चक दे इंडिया) 

इस फ़िल्म में क़बीर का रोल शाहरुख़ ख़ान ने निभाया. कबीर का भी यही मानना है कि महिलाएं भी पुरुषों के बराबर ही मज़बूत और कर्मठ होती हैं.

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बॉलीवुड में ऐसी फ़िल्में बनती रहनी चाहिये, क्योंकि हमें ऐसी कहानियों की बहुत ज़रूरत है.