‘द केरला स्टोरी’ के बाद अब ’72 हूरें’ नाम की फ़िल्म को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है. इस बीच केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने इस विवादित फ़िल्म के ट्रेलर को सर्टिफ़िकेट देने से ही इंकार कर दिया है. आज 72 Hoorain फ़िल्म का ट्रेलर रिलीज़ हो चुका है. ऐसे में बिना सर्टिफ़िकेट ही ट्रेलर रिलीज़ करना पड़ा. सेंसर बोर्ड के इस फ़ैसले ने हर किसी को हैरान कर दिया है. चलिए जानते हैं आख़िर क्या है पूरा विवाद.

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बता दें कि सेंसर बोर्ड फ़िल्म को पहले ही हरी झंडी दे चुका है. लेकिन अब CBFC ने इसके ट्रेलर को सर्टिफिकेट देने से ही इंकार कर दिया गया है. सेंसर बोर्ड के इस फ़ैसले से मेकर्स हैरान हैं. मेकर्स का कहना है कि वो अब इस मामले में मदद के लिए उच्च अधिकारियों के पास जाएंगे. साथ ही इस संबंध में ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ से भी CBFC के उच्च अधिकारियों से पूछताछ करने का अनुरोध करेंगे.

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सेंसर बोर्ड के इस फ़ैसले को लेकर फ़िल्म के प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने कहा, ‘वहां बैठे ये लोग कौन हैं? ये मामला बेहद गंभीर है. बड़ी अजीब बात है जिस फ़िल्म को सरकार ने ‘नेशनल अवॉर्ड’ दिया, जिसकी ख़ूब सराहना की, अब उसे CBFC ने प्रमाणपत्र देने से ही इंकार कर दिया है’.

आख़िर ’72 हूरें’ को लेकर विवाद क्यों?

फ़िल्म की कहानी आतंकवाद और दक़ियानूसी परम्पराओं पर आधारित है. ट्रेलर में वही दिखाया गया है, जो फ़िल्म में है. बता दें कि ये फ़िल्म साल 2019 में ‘नेशनल अवॉर्ड’ जीत चुकी है. दरअसल, फ़िल्म में कुछ तब्दीली करने के बाद इसे दोबारा रिलीज़ किया जा रहा है. लेकिन अब सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म के ट्रेलर को ही सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया है. वर्तमान में CBFC के चेयरपर्सन मशहूर गीतकार प्रसून जोशी हैं.

फ़िल्म का ट्रेलर दमदार नज़र आ रहा है-

इस फ़िल्म का निर्देशन नेशनल अवॉर्ड विनिंग संजय पूरन सिंह चौहान ने है, जो साल 2019 में भी Bahattar Hoorain नाम की फ़िल्म बना चुके हैं. इस फ़िल्म के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर का ‘नेशनल अवॉर्ड’ मिला था. बतौर डायरेक्टर संजय पूरन सिंह चौहान की पहली फ़िल्म ‘लाहौर’ थी, जो साल 2009 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के लिए उन्होंने बेस्ट डेब्यू फ़िल्म डायरेक्टर का ‘नेशनल अवॉर्ड’ अपने था.