Bollywood Female Director: फ़िल्मों का सबसे बड़ा हीरो उस फ़िल्म का डायरेक्टर होता है. उसके ही इशारों पर एक्टर और एक्ट्रेस एक्टिंग करते हैं. डायरेक्टर अपनी फ़िल्म को बेस्ट बनाने के लिए हर कोशिश करता है. चाहे उसे हीरो-हीरोइन को बदलना पड़े या फिर कहानी को ही क्यों न रीएडिट करना पड़े. डायरेक्टर सबकुछ करता है फ़िल्म को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए. डायरेक्टर का नज़रिया जिस धुरी पर घूमता है वो होती है कहानी. कहानी एक पेपर पर लिखे चंद शब्द होते हैं, जिन्हें सांसें देता है डायरेक्टर अगर कहानी कमाल की और हटके हो तो उस पर काम करने में भी बड़ा मज़ा आता है. ऐसी ही कुछ हट के कहानियां लाने का श्रेय बॉलीवुड की कुछ फ़ीमेल डायरेक्टर (Bollywood Female Director) को जाता है, जिन्होंने बॉलीवुड में नज़रिया ही नहीं बल्कि कहानी के मामले में उसका कलेवर ही बदल डाला और दर्शकों को उस पर विश्वास करने पर मजबूर भी किया.  

ये रहीं बॉलीवुड की वो दमदार फ़ीमेल डायरेक्टर (Bollywood Female Director):

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Bollywood Female Director

1. नंदिता दास (Nandita Das)

नंदिता दास ने निर्देशक (Bollywood Female Director) के तौर पर पहली फ़िल्म फ़िराक़ डायरेक्ट की थी, जिसके लिए इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. फ़िल्म में गुजरात दंगों के बाद लोगों पर पड़े आवात्मक और शारीरिक बदलावों के बारे में दिखाया गया था. इसके बाद नंदिता ने पाकिस्तानी लेखक सआदत हसन मंटो की कहानी पर फ़िल्म में बनाई जिसमें नवाज़ुद्दीन सिद्दिक़ी ने मंटो का किरदार निभाया था. 

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2. अश्विनी अय्यर तिवारी (Ashwiny Iyer Tiwari)

निर्देशक अस्विनी अय्यर तिवारी निल बटे सन्नाटा और बरेली की बर्फ़ी जैसी दो अलग-अलग कहानियां गढ़ीं. एक में उन्होंने महिला की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया तो दूसरे में छोटे शहर के प्यार को दर्शाया. दोनों ही कमाल की फ़िल्में थीं

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3. शोनाली बोस (Shonali Bose)

2005 में शोनाली बोस ने अपने ही उपन्यास अमू पर आधारित एक फ़िल्म का निर्देशन किया, जो 1985 में दिल्ली में सिख नरसंहार पर आधारित थी. शोनाली को एक अंग्रेज़ी फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. इन्होंने मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ (Margarita With A Straw) जैसी एक फ़िल्म बनाई जो एक विकलांग व्यक्ति पर आधारित थी. शोनाली ने द स्काई इज़ पिंक जैसी फ़िल्मों का भी निर्देशन किया है.

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4. लीना यादव (Leena Yadav)

पार्च्ड में लीना यादव ने गांव की रहने वाली महिलाओं की ज़िंदगी को बहुत ही बेहतरीन तरीक़े से दिखाया था. इसमें महिलाओं की अधूरी इच्छाएं, टूटे सपनें और बिखरे रिश्ते की कहानी को दर्शाया गया था. दिल्ली का सबसे भयावह बुराड़ी केस पर आधारित House of Secrets: The Burari Deaths नाम की डॉक्यूमेंट्री Netflix पर आई थी, जिसे लीना यादव ने डायरेक्ट किया था.

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5. रोहेना गेरा (Rohena Gera)

रोहेना गेरा ने फ़िल्म सर (SIR) का डायरेक्शन किया था, जिसमें उन्होंने स्टीरियोटाइप को तोड़ते हुए एक अलग ही पहलू को दर्शाया था, जिसकी कहानी एक लिव इन मेड मतलब जो हाउस हेल्प घर मे ंही रहते हैं और एक अमीर परिवार के बिगड़े लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है और फिर दोनों में प्यार हो जाता है.

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6. आरती कडव (Arati Kadav)

आरती कडव ने शुरुआत शॉर्ट फ़िल्म टाइम मशीन से की थी, जिसमें एक ऐसे लड़के की कहानी थी जो टाइम मशीन का इस्तेमाल करना चाहता था और वो प्यार, लालच और नुकसान का सामना करता है. हाल ही में आरती की Netflix पर कार्गो रिलीज़ हुई है.

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7. रेणुका शहाणे (Renuka Shahane)

दो दशकों से दर्शकों का मनोरंजन कर रही अभिनेत्री रेणुका शहाणे से त्रिभंगा से निर्देशन की तरफ़ क़दम रखा. इसमें इन्होंने मां और बेटी के रिश्ते को दर्शाया है, जिनका रिश्ता सामान्य नहीं है और कई उतार-चढ़ाव से गुज़रता है.

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8. अलंकृता श्रीवास्तव (Alankrita Shrivastava)

अलंकृता ने डेब्यू फ़िल्म टर्निंग 30 से किया था, लेकिन उन्हें ज़बरदस्त पहचान फ़िल्म लिपस्टिक अंडर माई बुर्क़ा से मिली थी. बोल्ड और उत्तेजित करने वाले दृश्यों के चलते फ़िल्म को सेंसर की मार भी झेलनी पड़ी थी. इनकी अगली फ़िल्म डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे थी, जो ऐसे रिश्तों पर आधारित थी जिनमें कुछ नहीं बचा और उन्हें ख़त्म करना ही बेहतर है.

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9. ज़ोया अख़्तर (Zoya Akhtar)

फ़िल्म लक बाय चांस से लेकर गली बॉय तक ज़ोया अख़्तर ने हमेशा निर्देशन के माध्यम से समाज को नई दिशा देनी की कोशिश की है. लस्ट स्टोरिज़ और घोस्ट स्टोरीज़ इन दोनों ही फ़िल्मों में आपको बहुत ही विचित्र कहानियां देखने को मिलेंगी और निर्देशन के माध्यम से इन कहानियों में ज़ोया अख़्तर का स्तर देखने को मिलेगा.

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आपको बता दें, कोंकणा सेन शर्मा को 2017 में शानदार निर्देशन और दमदार अभिनय के लिए GQ का मेन ऑफ़ द ईयर अवार्ड्स दिया गया था. इसके बाद, ए डेथ इन द गंज की रिलीज़ हुई जिसने कोणकोणा की बहुुखी प्रतिभा को साबित किया.