A Story Behind How Film 1971 Anand Was Made: फ़िल्म ‘आनंद’ 1971 की बेस्ट फ़िल्मों में से एक थी. ये हिंदी सिनेमा की उन फ़िल्मों में सुमार है जिसे जितनी बार भी देखो कम है. अगर फ़िल्म देखते-देखते आपके आंसू नहीं निकले, तो इसका मतलब आपका दिल पत्थर है. कुछ फ़िल्मों की कहानी, गाने और डायलॉग्स बेहद दिलचस्प और ख़ूबसूरत होते हैं और उनमें से एक फ़िल्म ‘आनंद’ भी थी. जितनी ख़ूबसूरत इस फ़िल्म की कहानी है, उतनी ही ख़ास इस फ़िल्म के बनने की कहानी भी है. चलिए इसी क्रम में आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि आख़िर 1971 की ब्लॉकबस्टर फ़िल्म ‘आनंद‘ कैसे बनी थी.

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चलिए नज़र डालते हैं इस दिलचस्प क़िस्से पर (A Story Behind How Film 1971 Anand Was Made)-

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‘हंसना सबसे अच्छी दवाई है‘. पूरी फ़िल्म इस लाइन पर आधारित है. दरअसल, दोस्ती पर बनी ये फ़िल्म अभिनेता राज कपूर और निर्देशक हृषिकेश मुख़र्जी की दोस्ती पर बनी थी. जिसमें डॉक्टर का क़िरदार अमिताभ बच्चन निभा रहे थे. फ़िल्म में राजेश खन्ना अपने दोस्त अमिताभ को बाबू मोशाई भी कहते हैं. अगर हम इस फ़िल्म की कास्टिंग की बात करें, तो हृषिकेश मुख़र्जी ने फ़िल्म में आनंद के लिए किशोर और डॉक्टर भास्कर के लिए महमूद को कास्ट करने का फ़ैसला किया था.

वहीं दूसरी तरफ फ़िल्म में गुलज़ार ने भी अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने फ़िल्म की कहानी लिखने से लेकर, डायलॉग्स और कविता भी लिखी थी. जिसे डॉ. भास्कर यानी अमिताभ बच्चन ने गाई थी. उस कविता का नाम ‘मौत एक कविता है’ था.

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फ़िल्म को बनने की दिलचस्प कहानी

कहते हैं कि, निर्देशक ऋषिकेश मुख़र्जी और अभिनेता राज कपूर के बीच बेहद गहरी दोस्ती थी. एक बार राज कपूर की तबियत बेहद ख़राब हो गई थी. इससे उनके मित्र ऋषिकेश मुख़र्जी काफ़ी घबरा गए थे. उन्हें लगा कि अब राज कपूर उन्हें छोड़कर चले जाएंगे. यही वो समय था, जब ऋषिकेश मुख़र्जी ने फ़िल्म बनाने का सोचा और फ़िल्म में अपनी और राज कपूर की कहानी दिखाने का फैसला किया.