Aamir Khan Vipassana: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर ख़ान ने फ़िल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बाद फ़िल्मों से कुछ वक़्त के लिए ब्रेक लेने का फ़ैसला किया था. अब ख़बर है कि वो एक्टिंग से दूर मेडिटेशन के रास्ते पर चले गए हैं (Aamir Khan In Nepal For Meditation). मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आमिर हाल ही में नेपाल गए हैं. बताया जा रहा है कि वो 10 दिनों तक काठमांडू में ‘विपश्यना’ साधना करेंगे. (What is Vipassana)

ऐसे में आइए जानते हैं कि ये विपश्यना क्या है, जिसके लिए आमिर भारत छोड़कर नेपाल चले गए हैं-

Aamir Khan Vipassana

क्या है विपश्यना? (What is Vipassana)

विपश्यना एक प्राचीन ध्यान विधि है, जिसका मतलब है देखकर लौटना. लेकिन किसे? अपने आप को. अपनी अंतरात्मा को. विपश्यना को आत्म निरीक्षण और आत्म शुद्धि की सबसे बेहतरीन ध्यान पद्धति माना जाता है. विपश्यना का अभिप्राय है की जो वस्तु सचमुच जैसी हो, उसे उसी प्रकार जान लेना.

आसान भाषा में कहें तो जैसे व्यायाम से शरीर को स्वस्थ बनाया जाता है, वैसे ही विपश्यना से मन को स्वस्थ बनाया जाता है. विपश्यना एक ध्यान विधि है जो कि ख़ुद को जानने में आपकी मदद करती है. माना जाता है कि विपश्यना से मन को शांति प्राप्‍त होती है और एक सुखी जीवन बिताना संभव हो जाता है.

कहा जाता है कि 2500 साल पहले गौतम बुद्ध ने इसकी खोज की थी. इसी ध्यान विधि के ज़रिए उन्होंने भी अपनी अंतरात्मा से साक्षात्कार किया था और बुद्धत्व प्राप्त किया था. उसके बाद उन्होंने अपने अनुयायियों को भी इसका ज्ञान कराया. उस समय उत्तर भारत के लोग विपश्यना के अभ्यास से अपने दुखों से आज़ाद हुए. समय के साथ ये विधि भारत के पड़ोसी देशों श्रीलंका, थाईलैंड और वर्मा में फैल गयी.

क्या होता है विपश्यना में?

विपश्यना सीखने के लिए योग्य प्रशिक्षक की ज़रूरत होती है. इसके लिए क़रीब 10 दिनों तक शिविर में रहना पड़ता है. हालांकि सारी समस्याओं का समाधान दस दिन में ही होगा ऐसी उम्मीद नहीं करनी चाहिए. जितना अभ्यास बढ़ेगा, दुखों से छुटकारा मिलता चला जाएगा. (Vipassana Benefits)

साधक को क़रीब 10 दिन तक लगातार बैठकर ध्यान करना होता है और मौन रहना पड़ता है. इसके अलावा बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रहता. इस दौरान आप ना तो फ़ोन पर बात कर सकते हैं, ना ही न्यूज़ पेपर या किताबें पढ़ सकते हैं.

फ़ॉलो करने होते हैं विपश्यना के 5 सिद्धांत

विपश्यना प्रशिक्षण के तीन सोपान होते है. पहला साधक को उन कामों से दूर रहना पड़ता है, जिनसे उसकी हानि होती है. विपश्यना के दौरान आपको अपनी सांस की अनुभूति करनी होती है. यानी सांस के रूप में हवा को अंदर लेने और बाहर छोड़ने की प्रक्रिया को महसूस करना होता है. इसको लेकर आपको सजग रहने का अभ्यास करना होता है.

साथ ही, इसके लिए पांच शील पालन करने का व्रत लेना होता है. जिन्हें 5 सिद्धांत भी कहते हैं. ये हैं जीव हिंसा की मनाही, चोरी ना करना, ब्रह्मचर्य का पालन, अपशब्दों और झूठ का प्रयोग न करना और नशे से दूर रहना. इन पांच शीलों के पालन से मन को नियंत्रित करना आसान हो जाता है.

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