सुचित्रा सेन हिंदी और बंगाली सिनेमा की एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जिनकी तुलना अमेरिका की महान अभिनेत्री Greta Garbo से की जाती है. बंगाली सिनेमा के सुपरस्टार उत्तम कुमार के साथ उनकी जोड़ी काफ़ी पसंद की जाती थी. इनकी फ़िल्में आज भी दर्शकों में ख़ूब पसंद आती हैं. सुचित्रा जी भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी एक्टिंग के लिए सम्मानित किया गया था.
सुचित्रा सेन को 1963 में फ़िल्म ‘सात पाके बंधा’ के लिए मॉस्को फ़िल्म फे़स्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था. बंगाली सिने प्रेमी तो उन्हें ईस्ट की Greta Garbo कहकर पुकारते हैं. सुचित्रा सेन ने अपने फ़िल्मी करियर में क़रीब 60 बांगला और 7 हिंदी फ़िल्मों में काम किया था.
बॉलीवुड में उनकी एंट्री फ़िल्म ‘देवदास’ से हुई थी, जिसमें उन्होंने पारो का रोल निभाया था. सुचित्रा सेन ने मशहूर गीतकार और लेखक गुलज़ार साहब की एक फ़िल्म ‘आंधी’ में भी काम किया था. इस फ़िल्म की शूटिंग के दौरान दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे. दोनों एक-दूसरे को ‘सर’ कहकर चिढ़ाते थे.
फ़िल्म की शूंटिंग के दौरान उन्हें पता चला कि गुलज़ार सुबह-सुबह एक गिलास ठंडा दूध ज़रूर पीते हैं. इसके बाद जब भी गुलज़ार उनसे मिलने कोलकाता जाते थे तब उन्हें सुचित्रा सेन एक गिलास ठंडा दूध ज़रूर पीने को देती थीं. एक बार 1977 में गुलज़ार साहब कोलकाता में थे और सुचित्रा के घर नहीं गए. अपने बिज़ी शेड्यूल की वजह से वो वहां नहीं जा पाए थे.
मगर सुचित्रा जी को ये अच्छा नहीं लगा. जैसे ही सुचित्रा जी को ये पता चला कि गुलज़ार कोलकाता में हैं, वो तुरंत उनके होटल पहुंच गईं. यहां उन्होंने अपने एक सहायक को गुलज़ार को बुलाने के लिए भेज दिया. जैसे ही गुलज़ार साब को ये पता चला कि ख़ुद सुचित्रा जी उनसे मिलने आई हैं. तब वो गाड़ी के पास दौड़े.
गुलज़ार को देखकर सुचित्रा सेन ने सबसे पहला सवाल किया आप ठंडा दूध पिए बिना कैसे वापस जा सकते हैं. इसके बाद दोनों सुचित्रा जी के घर गए और यहां सुचित्रा जी ने उन्हें एक गिलास ठंडा दूध पीने को दिया और कहा कि ‘अब आप मुंबई जा सकते हैं.’
फ़िल्म आंधी जिसके चलते इनकी दोस्ती हुई थी, उस फ़िल्म को इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान रिलीज़ करने पर रोक लगा दी थी. क्योंकि इंदिरा गांधी को लगता था कि इस फ़िल्म में सुचित्रा का किरदार उनसे प्रेरित था.