‘अरे कौन देवी प्रसाद, ये देवी प्रसाद का घर नहीं है, देवी का प्रसाद मंदिर में मिलता है, गराज में नहीं.’ फ़िल्म हेरा फेरी का ये डॉयलॉग इतना फ़ेमस है कि लोग इसे सुनते ही बाबू राव गणपत राव की एक्टिंग करने लगते हैं. इस किरदार को निभा कर हमेशा के लिए अमर कर दिया था एक्टर परेश रावल ने. इसके लिए उन्हें बेस्ट कॉमेडियन का फ़िल्म फ़ेयर का अवॉर्ड भी मिला था.

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‘हेरा फेरी’ में उनके अलावा सुनील शेट्टी, अक्षय कुमार, तबू, ओम पुरी जैसे कलाकार भी थे. इसे डायरेक्ट किया था फ़ेमस बॉलीवुड निर्देशक प्रियदर्शन ने. ये फ़िल्म जब भी टीवी पर आती है, लोग इसे देख कर लोट-पोट हो जाते हैं. इस सुपरहिट फ़िल्म को बनाने के लिए फ़िल्म के कलाकारों ने बहुत मेहनत की थी. 

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इस फ़िल्म से जुड़ी यादें एक्टर सुनील शेट्टी ने अपने एक इंटरव्यू में शेयर की हैं. उन्होंने बताया कि इस फ़िल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें और अक्षय कुमार को न्यूज़ पेपर बिछाकर ज़मीन पर सोना पड़ता था. सुनील शेट्टी ने ये भी बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर एक्शन हीरो की थी. मगर ये पहली फ़िल्म थी जिसके ज़रिये उन्होंने कॉमेडी की दुनिया में कदम रखा था.

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इसकी शूटिंग के दिनों को याद करते हुए सुनील शेट्टी ने कहा-’मुझे नहीं पता कि फ़िल्म कैसे बनी, ये बस हो गया. हम(सुनील शेट्टी, अक्षय और परेश रावल) हर सुबह सेट पर पहुंचते. हमारे किरदार को रियल लुक देने के लिए हमें बिना प्रेस किये हुए कपड़े पहनने होते थे.’


उन्होंने आगे कहा- ‘कई बार अख़बार ज़मीन पर बिछा कर सोना पड़ता था. हमें पता ही नहीं चलता कि कब इसकी शूटिंग हो रही है. हमारा मेकअप भी नहीं होता था, अक्षय और परेश भाई सेट पर फ़िल्म के डायलॉग रिहर्स करते थे. डायरेक्टर जैसे कहते हम बस वैसा करते रहते थे. और बीच-बीच में वो अचानक कट बोल देते थे.’

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सुनील शेट्टी कहते हैं कि ये फ़िल्म परफे़क्ट टीम वर्क का एक आदर्श उदाहरण है. इस फ़िल्म की सफ़लता का श्रेय उन्होंने इस फ़िल्म की सादगी को दिया है. उनका कहना है कि पूरी टीम ने जिस तरह इसे बनाने के लिए मेहनत की थी वो काबिल-ए-तारीफ़ है. 


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