1950-1960 का दौर रेडियो का दौर था. ये दोनों चीज़ें ही लोगों के मनोरंजन का साधन भी थीं. इसलिये लोग घर में कुछ रखें न रखें रेडियो ज़रूर रखते थे. ये वो समय था जब लोगों के मनोरंजन के लिये रेडियो पर कई प्रोग्राम आते थे. इन्हीं प्रोग्राम में से एशिया का लोकप्रिय कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ भी था. शो के होस्ट अमीन सयानी थे, जिन्होंने अपनी मनमोहक आवाज़ से सबका दिल जीत लिया था.
‘बिनाका गीतमाला’ में अमीन सयानी लोगों की ख़्वाहिश पूरी करते हुए शो में बेहतरीन गाने चलाते. यही वजह थी कि रात 8 बजे से लेकर 9 बजे तक लोगों के कान रेडियो से चिपके होते थे. अमीन सयानी के इस शो का पहला एपसोड 1952 में प्रसारित हुआ था. आपको ये जान कर हैरानी होगी कि शो के पहले एपिसोड ने ही श्रोताओं की ख़ूब वाहवाही लूटी. जिसके चलते रेडियो का लोकप्रिय शो बन गया.
शो की बढ़ती लोकप्रियता और श्रोताओं की भारी डिमांड पर इसे काउंट डाउन शो बना दिया गया. लोग अपना पसंदीदा गाना सुनने के लिये वोट करते और उसी के आधार पर शो पर गाने चलाये जाते. हांलाकि, बाद में जब ये जानकारी मिली कि कई श्रोता अपना पसंदीदा गीत सुनने के लिये फ़र्ज़ी वोटिंग करते हैं, तब इस शो के इस सेगमेंट को ख़त्म कर दिया गया.
‘बिनाका गीतमाला’ की कहानी
हांलाकि, शो के प्रसारण के 39 साल बाद टीवी पर भी काउंट डाउन कार्यक्रमों का चलन बढ़ गया, जिससे लोग उसकी ओर ज़्यादा आकर्षित होने लगे. इसके बावजूद ये शो 42 साल तक चला और बाद में इसमें लोगों की कम दिलचस्पी को देखते हुए इसे बंद कर दिया गया.
ये शो भले ही बंद हो गया, पर अमीन सयानी के भाई और बहनों बोलने का अंदाज़ आज भी कानों में गूंजता हैं.
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