बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अक्सर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. ख़ासकर वो ट्विटर पर अपनी हर बात शेयर करते रहते हैं. इस बार बिग बी ने 1975 में आई आइकॉनिक फ़िल्म ‘शोले’ को लेकर एक पोस्ट शेयर की है. शोले वही फ़िल्म है जिसने हिंदी सिनेमा को एक अलग मुक़ाम पर पहुंचाया था.
बच्चन साहब ने अपने ट्वीट नंबर 3504 में लिखा-
’15 अगस्त 1975 को मिनर्वा सिनेमाहॉल में ‘शोले’ फ़िल्म का प्रीमियर.. मां, बाबूजी, जया और मैं… जया बेहद ख़ूबसूरत लग रही हैं..! दरअसल, ये 35mm प्रिंट था, 70mm वाला स्टीरियो कस्टम में फंस गया था और वो प्रीमियर ख़त्म होने के बाद ही मिल पाया…हालांकि, हम में से कुछ वापस आए और 70 mm वाले स्टीरियो पर सुबह के 3 बजे तक फिर से प्रीमियर देखा!
T 3504 – At Premiere of SHOLAY , 15th August 1975, at the Minerva .. Ma, Babuji, Jaya, a bow tied moi .. Jaya looking so pretty .. !
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) April 17, 2020
This was 35mm print, 70mm stereo was stuck in Customs ,& came out after premiere over .. a few of us stayed back and watched it again till 3 am ! pic.twitter.com/WgF9X9kumR
दरअसल, रमेश सिप्पी ‘शोले’ को भारत की सबसे भव्य फ़िल्म बनाना चाहते थे. 35mm का फ़ॉर्मेट इस फ़िल्म को आइकॉनिक बनाने के लिए छोटा था. इसलिए तय किया गया कि इसे 70mm और स्टीरियोफ़ोनिक साउंड के साथ बनाया जाए. लेकिन उस दौर में विदेशों से कैमरे मंगाकर शूटिंग करने से शोले का बजट बढ़ रहा था. इस लिहाज़ से फ़िल्म की अधिकांश शूटिंग 35mm में करके 70mm में ब्लोअप कर दिया गया.
15 अगस्त 1975 को रिलीज़ हुई ‘शोले’ ने भारत में 60 जगह गोल्डन जुबली (50 सप्ताह) और 100 से अधिक सिनेमाघरों में सिल्वर जुबली (25 सप्ताह) मनाई थी. मात्र 3 से 4 करोड़ रुपये में बनी शोले का प्रीमियर मुंबई के मिनर्वा सिनेमाहॉल में हुआ था.
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— Moses Sapir (@MosesSapir) April 17, 2020
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‘शोले’ फ़िल्म ने बंबई के मिनर्वा सिनेमाहॉल में लगातार 5 साल तक चलने का कीर्तिमान स्थापित किया था. इसके पहले बॉम्बे टॉकीज की फ़िल्म ‘किस्मत’ (1943) कलकत्ता में लगातार साढ़े तीन साल तक चली थी. इसके बाद ‘शोले’ का रिकॉर्ड ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे’ ने तोड़ा.
‘शोले’ जब रिलीज़ हुई थी तो फ़िल्म समीक्षकों ने इसकी काफी आलोचना की थी, लेकिन जब ये फ़िल्म ब्लॉकबस्टर हो गई तो अचानक ज़्यादातर के सुर बदल गए थे. इसके बाद इसे क्लासिक और कल्ट मूवी कहा जाने लगा. शोले ही वो फ़िल्म है जिसके कारण स्क्रिप्टराइटर को बॉलीवुड में बेहतर सम्मान और पैसा मिलना शुरू हुआ था.
कहा जाता है कि ‘शोले’ फ़िल्म में जय के रोल के लिए रमेश शिप्पी की पहली पसंद शत्रुघ्न सिन्हा थे, लेकिन सलीम-जावेद और धर्मेन्द्र ने उन्हें अमिताभ का नाम सुझाया. जबकि अमिताभ की कई फ़िल्में फ़्लॉप हो रही थीं. लेकिन सलीम-जावेद ‘ज़ंजीर’ फ़िल्म में अमिताभ की ऐक्टिंग देख चुके थे.