बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1969 में सात हिंदुस्तानी फ़िल्म से की थी. इस फ़िल्म के लिए उन्हें National Film Award for Best Newcomer का अवॉर्ड मिला था. हालांकि, इस फ़िल्म के बाद उनकी कई फ़िल्में फ़्लॉप साबित हुई, लेकिन Zanjeer फ़िल्म ने उनकी तक़दीर बदलकर रख दी थी. इसके बाद बिग बी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो पिछले 54 सालों से बॉलीवुड पर राज कर रहे हैं. अमिताभ बच्चन आज भी उतने ही मशहूर और बिज़ी एक्टर हैं जितने वो 80 के दशक में हुआ करते थे. यही कारण है कि उन्हें सदी का महानायक भी कहा जाता है.

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प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन की हिट जोड़ी

70 और 80 के दशक में अमिताभ बच्चन की कईडायरेक्टर्स के साथ जोड़ी बेहद सफ़ल हुआ करती थी. इन्हीं में से एक प्रकाश मेहरा भी थे. अमिताभ बच्चन और प्रकाश मेहरा की जोड़ी सुपरहिट मानी जाती थी. इस जोड़ी की पहली फ़िल्म Zanjeer (1973) थी. फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस ब्लॉकबस्टर साबित हुई और अमिताभ बच्चन व प्रकाश मेहरा की जोड़ी की रातों-रात मशहूर हो गई. इसके बाद इन दोनों ने ‘हेरा फ़ेरी’, ‘मुक़द्दर का सिकंदर’, ‘लावारिश’, ‘नमक हलाल’ और ‘शराबी’ जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्में दी.

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आज हम अमिताभ बच्चन और प्रकाश मेहरा की इसी सुपरहिट जोड़ी की ‘शराबी’ फ़िल्म का दिलचस्प क़िस्सा सुनाने जा रहे हैं

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प्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित ‘शराबी’ साल 1984 की सुपरहिट फ़िल्मों में से एक थी. ये फ़िल्म 18 मई, 1984 को रिलीज़ हुई थी. 2 घंटे 56 मिनट लंबी ये फ़िल्म दर्शकों को बेहद पसंद आई थी. फ़िल्म में अमिताभ बच्चन, जयाप्रदा, ओम प्रकाश, प्राण, रंजीत समेत कई दिग्गज कलाकार थे. प्रकाश मेहरा हिंदी सिनेमा के उन निर्देशकों में से एक थे, जो अपने परफ़ेक्शन के लिए जाना जाते थे. इस फ़िल्म के एक डायलॉग के लिए उन्होंने अमिताभ बच्चन से 45 रीटेक करवाए थे. बाद फिल्म के एक डायलॉग इतना हिट हुआ आज भी लोगों को याद है.

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आख़िर क्यों लेने पड़े 45 रीटेक?

इस फ़िल्म में अमिताभ एक अमीर बाप की औलाद बने थे और दिग्गज एक्टर प्राण उनके पिता की भूमिका में थे. दरअसल, एक सीन के दौरान प्राण बेटे अमिताभ से कहते हैं ‘तुमने होश संभाला ही कब था एक लेबल की तरह शराब की बोतल से जो चिपक आज तक अलग ही नहीं हो सके‘. इस पर अमिताभ पटलकर जवाब देते हैं ‘शराब की बोतल पर मैं लेबल की तरह चिपक गया हूं डैडी तो लेबल को चिपकाने वाले आप हैं’. शूटिंग के दौरान अमिताभ और प्राण की आवाज़ मैच ही नहीं हो पा रही थी. हर शॉट में अलग-अलग आवाज़ें आ रहीं थी. ऐसे में निर्देशक प्रकाश मेहरा को सटीक आवाज़ मैच करवाने में कुल 45 रीटेक करवाने पड़े.

2 घंटे की कड़ी मशक्कत बाद हुआ OK

बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशक प्रकाश मेहरा के लिए कहा जाता है कि जब तक शॉट उनके मन मुताबिक़ नहीं होता था, वो बड़े से बड़े स्टार्स से भी रीटेक पे रिटेक करवाते रहते थे. फ़िल्म के इस छोटे से डायलॉग के लिए उन्होंने अमिताभ बच्चन की हालत पस्त कर दी थी. अमिताभ बच्चन को 45 रिटेक देने में पूरे 2 घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. इसके बाद डाटरेक्टर साहब ने सीन को ओके परफेक्ट कहा था.

अमिताभ बच्चन फ़िल्म ने आज से 34 साल पहले क़रीब 8 करोड़ रुपये की कमाई की थी. लेकिन ये पहला आख़िरी मौक़ा था जब अमिताभ बच्चन को अपने 54 साल के फ़िल्मी करियर में एक छोटे से डायलॉग के लिए 45 रिटेक देने पड़े. बिग बी वैसे भी ‘वन टेक आर्टिस्ट’ माने जाते, लेकिन वो आज भी बेस्ट आउटपुट देने अपने हर सीन को ख़ुद ही 2 से 3 टेक में पूरा करवाते हैं.

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