कहा जाता है कि हर इंसान को बोलने की आज़ादी है. मगर कुछ लोग इस बात को शायद नहीं समझते. ये बात इसलिए क्योंकि बीते शनिवार मुंबई की नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉर्डन ऑर्ट में एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान दिग्गज अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर को स्पीच के दौरान बार-बार रोका गया.
गेस्ट के तौर पर कार्यक्रम में मौजूद अमोल पालेकर के भाषण को बीच में इसलिए रोक दिया गया, क्योंकि उन्होंने सरकार की आलोचना की. पालेकर मशहूर आर्टिस्ट प्रभाकर बर्वे की याद में आयोजित प्रदर्शनी के दौरान ‘इनसाइड द इम्पटी बॉक्स’ टॉपिक पर बोल रहे थे. और इस दौरान उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर के ख़िलाफ़ जैसे ही कुछ बोलना शुरू किया उन्हें रोक दिया गया. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
दरअसल, अमोल पालेकर ने एनजीएमए (NGMA) के मुंबई और बेंगलुरु केंद्रों की एडवाइज़री समिति को कथित तौर पर ख़त्म करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर की आलोचना की थी. कार्यक्रम में मॉडरेट कर रहीं एक महिला ने अमोल पालेकर को रोका और सिर्फ़ कार्यक्रम से जुड़ी बातों की बात करने को बोला. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2018 के अक्टूबर महीने तक एनजीएमए (NGMA) की एक सलाहकार कमेटी थी, जिसमें लोकल कलाकारों का प्रतिनिधित्व होता था. इसी के बारे में जब अमोल पालेकर ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस कमेटी को अब सीधे संस्कृति मंत्रालय कंट्रोल रह रही है. और जैसे ही इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ बोलना शुरू किया तो उनको तुरंत ही रोक दिया गया.
Watch how veteran actor Amol Palekar is stopped from making any critical comments during his speech for the inaugural of the Prabhakar Barwe retrospective at the NGMA Mumbai on Feb 8, 2019. pic.twitter.com/7lQAxcA1U1
— geeta seshu (@geetaseshu) February 9, 2019
अभी इसकी ज़रूरत नहीं है, माफ़ कीजिए, ये आयोजन प्रभाकर बर्वे के बारे में हैं, कृपया उन्हीं पर बात कीजिए.
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कई युवाओं ने शेयर किया है. वायरल हो रहे वीडियो में साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा है कि वो कह रहे हैं कि, ‘क्या आप मुझे स्पीच बीच में ख़त्म करने के लिए कह रही हैं? क्या मेरे बोलने पर सेंसरशिप लगा रही हैं?’
वहीं सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी ने भी इसकी निंदा करते हुए ट्वीट किया है, उन्होंने लिखा,
‘हमारे लोकतंत्र, हमारे संवैधानिक अधिकारों का पूरा सार, सरकार और उसके नेताओं की आलोचना करने की स्वतंत्रता पर आधारित है. कोई भी आलोचना से ऊपर नहीं है. अमोल पालेकर के साथ ये व्यवहार अलोकतांत्रिक और बेहद निंदनीय है.’ जिसमें ये कहा जा रहा है कि क्या अब बोलने की आज़ादी को भी ख़त्म कर दिया जाएगा.’
The whole essence of our democracy, our constitutional rights, is the freedom to criticise the government and its leaders. No one is above criticism. This behaviour with Amol Palekar is undemocratic and highly condemnable. https://t.co/ls8EDllrza
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 10, 2019
Why does the BJP want to police people’s thoughts and opinions and control what they eat, wear, say and do?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 10, 2019
They want to make India monochrome and colorless. Telling Mr. Palekar to stop speaking shows the nervousness of the govt.
Lets say #NeverAgain to #GolmaalBJP pic.twitter.com/JKEB7lSZqi
वहीं एक यूज़र ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘वर्तमान समय में इसे ही इन्टॉलरेंस (Intolerance) कहा जा रहा है.. दुखद.’
This is the height of Intolerance
— Dr Bhanukumar ડૉ. ભાનુકુમાર (@BhanukumarDr) February 10, 2019
If Amol Palekar didn’t agree with the brief of the program he was invited to, he could’ve denied. To agree to attend and then try and undermine it is exploitative manipulative behaviors that might come as a second nature to the ‘artists’ but is absolutely coward move.
— बी’हाविन! (@WrongDoc) February 9, 2019
Absolutely shameful! The shrinking of dissent spells doom for democracy!
— avkoshy (@avkoshy) February 9, 2019
आज अमोल पालेकर जैसे महान कलाकारों का अपमान किया जा रहा है और फ़र्जी ऐक्टर PM के साथ सेल्फी ले रहे हैं ! दुर्दिन …#AmolPalekar
— Aamir | आमिर | عامر 🇮🇳 (@Aamir_Capri) February 9, 2019
and then they say there is no intolerence ???? does one cut short an invited guest speech like this ? A,mol Palekar sir 👏🙏
— ayesha ramjoo (@ayesharamjoo2) February 9, 2019
सच में ये बहुत दुःखद है.