Amrish Puri Love Story: अमरीश पुरी हिंदी सिनेमा के उन अभिनेताओं में से एक थे जिन्हें आज भी उनकी दमदार आवाज़ और शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है. अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने अपने 35 साल के फ़िल्मी करियर में एक से बढ़ कर एक आइकॉनिक किरदार निभाए. लेकिन ‘मोगैंबो’ के किरदार ने उन्हें हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा विलेन बना दिया था. अमरीश पुरी आज भले ही इस दुनिया में न हों, लेकिन उनकी ज़बरदस्त एक्टिंग को लेकर हम उन्हें आज भी याद किया जाता हैं.
‘मोगैम्बो’ के किरदार के लिए अमरीश पुरी नहीं, ये एक्टर थे पहली पसंद, आधी शूटिंग भी हो गई थी
अमरीश पुरी (Amrish Puri) का जन्म 22 जून, 1932 को पंजाब के नवाशहर में हुआ था. अमरीश पुरी ने 21 सालों तक मुंबई में ‘कर्मचारी बीमा निगम’ में क्लर्क के रूप में काम किया. नौकरी के साथ-साथ उन्होंने अपने एक्टर बनने के सपने को भी जिंदा रखा था. वो नौकरी के साथ ही थिएटर भी किया करते थे. पृथ्वी थिएटर में काम करते हुए उन्होंने कई नाटकों में काम किया. इसके बाद अमरीश पुरी ने अपने साल 1967 में मराठी फ़िल्म ‘शंततु! कोर्ट चालू आहे’ से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की.
अमरीश पुरी की लव स्टोरी
बीमा कंपनी में नौकरी के दौरान अमरीश पुरी की मुलाक़ात उर्मिला दिवेकर से हुई. उर्मिला की सादगी देख अमरीश पहली नज़र में ही उन्हें दिल दे बैठे. एक ही ऑफ़िस में होने की वजह से दोनों के बीच जब बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा तो उर्मिला भी धीरे-धीरे अमरीश को पसंद करने लगीं. लेकिन 1950 के दौर में लव मैरिज का चलन कम होने के कारण अमरीश और उर्मिला के घरवालों ने इस रिश्ते को शादी की मंज़िल तक ले जाने से साफ़ तौर पर इंकार कर दिया.
1950 के दशक में की लव मैरिज
दरअसल, अमरीश पुरी और उर्मिला दिवेकर दोनों ही अलग-अलग प्रांतों से थे. अमरीश पंजाबी तो उर्मिला साउथ इंडियन थीं. घरवालों की ना के बावजूद ये दोनों अक्सर छुप-छुपकर मिल लिया करते थे. ऐसा करते-करते काफ़ी वक़्त बीत गया. आख़िरकार अमरीश और उर्मिला के प्यार के आगे परिवार वालों को झुकना पड़ा और साल 1957 में दोनों की धूमधाम से शादी कर दी. शादी के बाद भी अमरीश और उर्मिला कई सालों तक साथ काम करते रहे.
बॉलीवुड में ‘मोगैंबो’ के नाम से मशहूर अमरीश पुरी भले ही सिल्वर स्क्रीन पर हमेशा विलेन के तौर पर नज़र आए हों, मगर असल ज़िंदगी में वो बेहद साधारण और सज्जन व्यक्ति थे. फ़िल्मों में उन्हें लोगों का किडनैप करते हुए, शराब के नशे में धुत और महिलाओं से छेड़खानी करते हुए दिखाया जाता था, लेकिन असल ज़िंदगी में वो अपने निभाए किरदारों के विपरीत थे केवल अपनी पत्नी से बेहद प्रेम करते थे.
आख़िरकार अमरीश पुरी ने 40 की उम्र में बॉलीवुड में कदम रखा था. साल 1970 में रिलीज़ हुई ‘प्रेम पुजारी’ उनकी डेब्यू फ़िल्म थी. 70 के दशक के आख़िर तक उन्होंने हिंदी फ़िल्मों में सपोर्टिंग रोल निभाए. लेकिन अमरीश पुरी को असल पहचान 1980 की सुपरहिट फ़िल्म ‘हम पांच’ से मिली थी. मिथुन चक्रवर्ती और शबाना आज़मी स्टारर इस फ़िल्म में उन्होंने ‘वीर प्रताप सिंह’ का किरदार निभाया था.
अमरीश पुरी ने अपने 35 साल के फ़िल्मीं करियर में क़रीब 450 से अधिक फ़िल्मों में काम किया. इस दौरान वो ‘रेशमा और शेरा’, ‘क़ुर्बानी’, ‘दोस्ताना’, ‘विधाता’, ‘कुली’, ‘हीरो’, ‘नगीना’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘शहंशाह’, ‘त्रिदेव’, ‘राम लखन’, ‘घायल’, ‘सौदागर’, ‘फूल और कांटे’, ‘विश्वात्मा’, ‘दामिनी’, ‘करन- अर्जुन’, ‘दिलवाले दुलहनियां ले जायेंगे’ ‘घातक’, ‘कोयला, ‘विरासत’, ‘ताल’ और ‘ग़दर’ समेत कई बेहतरीन फ़िल्मों में नज़र आये थे.
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