Amrish Puri AKA Mogambo: अमरीश पुरी हिंदी सिनेमा के उन अभिनेताओं में से हैं जिन्हें उनकी दमदार आवाज़ और शानदार अभिनय के लिए याद किया जाता है. अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने अपने 40 साल के फ़िल्मी करियर में एक से बढ़ कर एक कई आइकॉनिक किरदार निभाए. इन किरदारों ने उन्हें हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा विलेन बना दिया था. अमरीश पुरी आज भले ही इस दुनिया में न हों, लेकिन उनकी ज़बरदस्त एक्टिंग को लेकर आज भी उन्हें याद किया जाता हैं.

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अमरीश पुरी (Amrish Puri) का जन्म 22 जून, 1932 को पंजाब के नवाशहर में हुआ था. सन 1970 में बॉलीवुड फ़िल्म ‘प्रेम पुजारी’ से अपने फ़िल्मीं करियर की शुरुआत करने वाले अमरीश पुरी 70 के दशक के आख़िर तक हिंदी फ़िल्मों में सपोर्टिंग रोल निभाया करते थे. लेकिन उन्हें असल पहचान 1980 कीई सुपरहिट फ़िल्म ‘हम पांच’ से मिली थी. मिथुन चक्रवर्ती और शबाना आज़मी स्टारर इस फ़िल्म में उन्होंने ‘वीर प्रताप सिंह’ का किरदार निभाया था.

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अमरीश पुरी ने अपने 35 साल के फ़िल्मीं करियर में 450 से अधिक फ़िल्मों में काम किया था. इस दौरान वो ‘रेशमा और शेरा’, ‘क़ुर्बानी’, ‘दोस्ताना’, ‘विधाता’, ‘कुली’, ‘हीरो’, ‘नगीना’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘शहंशाह’, ‘त्रिदेव’, ‘राम लखन’, ‘घायल’, ‘सौदागर’, ‘फूल और कांटे’, ‘विश्वात्मा’, ‘दामिनी’, ‘करन- अर्जुन’, ‘दिलवाले दुलहनियां ले जायेंगे’ ‘घातक’, ‘कोयला, ‘विरासत’, ‘ताल’ और ‘ग़दर’ समेत कई बेहतरीन फ़िल्मों में नज़र आये थे. साल 2005 में विविक ओबेरॉय और ईशा शरवानी स्टारर ‘किसना: द वॉरियर पोइट’ उनकी आख़िरी फ़िल्म थी.

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आज हम आपको अमरीश पुरी (Amrish Puri AKA Mogambo) से जुड़ा एक ऐसा क़िस्सा बताने जा रहे हैं, जिसने उन्हें मशहूर बना दिया था-

बात साल 1987 की सुपरहिट फ़िल्म मिस्टर इंडिया (Mr. India) की है. इस फ़िल्म ने अमरीश पुरी को ‘मोगैम्बो’ के रूप में विश्वविख्यात बना दिया था. फ़िल्म में उनका सिग्नेचर डायलॉग ‘मोगैम्बो ख़ुश हुआ’ आज भी उतना ही मशहूर है जितना पहले था. ‘मोगैम्बो’ का किरदार हिंदी सिनेमा के उन किरदारों में शुमार है, जिस पर कई फ़िल्म इतिहासकारों द्वारा अध्ययन तक किया गया है. हिंदी सिनेमा के अब तक के इस सबसे बेहतरीन किरदार को भले ही लेखक ने शानदार तरीके से लिखा हो, लेकिन इसे आइकॉनिक बनाने के श्रेय सिर्फ़ और सिर्फ़ अमरीश पुरी को जाता है. अपनी दमदार आवाज़ और शानदार एक्टिंग से उन्होंने को ‘मोगैम्बो’ अमर कर दिया.

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‘मोगैम्बो’ के रोल के लिए पहली पसंद नहीं थे अमरीश पुरी

शॉक लगा… शॉक लगा… क्यों लगा न शॉक? हमें भी ऐसे ही शॉक लगा था. लेकिन ये बात 100 फ़ीसदी सच है कि ‘मोगैम्बो’ के किरदार के लिए निर्देशक शेखर कपूर की पहली पसंद अमरीश पुरी नहीं थे. अनुपम खेर को इस किरदार के लिए चुना गया था. यहां तक कि अनुपम फ़िल्म में अपने हिस्से की कुछ शूटिंग भी निपटा चुके थे. इसके बाद उन्हें फ़िल्म से आउट दिया गया था. अनुपम खेर ये बात अपने एक इंटरव्यू में ख़ुद बताई थी.

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60% शूटिंग के बाद हुई फ़िल्म में अमरीश पुरी की एंट्री

अनिल कपूर और श्रीदेवी स्टारर ‘मिस्टर इंडिया’ की 60 प्रतिशत शूटिंग ख़त्म होने के बाद फ़िल्म में अनुपम खेर की जगह ‘मोगैम्बो’ के रोल लिए अमरीश पुरी की एंट्री हुई थी. अमरीश पुरी ने अपनी आत्मकथा ‘The Act of Life’ में लिखा कि, मैं निर्देशक शेखर कपूर के इस फ़ैसले से हैरान था क्योंकि फ़िल्म की आधी से ज़्यादा शूटिंग पूरी हो चुकी थी. मैं हैरान था कि इन्हें अब जाकर मेरी याद आई है.

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अमरीश पुरी ने अपनी ऑटोबायोग्राफ़ी में लिखा है कि, इस किरदार के लिए निर्देशक शेखर कपूर ने मुझे पूरी फ़्रीडम दी थी. आरके स्टूडियो में इस फ़िल्म का भव्य सेट लगाया गया था. लगाए गए थे. इस दौरान शूटिंग शेड्यूल इतना मुश्किल था कि मैंने 15-20 दिनों तक दिन का उजाला तक नहीं देखा. शेखर ने इस किरदार की कल्पना ‘हिटलर’ से की थी. लेकिन फ़िल्म में ‘मोगैम्बो’ की नेशनलिटी नहीं बताई गई थी. जबकि ‘मोगैम्बो’ नाम हॉलीवुड स्टार क्लार्क गेबल की सन 1953 में आई एक फ़िल्म से लिया गया था.