An Unsung Hero Of Bhopal Gas Tragedy Who Saved Many Lives: साल 1984, तारीख़ 2-3 दिसंबर. भोपाल के लोगों के लिए ये दिन किसी क़यामत से कम नहीं था. आज से 39 साल पहले यूनियन कार्बाइड के कारखाने से लगभग 40 टन ‘मेथायिल अयिसोसायिनेट’ गैस का रिसाव होने लगा था. भोपाल गैस त्रासदी में हज़ारों लोग अपनी जान गंवा बैठे थे और कई उसका असर आज भी लोग झेल रहे हैं.
इस जानलेवा गैस के फ़ैलने के बाद हर शख़्स अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था. उसी दौरान एक शख़्स ऐसा भी था, जिसने सैकड़ों लोगों की जाने बचाईं. उस हीरो का नाम था ग़ुलाम दस्तगीर.
भोपाल स्टेशन के डिप्टी स्टेशन सुपरिटेंडेंट ग़ुलाम दस्तगीर ने न ख़ुद की सोची और न ही अपने परिवार की. बस वो यात्रियों की जान बचाने में जुट गए. दरअसल, स्टेशन पर अचानक ही उनका दम घुटने लगा. उन्हें मालूम पड़ गया कि ज़हरीली जानलेवा गैस तबाही बनने वाली है.
गैस का रिसाव पता होने के बाद ग़ुलाम ने पहले तो स्टेशन पर खड़ी मुंंबई-गोरखपुर एक्सप्रेस को समय से पहले ही तुरंत रवाना किया. क्योंकि, उस वक़्त ट्रेन में क़रीब 1,000 पैसेंजर थे. फिर अपने सीनियर्स से बातचीत कर किसी भी दूसरी ट्रेन को भोपाल स्टेशन पर नहीं आने दिया.
गु़लाम दस्तगीर की ख़ुद की तबियत ख़राब हो रही थी. फिर भी वो पूरी रात लोगों को भोपाल से निकालने में मदद करते रहे. वहीं, उनके दोनों बेटों की इस ज़हरीली ग़ैस के कारण मौत हो गई.
अपनी इस कर्तव्यनिष्ठा और त्याग के लिए ग़ुलाम दस्तगीर को न ही कोई सम्मान दिया गया और न ही कोई मुआवज़ा. बता दें, साल 2003 में ग़ुलाम दस्तगीर ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. मगर भोपाल के लोगों और यात्रियों के लिए वो हमेशा हीरो रहेंगे.
गौरतलब है कि Netflix पर The Railway Men नाम की सीरीज़ भी रिलीज़ हुई है, जिसमें के के मेनन उनसे प्रेरित क़िरदार निभाते नज़र आ रहे हैं. इस सीरीज़ में आर माधवन, दिव्येंदु और बाबिल ख़ान जैसे एक्टर्स भी लीड रोल में हैं.
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