ये बॉलीवुड (Bollywood) वाले हमारे दिमाग़ में सालों से एक ही तरह की चरस बो रहे हैं. वही पुराना एक्शन, रोमांस, घिसे-पिटे बेमतलब के गाने और फ़र्जी इमोशन्स. फ़िल्मों की स्टोरी भी सेम, यहां तक कि हीरो और उसकी हीरोगिरी भी वही पुरानी. अमा ड्रामा ही करना है, तो कम से कम थोड़ा क्रिएटिव हो लो. मगर नहीं, पुरानी लेथन को नए तरह से समेटकर हमारे आगे उड़ेल देते. मगर अब बस, आज तो इन बॉलीवुडिया जुगाड़बाज़ों की पोल खोलनी ही है.

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तो चलिए देखा जाए कैसे बॉलीवुड वाले हमें घिसे-पिटे पुराने तरीकों से हर बार मूर्ख बनाते हैं.
1. हीरो की स्लो मोशन रंगबाज़ी

हर आदमी को पता है कि फ़िल्म में कौन हीरो है. भइया पोस्टर देख लिया, टीज़र देख लिया और ट्रेलर भी. फिर भी सिनेमा हॉल में हीरो की एंट्री ऐसी स्लो मोशन में चुपके-चुपके होती है, मानो सलमान की जगह ससुरा विल स्मिथ निकल आएगा. अरे हमें मालूम है यार, अपने भाईजान ही एक्टिंग की छीछालेदर करने आने वाले हैं. काहे फिर फ़र्जी इतना भौकाल क्रिएट करते हो.
2. इतनी अबला समाज में नहीं है, जितनी Bollywood में मिलती हैं

भले ही आज एक्ट्रेस बढ़िया दमदार रोल कर रही हों. मगर फिर भी फ़िल्मों में उनकी अबला इमेज दिखाना बंद नहीं हुई है. मतलब हर फ़िल्म में हीरो की ज़िंदगी का एक हई मकसद है, बस जानेबहार को बचाना. अरे प्रभु, लड़कियां ख़ुद को बचाना और संवारना दोनों जानती हैं, हीरो को फालतू इतना कष्ट देना और लड़कियों को हद से ज़्यादा अबला दिखाना बंद कर दो.
3. मॉडर्न गर्ल वही, जो सिगरेट-दारू पिए

देखो सिगरेट-दारू पीना सिंपल च्वॉइस है. चाहें लड़का हो या लड़की. फेफड़े फट के फ़्लावर सबके होंगे. उसका मॉडर्न होने से कतई लेना-देना नहीं है. मगर बॉलीवुडियों को ये समझ ही नहीं आ रहा. अरे गुरू, कभी गांव जाओ, देखो खेतों में काम करने वाली महिलाएं धकापेल बीड़ी सुलगा रही हैं. मगर वो बेचारी मॉडर्न नहीं हो गईं.
4. हर कोई नाचे-गाए पड़ा है

ये सच है कि Bollywood के गाने सुपर फ़न होते हैं. मगर भई, हर फ़िल्म में हीरो-हीरोइन को नचाना-गंवाना ज़रूरी नहीं. ऊपर से हर गाने में पीछे अतिरिक्त कलाकार कहां से नाचने-गाने आ जाते समझ ही नहीं आता. ऊपर से सबको डांस स्टेप याद रहते. बस करो यार, इतनी मक्कारी.
5. हर फ़िल्म में लव स्टोरी घुसेड़ना

फ़िल्म की कहानी का प्यार-मोहब्बत से कोई लेना-देना हो या न, मगर लव स्टोरी तो घुसेड़नी ही है. जबरदस्ती का काम. अमा जब कहानी की मांग ही नहीं है, तुम्हारा हीरो-हीरोइन अकेले ही ज़िंदगी में भसड़ फैलाने को काफ़ी है, तो काहे उन्हें केसरिया तेरा इश्क़ गंवा रहे. सीधे विमल खिलाकर अकेला मैदान में उतारो न.
6. प्यार की उम्र न सही, मगर हीरो की होती है

हीरो बुढ़ाए फिर भी कन्या सुहाये. ये सब क्या चल रहा? जनाब कुछ तो लाज रखिए. चलो 10-15 साल का फ़ासला समझ भी लें, मगर यहां तो हीरो अपनी उम्र से दोगुनी छोटी लड़की के साथ कास्ट किये जा रहे हैं. कैमरा कितनी भी मस्त ले आओ, मगर झुर्रियां इतनी आसानी से नहीं छिपेंगी. ये तो पुरानी हीरोइनोंं और नए हीरो, दोनों के साथ अन्याय है. उन्हें मौक़ा ही नहीं मिल रहा.
7. महा-बकवास एक्शन सीन

कोई सिंघम बनकर पंजे मार रहा, तो कोई लोहा पकड़कर हाथ में पिघलाए दे रहा. एक ही आदमी 100-100 लोगों को पेल-पालकर बराबर किए दे रहा. मतलब चल क्या रहा है? कोई तो सेंस होना चाहिए. ऊपर से जब से एक्शन के मामले में साउथ को कॉपी करने लगे, तब से तो और सत्यानाश कर दिया है.
8. क्षेत्रीय भाषाओं की छीछालेदर मचाना

बॉलीवुड वाले तमिल, पंंजाबी, मराठी सबको अपनी फ़िल्मों में दिखाएंगे, मगर न्याय किसी के साथ नहीं करेंगे. एक्टर-एक्ट्रेस ऐसा बोली का टोन पकड़ेंगे कि जिसकी ओरिजनल भाषा हो, वही अपनी बोली को लेकर कंफ़्यूज़ हो जाए. अरे जब तुमको साउथ इंडियन ही दिखाना है, तो वहीं का कोई एक्टर ले लो भाई. काहे नॉर्थ इंडियन को साउथ इंडियन बनाकर पेश कर रहे.
9. बॉडी ट्रांसफ़ॉर्मेशन में बस एक गाना लगता है

पुरानी फ़िल्मों में बच्चा दौड़ते हुए हीरो बन जाता था और अब एक गाने में उसके सिक्स पैक एब्स बन जाते. ऊपर से हर हीरो आजकल इतना जबर बॉडी बनाए घूम रहा कि पूछिए मत. मतलब हाथ इत्ते टाइट की बाइसेप्स में मुंडी फंसाकर नट्टी तोड़ दे. और एक हम हैं कि पेट हिला दो, तो सॉफ़्टनेस के मारे पुचक-पुचक आवाज़ करने लगेगा.
10. क़यामत आ जाए, मगर सुंदरता पर आंच नहीं आ सकती

चाहें सोकर उठे या मिट्टी में लोट जाएंं. मगर होरोइन की बला सी ख़ूबसूरती पर तनिक फ़र्क नहीं पड़ेगा. धूप में भी घूमेंगी, मगर एकदम परफ़ेक्ट. मतलब न मुहासे और न ही काले-सफ़ेद हाथ. पसीना तो भूल ही जाओ. पता नहीं कौन सा चमत्कारिक उपाय की हैं ये सब होरोइन लोग.
11. फर्जी मेकओवर

आपको चेहरा बदलना है तो प्लास्टिक सर्जरी के फेर में मत पड़िए. फालतू लंबा ख़र्चा आएगा. बॉलीवुड वालों से मिलिए, ये बस मूंछ हटाकर आदमी का हुलिया ऐसा बदलते हैं कि उसकी बीवी तक पहचान न पाए.
तो ये थीं बॉलीवुड वालों की वो घिसी-पिटी हरकते, जिनसे जितनी जल्दी निजात मिल जाए, उतना बेहतर!