बॉलीवुड निर्देशक अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) अपनी अतरंगी फ़िल्मों के लिए जाने जाते हैं. अनुराग उन विषयों पर फ़िल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं, जिन्हें अन्य निर्देशक ग़लती से भी नहीं छूने से डरते हैं. यही कारण है कि बॉलीवुड का हर कलाकार उनके साथ काम करने की तम्मन्ना रखता है. अनुराग कश्यप अब तक ‘ब्लैक फ़्राइडे’, ‘नो स्मोकिंग’, ‘गुलाल’, ‘देव डी’, ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’, ‘दैट गर्ल इन येलो बूट्स’, ‘रमन राघव 2.0’ और ‘मुक्केबाज़’ जैसी बेहतरीन फ़िल्में बना चुके हैं. लेकिन आज भी दर्शकों को अनुराग की फ़िल्म ‘ऑल्विन कालीचरण’ का बेसब्री से इंतज़ार है, जो 21 साल से बन रही है.
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आज हम आपको अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) फ्यूचरिस्टिक फ़िल्म ‘ऑल्विन कालीचरण’ के बारे में बताने जा रहे हैं. सबसे पहले तो हम आपको इस फ़िल्म के अनोखे टाइटल के पीछे की असल कहानी समझा देते हैं. दरअसल, 70 और 80 के दशक में भारतीय मूल के ऑल्विन कालीचरण (Alvin Kallicharran) वेस्ट इंडीज़ के धाकड़ क्रिकेटर हुआ करते थे. अनुराग ने अपनी फ़िल्म का टाइटल वेस्ट इंडीज़ के इसी क्रिकेटर के नाम पर रखा था.
फ़िल्म में ‘ऑल्विन कालीचरण’ की कहानी
अनुराग की इस फ़िल्म में ‘ऑल्विन कालीचरण’ नाम का एक शख़्स किसी दूसरे देश से भारत आता है. फ़िल्म में ‘ऑल्विन कालीचरण’ का नाम ‘ऑल्विन कालीचरण’ क्यों रखा गया उसकी भी अपनी एक कहानी है. दरअसल, ऑल्विन के माता-पिता के पास ‘ऑल्विन कंपनी’ का एक फ़्रिज़ हुआ करता था. ऑल्विन की मां ने उन्हें इसी फ़्रिज़ पर बैठकर जन्म दिया था, तभी से उसका नाम ‘ऑल्विन कालीचरण’ पड़ा.
दरअसल, अनुराग ने ‘ऑल्विन कालीचरण’ फ़िल्म की कहानी साल 2002 में ही लिख ली थी. लेकिन दुर्भागयवश ये फ़िल्म आज तक बन नहीं पाई. इस फ़िल्म की ख़ासियत ये थी कि इसकी स्टोरी ‘साल 2025’ को ध्यान में रखकर लिखी गई थी. मतलब 21 साल पहले उन्होंने ‘2025’ में इंसान की ज़िंदगी में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे. इस बेस पर उन्होंने कहानी लिखी थी.
क्या थी फ़िल्म की कहानी?
कहानी कुछ ऐसी थी: साल 2025 में देश की इकॉनोमी ध्वस्त हो चुकी है. लोग काम पे नहीं जाते. देश में इतनी गर्मी पड़ती है कि लोग सिर्फ़ रात को बाहर निकलते हैं. सुख ही एकमात्र व्यवसाय है. दिल्ली का नाम बदलकर ‘हस्तिनापुर’ कर दिया गया है. यमुना पूरी तरह से काली हो चुकी है और उसके अंदर कोई नहीं जाता. यमुना के इस पार और उस पार दो अलग-अलग लोगों का कंट्रोल है.
The Lallantop से बातचीत में अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने कहा कि वो 21 साल पुरानी ये फ़िल्म को ज़रूर बनाएंगे.
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