Arun Govil Latest Interview : रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की 1987 में आई ‘रामायण’ (Ramayana) में प्रभु श्री राम के क़िरदार से हर दिल में बसने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) को भला कौन नहीं जानता? इस शो के 30 साल बाद भी उनका कैरेक्टर लोगों के ज़ेहन में एकदम तरोताज़ा है. अब उनसे जुड़ी एक लेटेस्ट ख़बर सामने आई है, जो आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है. दरअसल, अरुण गोविल फ़िल्ममेकर आदित्य ओम की अपकमिंग हिंदी फ़िल्म ‘संत तुकाराम’ (Saint Tukaram) में भगवान विट्ठल का किरदार निभाते नज़र आएंगे. इस फ़िल्म में मराठी एक्टर सुबोध भावे संत तुकाराम की लीड भूमिका निभाएंगे.

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हाल ही में अरुण गोविल ने इस बारे में अपने एक हालिया इंटरव्यू में बात की है. आइए आपको इस बारे में बताते हैं. (Arun Govil Latest Interview)

अरुण गोविल ने अपने लेटेस्ट कैरेक्टर के बारे में की बात

दरअसल अपने फ़िल्म में कैरेक्टर के बारे में बात करते हुए अरुण गोविल ने ‘बॉलीवुड हंगामा’ को बताया, “ये एक स्पेशल अपीयरेंस है. डायरेक्टर चाहते थे कि मैं ये क़िरदार निभाऊं. कई सारे लोग मुझे भक्ति के रोल ऑफ़र करते हैं, लेकिन मैं कभी उनमें काम करने की सहमति नहीं जताता. लेकिन मैंने इसे संत तुकाराम की वजह से किया. पूरे महाराष्ट्र में उनका सम्मान किया जाता है. वो भक्ति के लिए समर्पित थे और एक समाज सेवक भी थे. इसके साथ ही मुझे भगवान विट्ठल का क़िरदार निभाने का मौक़ा मिला.”

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“मैं इस भूमिका में भगवान की तरह नहीं दिखता”

उन्होंने आगे बताया, “लेकिन मुझे भगवान जैसा दिखने की ज़रूरत नहीं थी. देखने में, मैं इस भूमिका में भगवान की तरह नहीं दिखता. मैं एक सामान्य इंसान की भूमिका निभा रहा हूं, जो संत तुकाराम के जीवन में आता है.” चूंकि अरुण गोविल को भक्तिपूर्ण हिंदी फिल्मों में देखे जाने वाले देवताओं की तरह की भूमिका निभाने की आवश्यकता नहीं थी, इसलिए उनके पास ज्यादा चुनौतियां नहीं थीं. उन्होंने कहा, “एक नॉर्मल इंसान का क़िरदार निभाने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं चाहिए. बात सिर्फ़ इतनी है कि ये एहसास होना चाहिए कि भले ही वो एक सामान्य इंसान की तरह दिखता है, लेकिन वो उससे कहीं ज्यादा है.”

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लोग आज भी छूते हैं उनके पैर

गोविल कई बार ये बात कह चुके हैं कि रामायण में उनके रोल की वजह से लोग 30 साल बाद भी उनसे मिलने पर आज भी इज्ज़त के साथ उनके पैर छूते हैं. उन्होंने कहा था, “अगर मैं कहीं ट्रैवल करता हूं, तो कम से कम एयरपोर्ट और फ्लाइट पर 100 लोग मेरी तस्वीर खींचते हैं. लोग आपको इतनी इज्ज़त देते हैं. अब ज़िन्दगी से इसके अलावा और क्या चाहिए?”

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