Arun Govil Post Ramayana struggles: रामानंद सागर की रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाकर अरुण गोविल बेहद मशहूर हो गए थे. लोग उनमें भगवान राम की छवि देखने लगे थे. आज भी लोगों के ज़ेहन में जब भगवान राम की छवि आती है तो उसमें अरुण गोविल का ही चेहरा नज़र आता है.

freepressjournal

हालांकि, इस क़िरदार से जितना अरुण गोविल को जितना फ़ायदा हुआ, उतना ही उनके करियर को नुक़सान भी पहुंचा है. हाल ही में फ़िल्म ‘हुकस बुकस’ के प्रमोशन के दौरान उन्होंने इसका ख़ुलासा किया. एक्टर ने बताया कि कैसे भगवान राम का किरदार निभाने के बाद उन्हें कमर्शियल फिल्में मिलनी बंद हो गई थीं.

कमर्शियल फ़िल्मों में काम मिलना हो गया बंंद

इंटरव्यू के दौरान अरुण गोविल ने भगवान राम की भूमिका निभाने के बाद अपने संघर्षों के बारे में बात की और कहा, ‘रामायण से अच्छी और बुरी दोनों चीजें हुईं. मुझे बहुत आदर और सम्मान मिला, लेकिन मैं कमर्शियल फ़िल्मों से पूरी तरह दूर हो गया.’

उन्होंने आगे कहा, ‘सभी निर्माता और निर्देशक मुझसे कहते थे कि मेरी भगवान राम की छवि इतनी मज़बूत हो गई है कि वो मुझे किसी दूसरे रोल में लेने का सोच नहीं पाते थे.’

indiaforums

उनका कहना था कि लोग आप में केवल भगवान राम देखते हैं, उन्हें कोई अन्य क़िरदार नहीं दिखता है.

ग्रे क़िरदार भी नहीं बदल पाए छवि

wikimedia

अरुण गोविल ने आगे कहा कि उन्होंने कुछ ‘ग्रे’ किरदार करके अपनी छवि बदलने की कोशिश की, मगर जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि ये उनके लिए नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘एक एक्टर के लिए ये अच्छा नहीं है. इसका नकारात्मक प्रभाव कई सालों तक मुझ पर रहा. उस समय मुझे समझ ही नहीं आता था कि मैं क्या करूंं?’

फ़िल्मों में तो काम था नहीं, टीवी पर ही कुछ ग्रे शेड्स के क़िरदार निभाने की कोशिश की, मगर फिर जल्द ही एहसास हो गया कि ये मेरे लिए नहीं है.

amazon

बता दें, फ़िल्म ‘हुकस बुकस’ एक कश्मीरी पंडित पिता के सिद्धांत, बेटे के जुनून, कश्मीर और क्रिकेट की दिल छू लेने वाली कहानी है. बाप-बेटे की भूमिका में अरुण गोविल और दर्शील सफारी हैं. फ़िल्म का निर्देशन विनय भारद्वाज और सौमित्र सिंह ने किया है और फिल्म की कहानी रणजीत सिंह मशियाना ने लिखी है.

ये भी पढ़ें: World Cup 2023: वो 6 धाकड़ बल्लेबाज़, जिनके नाम है सबसे ज़्यादा अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड