सालगिरह किसी भी इंसान के लिए साल का सबसे अच्छा दिन होता है. फिर चाहे एक बेटे की सालगिरह उसके माता-पिता के लिए या माता-पिता की सालगिरह उनके बच्चों के लिए. खैर अगर बर्थडे हो, वो भी किसी 7 साल के मासूम बच्चे की तो उसके इस ख़ास दिन के लिए उसकी फरमाइशों की फेहरिस्त भी बहुत लम्बी होती है. अपने जन्मदिन के मौके पर बच्चे अपने पेरेंट्स से अपनी हर ख्वाहिश को पूरा करने मांग करते हैं.
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ऐसी ही एक मांग है 6 साल के मासूम फ़ारुख की, जो अपनी मां के साथ पेशावर, पकिस्तान में रहता है. उस मासूम ने अपनी अम्मी से एक स्कूल बैग की मांग की. लेकिन उसकी मां के मना करने के बाद, वो दुखी हो जाता है और कहता है कि अगर उसको बैग नहीं मिला, तो वो कल से स्कूल नहीं जाएगा.
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दिल को छू लेने वाली इस इंडियन शॉर्ट फ़िल्म ‘The School Bag’ की कहानी का आधार पाकिस्तान है. फ़िल्म में मां का किरदार रसिका दुग्गल और फ़ारुख का किरदार बाल कलाकार सरताज कक्कर ने निभाया है. विश्व स्तर पर ये फ़िल्म कई अवार्ड्स के लिए नॉमिनेटेड है और अभी तक ये 22 इंटरनेशनल अवॉर्ड्स जीत चुकी है.
किसी ने सच ही कहा है कि कभी-कभी अपना प्रभाव छोड़ने के लिए आपको केवल 15 मिनट की ज़रूरत होती है. ये बात इस शॉर्ट फ़िल्म पर एकदम फ़िट बैठती है. इसके कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शन से लेकर प्रभावशाली पटकथा से ही फ़िल्म का ताना-बाना बुना गया है. हालांकि, एक दुखद अंत के साथ फ़िल्म एक सवाल हम सबके लिए छोड़ती है.
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वैसे तो इसकी शुरुआत से ही आप इसकी कहानी का अनुमान लगा सकते हैं, लेकिन फिर भी ये आपको रोके रखने में कामयाब है.