कई फ़िल्मों के फ़्रेम होते हैं जो हमारे ज़ेहन में हमेशा के लिए बैठ जाते हैं. उन्हें देखते ही हमें उस फ़िल्म की याद आ जाती है. इन फ़्रेम्स को बनाने और इन्हें तलाश करने में निर्देशकों का बहुत दिमाग़ और समय ख़र्च होता है. चलिए एक नज़र भारतीय सिनेमा की फ़िल्मों के कुछ ऐसे ही फ़्रेम्स पर डाल लेते हैं, जो हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बन गए.
1. तमाशा (2015)
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इमतियाज़ अली की इस मूवी में वैसे तो कई शानदार फ़्रेम थे. मगर ऊपर दिखाया गया फ़्रेम फ़िल्म के कैरेक्टर वेद की व्यथा को पूरी तरह से दर्शाता है. ये बताता है कि कैसे वेद अपने काम और सपने के बीच जद्दोजहद कर रहा है. कैसे उस कंडीशन से जूझ रहा है.
2. सैराट (2016)
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सैराट मूवी के इस सीन में एक्टर्स के पीछे धधकती आग हमारी जाति व्यवस्था कि ओर इशारा कर रही है. नायक-नायिका इससे बचकर शहर जाना चाहते हैं, जहां इस सबके मायने बहुत कम होते हैं या फिर विरले ही देखने को मिलते हैं.
3. गली बॉय (2019)
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इस मूवी का कैरेक्टर मुराद अली एक रैपर बनाना चाहता, मगर उसे मजबूरन एक ड्राइवर की नौकरी करनी पड़ती है. मूवी के इस फ़्रेम में वो अपने मालिक की कार में बैठा है जिस पर लाइटिंग के लिए लगाए गए बल्ब की छवि दिख रही है. इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे वो भी एक स्टार बन गया है. इसमें उसके भविष्य की झलक है.
4. डेढ़ इश्किया (2014)
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फ़िल्म के किरदार खालूजान और बब्बन ख़ुद को यहां ठगा हुआ महसूस करते हैं. इसे दिखाने के लिए इस फ़्रेम को गढ़ा गया है. यहां बेगम पारा और मुनिया दोनों मिल जाते हैं. फ़्रेम में दोनों के मिलन की परछाई के सामने खालूजान और बब्बन बौने नज़र आते हैं.
5. किला (2014)
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अविनाश अरुण की इस मूवी में कोंकण के समुद्री तटों के भव्य फ़्रेम देखने को मिलते हैं. ऊपर दिखाए गए फ़्रेम में मूवी का किरदार ख़ुद के अकेलेपन को एक किले की खिड़की से टटोलते हुए नज़र आ रहा है. यहां वो दूसरों के बिना काफ़ी रिलैक्स फ़ील करता दिखाई दे रहा है.
6. Cat Sticks (2019)
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रोनी सेन की इस मूवी का फ़्रेम लाजवाब है. इसमें एक खंडर, स्मोक और परछाई की मदद से एक रहस्य पूर्ण फ़्रेम क्रिएट किया गया है. ये देखने में काफ़ी डरावना लगता है.
7. Kadal (2013)
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इस मूवी में नायक अपराध के दलदल में धंसता चला जाता है. जैसे-जैसे वो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होता है, वैसे-वैसे उसके हाथ ख़ून से रंगने लगते हैं. ये उसकी स्थिति को ठीक से दर्शाता है.
8. Maheshinte Prathikaram (2016)
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मलयाली लोगों की लाइफ़ के दर्शन इस फ़्रेम में देखने को मिलते हैं. इसमें किरदार की चप्पल, दो फल और धुला हुआ अंडर वेयर दिख रहा है. उसकी ये चप्पलें उसे याद दिलाती हैं कि उसका बदला अभी पूरा नहीं हुआ है.
9. Angamaly Diaries (2017)
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इस फ़्रेम में एक डेड बॉडी दिख रही है, जो अपने कॉफ़िन में भी फ़िट नहीं हो पा रही है. उसके हाथ क्रॉस जैसे दिख रहे हैं. उसके पास खड़ी औरत उसकी रियल वाइफ़ भी नहीं है. ये सभी एक फ़नी दृश्य क्रिएट कर रहे हैं.
10. Asha Jaoar Majhe (2014)
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आदित्य सेन गुप्ता की ये फ़िल्म एक ऐसे कपल की स्टोरी बताती है जो काम की अलग-अलग शिफ़्ट होने के कारण बहुत कम ही मिल पाते हैं. इस मूवी के फ़्रेम में जो ये चांद या फिर किसी ग्रह जैसी जो छवि दिख रही है असल में ये एक पैन में डाले गए सरसों के तेल की फ़ुटेज है. इसे फ़िश करी बनाने के लिए पैन में डाला गया है.
ये सभी फ़्रेम बताते हैं कि जीवन के हर पल को हमारे डायरेक्टर अपनी पारखी नज़र के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत करने में कितने माहिर हैं.
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