‘किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है’, और ‘दिल ढूंढ़ता है फिर वही’, जैसे गाने आज भी लोग अकसर गुनगुनाते दिखाई दे जाते हैं. इन मशहूर गीतों को आवाज़ दी थी सिंगर भूंपिंदर सिंह ने, जिन्हें लोग उनके द्वारा गाई गई इस तरह की ही दिल को सुकून देने वाली ग़ज़लों के लिए याद करते हैं. उनकी कुछ सदाबहार नगमें हैं ‘नाम गुम जाएगा’, ‘करोगे याद तो’, ‘मीठे बोल बोले’, ‘ख़ुश रहो अहले-वतन हम तो सफ़र करते हैं’, ‘कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता’, ‘दरो-दीवार पे हसरत से नज़र करते हैं.’
भूपिंदर सिंह ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से की थी. इसके बाद उन्होंने फ़ेमस सिंगर-म्यूज़िशियन आर.डी बर्मन के साथ काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने उनके साथ कई फ़िल्मों में काम किया. बाद में उनका रुझान ग़ज़लों की तरफ हो गया इसलिए उन्होंने फ़िल्मों में गाना कम कर दिया.
भूपिंदर सिंह जी की लव स्टोरी भी कमाल की है. उनकी पत्नी बंगाली हैं और वो पंजाबी. चूंकि दोनों सिंगर थे और उन्होंने गायकी से बेहद लगाव था इसलिए एक दूसरे के साथ वक़्त बिताना उन्हें अच्छा लगता था. उनकी पत्नी का नाम मिताली मुखर्जी है. इनके द्वारा गाए गए बांग्ला गीत को भूपिंदर सिंह ने पहली बार सुना था तो वो सुनते ही रह गए थे. मिताली के गाने की रिकॉर्डिंग भूपिंदर के भाई ने ही की थी
इसके बाद उन्होंने दूरदर्शन पर ‘आरोही’ नाम के एक कार्यक्रम में मिताली द्वारा गाए एक हिंदी गीत को सुना था. इसके बाद वो मिताली की आवाज़ के दीवाने हो गए थे. जब दोनों की पहली मुलाकात हुई तो मिताली ने अपना परिचय देना चाहा. उन्हें रोकते हुए भूपिंदर ने कहा- ‘हां मैं आपको जानता हूं, मैंने आपके गीत दूरदर्शन पर सुने हैं. मुझे आपकी आवाज़ बहुत पसंद है.’
इससे मिताली काफ़ी इंप्रेस हो गईं. दोनों संगीत की फ़ील्ड से ताल्लुक रखते थे और दोनों को मोहम्मद रफ़ी और किशोर कुमार के गाने बहुत पसंद थे. 1983 में दोनों शादी की थी और आज भी दोनों साथ हैं. इन्होंने एक साथ कई ग़ज़लें गाई हैं. उनमें कुछ आप यहां सुन सकते हैं.