सिनेमा की दुनिया अपनी रंगीनियत के लिए जानी जाती है. विशालकाय पर्दे पर जब रंग फैलते हैं तब देखने वालों की आखें सम्मोहित हो जाती हैं. सिनेमा में ख़ूबसूरती है, रंगों की खूबसूरती. लेकिन ये तब भी उतनी ही ख़ूबसूरत हुआ करती थी, जब इसमें रंग नहीं हुआ करते थे. सफ़ेद और काले रंग की जोड़ी ने भी कई सारे ख़ूबसूरत दृश्य दिखाए हैं. इससे ये बात साबित होती है कि ख़ूबसरती के लिए रंगों का होना ज़रूरी नहीं, वो देखने वालों के आंखों में होती है और चाहे वो किसी भी रंग में हो.
अब इन अभिनेत्रियों को देखते हैं जिनकी ख़ूबसूरती रंगों की मोहताज़ नहीं है. ये ब्लैक एंड वाइट तस्वीरें उन अभिनेत्रियों की हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा में ख़ूबसूरती को परिभाषित किया है.
परवीन बॉबी

इस एक तस्वीर को आप परवीन बॉबी की शख़्सियत का दर्पण मान सकते हैं.
सोनम कपूर

आपने इस स्टाइल आइकॉन के कई रूप देखे होंगे. लेकिन इस रूप की बात ही क्या है.
हेमा मालिनी

अब समझ आ गया होगा कि इन्हें ड्रीम गर्ल क्यों कहते थे.
लीना चन्दावरकर

अगर तस्वीर को सिर्फ़ एक शब्द देना हो, तो शब्द होगा ‘सादगी’.
नीतू सिंह

सिर्फ़ आठ साल की उम्र में इस पेशे में उतरने वाली इस अभिनेत्री ने सब को अपनी नज़रों का कायल बना लिया था.
माधुरी दीक्षित

करोड़ों दिलों की धड़कन, धक-धक गर्ल कही जाने वाली माधुरी दीक्षित एक कंप्लीट पैकेज हैं. डांस, खूबसूरीत और अभिनय माधुरी दीक्षित के भीतर कूट-कूट कर भरा है.
नूतन

नूतन की ये तस्वीर जितनी सादगी भरी है, उसमें उनकी काया भी उतनी ही सरल और सादी है.
मधुबाला

इनके बारे में क्या ही कहा जा सकता है. ख़ूबसूरती ऐसी कि आज भी देखने वाले इनके प्यार में गिर पड़ते हैं.
मीना कुमारी

जैसी ख़ूबसूरती उससे बढ़कर अदायगी. हर कसौटी पर खरी उतरने वाली अभिनेत्री का नाम मीना कुमारी है.
जया भादुड़ी

इनकी सूरत एक आम नारी के चेहरे जैसी ही है, लेकिन इनकी अदायगी कतई आम नहीं थी.
श्रीदेवी

सदाबहार श्रीदेवी ने हर उम्र के लोगों को अपना दीवाना बनाया था. एक वक़्त था जब श्रीदेवी की अभिनय और ख़ूबसूरती की तूती बोलती थी.
शबाना आज़मी

हिन्दी सिनेमा में आर्ट फ़िल्मों की जान कही जाने वाली शबाना आज़मी एक बेबाक शख़्सियत की मालकिन हैं.
रेखा

बोल्ड और बिंदास ये दो शब्द रेखा के नाम के साथ अपने आप ही जुड़ जाते हैं.
वहिदा रहमान

इनके व्यक्तित्व में एक शालीनता है, जो पहली नज़र में ही देखी जा सकती है.
ज़ीनत अमान

हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री में पहली बार बोल्ड होने का तमगा अभिनेत्री ज़ीनत अमान को ही दिया गया था.
स्मिता पाटिल

सादगी की देवी और अभिनय की मूर्ती स्मिता पाटिल. अपनी तमाम ज़िंदगी में इन्होंने सिर्फ़ और सिर्फ़ तारीफ़ें बटोरी और प्यार पाया है.
चाहे तकनीक जितना भी तरक्की कर ले ब्लैक एंड वाइट तस्वीरों की ख़ूबसूरती नहीं खोने वाली.