Irrfan Khan First Death Anniversary: इरफ़ान ख़ान (Irfan Khan) बॉलीवुड (Bollywood) का वो हीरा जो अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी बेहतरीन अदाकारी की छाप आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा है. इरफ़ान एक ऐसे अभिनेता थे, जो अपनी आंखों से भी अभिनय करते थे. सिनेमा (Cinema) को लेकर उनका एक अलग नज़रिया था और वो सिनेमा के प्रति बेहद संवेदनशील थे. यही कारण था कि इरफ़ान ने जितनी भी फ़िल्में की उसमें अपने लाज़वाब अभिनय की छाप छोड़ी. इरफ़ान ख़ान उन कलाकारों में से एक थे जिनके स्क्रीन पर आते ही फ़िल्म ख़ास बन जाती थी. अपनी ज़बरदस्त एक्टिंग से वो किसी भी कमज़ोर फ़िल्म में जान डाल देते थे.

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चलिए आज इरफ़ान ख़ान के फ़िल्मीं करियर पर भी एक नज़र डाल लेते हैं-

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ऐसा रहा फ़िल्मी करियर

इरफ़ान ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1990 में फ़िल्म ‘दृष्टि’ से की थी. इसके बाद उन्होंने कई अन्य फ़िल्मों में छोटे मोटे रोल निभाए टीवी सीरियल्स में भी काम किया. लेकिन बॉलीवुड की किसी बड़ी फ़िल्म में बड़ा किरदार निभाने का मौका नहीं मिला. फिर साल 2001 में इरफ़ान को ब्रिटिश फ़िल्म ‘The Warrior’ में काम करने का मौका मिला.

इसके बाद इरफ़ान को साल 2003 में बॉलीवुड फ़िल्म ‘हासिल’ में एक दमदार किरदार निभाने को मिला. इस फ़िल्म के बाद वो रुके नहीं, साल 2004 में ‘मक़बूल’, ‘द नेमसेक’ (2006), ‘लाइफ़ इन ए मेट्रो’ (2007) और पान सिंह तोमर (2011) जैसी फ़िल्मों में दमदार एक्टिंग ने उन्हें इरफ़ान से ‘द इरफ़ान खान’ बना दिया.

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इसके अलावा भी इरफ़ान ने ‘हिंदी मीडियम’, ‘द लंच बॉक्स’, ‘पीकू’, ‘तलवार’, ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर’, ‘ये साली ज़िंदगी’, ‘बिल्लू’, ‘हैदर’ और ‘जज़्बा’ जैसी फ़िल्मों में शानदार अभिनय किया.

इरफ़ान ने बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि कई हॉलीवुड फ़िल्मों में भी काम किया था. इनमें ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’, ‘द अमेजिंग स्पाइडर मैन’, ‘लाइफ ऑफ़ पाई’ ‘जुरासिक वर्ल्ड’, ‘इंफ़र्नो’, ‘द वॉरियर’, ‘ए माइटी हार्ट’ और ‘द सॉन्ग ऑफ़ स्कॉर्पियन’ शामिल हैं.

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इरफ़ान खान को बेहतरीन अदाकारी के कारण इन फ़िल्मों के लिए मिले थे अवॉर्ड- 

1- पान सिंह तोमर – बेस्ट एक्टर (नेशनल अवॉर्ड). 


2- हिंदी मीडियम – बेस्ट एक्टर (IFFA अवॉर्ड).

3- लाइफ़ इन ए मेट्रो – बेस्ट एक्टर सपोर्टिंग रोल (IFFA अवॉर्ड).

4- डब्बा – बेस्ट एक्टर और उत्कृष्ट उपलब्धि पुरस्कार (एशिया-पैसिफ़िक फ़िल्म फ़ेस्टिवल).

5- द नेमसेक – स्पेशल अवॉर्ड.

6- इरफ़ान ख़ान को शर्मिला टैगोर के साथ हिंदी सिनेमा में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए स्पेशल अवॉर्ड भी दिया गया था.

7- इरफ़ान की हॉलीवुड फ़िल्म ‘लाइफ ऑफ़ पाई’ ऑस्कर में 10 पुरस्कारों के लिए नॉमिनेट हुई थी, जिसमें से इस फ़िल्म ने 4 अवॉर्ड जीते. 

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ये इरफ़ान की बेहतरीन एक्टिंग का कमाल ही था कि उनके जाने को प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी तक, अमिताभ बच्चन से लेकर शाहरुख़ ख़ान तक ने इसे बॉलीवुड के लिए सबसे बड़ी क्षति बताया.

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इरफ़ान ख़ान ने 12 अप्रैल, 2020 को आख़िरी ट्वीट किया था. इस दौरान उन्होंने ‘अंग्रेज़ी मीडियम’ में अपने किरदार की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, मिस्टर चंपक के मन की स्थिति: अंदर से बहुत ख़ुश है, जिससे ये सुनिश्चित हो जाता है कि ये बाहर भी वैसा ही है. 

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आखिर में हम यही कहना चाहेंगे कि इंडियन सिनेमा में बहुत से कलाकार हुए हैं आगे भी होंगे लेकिन इरफ़ान खान जैसा न कोई हुआ है और ना ही होगा. इरफ़ान खान की पहली Death Anniversary पर उनको हमारी तरफ से श्रद्धांजलि.