बॉलीवुड में 60 से लेकर 80 के दशक में महमूद (Mehmood) हास्य कलाकार के तौर पर काफ़ी मशहूर थे. वो केवल एक्टर ही नहीं, बल्कि सिंगर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी थे. महमूद उस दौर में बॉलीवुड के सबसे महंगे हास्य कलाकार के तौर पर भी जाने जाते थे. ऐसे में उन्हें अपनी फ़िल्म में लेना हर किसी के बस की बात नहीं थी. इसलिए अधिकतर निर्माता-निर्देशक जूनियर महमूद (Junior Mehmood) से काम चलाते थे. इस तरह से महमूद द्वारा ठुकराई फ़िल्मों ने एक जूनियर आर्टिस्ट को जूनियर महमूद बना दिया, जिनका असल नाम नईम सैय्यद (Naeem Sayyed) है.

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आज हम इस आर्टिकल में नईम सैय्यद उर्फ़ जूनियर महमूद का ज़िक्र इसलिए करने जा रहे हैं, क्योंकि वो इन दिनों हॉस्पिटल में ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. 1970 से लेकर 2010 के दशक तक अपनी कॉमेडी और एक्टिंग से फ़ैंस के चेहरों पर मुस्कान लाने वाले इस एक्टर की हालत देख आज लोगों की आंखे नम हैं.

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दरअसल, 67 वर्षीय जूनियर महमूद पिछले कुछ समय से लंग्स और लीवर के कैंसर से जूझ रहे हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वो आख़िरी बार जीतेंद्र और सचिन पिलगांवकर से मिलने की इच्छा जता रहे हैं. इस दौरान जब इन दिग्गज कलाकरों को इसकी ख़बर लगी तो वो अपने साथी एक्टर जूनियर महमूद से मिलने हॉस्पिटल जा पहुंचे.

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अपने आंसू नहीं रोक पाए जितेंद्र

डॉक्टर्स के मुताबिक, जूनियर महमूद का कैंसर चौथी स्टेज पर है और इसी कारण उनका वजन भी लगातार कम हो रहा है. इसके अलावा उनके आंत में ट्यूमर भी है. अपने पुराने साथी को इस हालत में देख जीतेंद्र, सचिन पिलगांवकर, जॉनी लीवर, मास्टर राजू समेत कई बॉलीवुड स्टार्स उनका हालचाल जानने उनके घर जा पहुंचे थे. जूनियर महमूद को इस हालत में देख जितेंद्र की आंखे नम भी हो गई थीं.

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200 से अधिक फ़िल्मों में किया काम

67 वर्षीय जूनियर महमूद (Junior Mehmood) ने अलग-अलग भाषाओं की 200 से अधिक फ़िल्मों में काम किया है. इनमें ‘ब्रह्मचारी’, ‘कटी पतंग’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’, ‘परवरिश’, ‘दो और दो पांच’, ‘बाप नंबरी बेटा दस नंबरी’, ‘आज का अर्जुन’, ‘बेवफ़ा सनम’, ‘जुदाई’ जैसी फ़िल्में शामिल हैं.

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