आपको जान कर ख़ुशी होगी कि आज यानि 16 जून 2018 को, बॉलीवुड के Legendry Disco Dancer मिथुन चक्रवर्ती पूरे 66 वर्ष के हो गये है. मसलन आज उनका Happy वाला Birthday है. आज हम आपको एक समय पूरे भारत को अपनी फ़िल्मों के गानों की धुनों पर नचाने वाले मिथुन दा के जीवन की कहानी बताएंगे. उनके फ़िल्म इंडस्ट्री तक पहुंचने के संघर्ष के सफ़र से लेकर सितारा बनने के बाद के जीवन की दिलचस्प बातों से अवगत कराएंगे.

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जिस हस्ती को आज आप मिथुन दा के नाम से जानते हैं, उसका नाम पैदाइश के समय ‘गौरंगा चक्रवर्ती’ रखा गया था. कलकत्ता शहर में एक बंगाली परिवार में 1950 में जन्मे थे मिथुन. स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद मिथुन कलकत्ता विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन करने पहुंचे. अभिनय में रुचि रखने वाले मिथुन अपने आप को और तराशने के लिए फ़िल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ पुणे (FTII) पहुंचे. मिथुन मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट हैं. आपको जान कर हैरानी होगी कि फ़िल्म जगत से जुड़ने से पहले मिथुन नक्सल आन्दोलन के कट्टर समर्थक थे. उन्हीं की तरह नक्सल आन्दोलन से जुड़े उनके भाई की एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गयी थी, जिसके बाद मिथुन ने खुद को इन सब से अलग कर लिया और पूरी तरह फिल्मों में अभिनय करने का निर्णय लिया.

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तमाम कोशिशों के बाद 1970 में उन्हें ‘मृणाल सेन’ द्वारा निर्देशित फ़िल्म ‘मृगया’ में मुख्य भूमिका निभाने का मौका मिला. उनके अभिनय की काफी सराहना हुई और इस किरदार के लिए उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ अभिनेता’ का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला.

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पहली फ़िल्म में इतना अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भी मिथुन को फ़िल्म जगत में पैर जमाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े. मिथुन ने मशहूर अदाकारा और डांसर हेलेन के साथ बतौर सहायक भी काम किया. अमिताभ बच्चन की फ़िल्म ‘दो अनजाने’ में भी उन्हें एक छोटा सा ही रोल मिल पाया. इसके बाद मिथुन की किस्मत तब चमकी, जब ‘मेरा रक्षक’ नाम की उनकी फ़िल्म हिट हुई. 1979 में आई उनकी फ़िल्म ‘सुरक्षा’,जो एक जासूस की कहानी थी, के हिट होते ही मिथुन उन अभिनेताओं की सूची में गिने जाने लगे, जिन्हें लोग काफी हद तक Follow किया करते थे.

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1980’s में छाया ‘Disco Dancer’

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1980 का दशक मिथुन के लिए काफी भाग्यशाली रहा. इस बीच उनकी 110 फिल्में आईं. रोमांच के हर क्षेत्र में हाथ आज़मा कर मिथुन ने साबित कर दिया था कि वे कॉमेडी, एक्शन, ड्रामा समेत हर तरह की फिल्मों में काम कर सकते हैं. वर्ष 1982 ने हमें मिथुन के करियर की सबसे कामयाब फ़िल्म ‘Disco Dancer’ दी. Disco Dancer ने मिथुन की फ़िल्म जगत में एक अलग पहचान बनायी. आज तक मिथुन को ‘डांस गुरु’ कहा जाता है, तो वो सिर्फ और सिर्फ Disco Dancer में उनके असरदार प्रदर्शन के लिए. मिथुन की सफलता का सबसे बड़ा कारण था, देश के पिछड़े क्षेत्रों और जातियों में मिथुन की लोकप्रियता. कई निर्देशक उस समय इसलिये मिथुन को ‘B’ या ‘C’ ग्रेड फिल्मों का स्टार बताते थे.

1992 में मिथुन को फ़िल्म ‘अग्निपथ’ में सहायक किरदार निभाने के लिए ‘फ़िल्म फेयर’ अवार्ड मिला. इसी के बाद बंगाली फ़िल्म ‘तहादर कथा’ के लिए उन्हें उनके करियर के दूसरे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

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21वीं सदी की शुरुआत में मिथुन ने बंगाली सिनेमा को ज़्यादा समय दिया और इस बीच बहुत बड़ी-बड़ी हिट फिल्में दीं. फिर ‘मणि रत्नम’ की फ़िल्म ‘गुरु’ और ‘कल्पना लाज़मी’ की फ़िल्म ‘चिंगारी’ ने मिथुन को दिग्गज अभिनेताओं की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया. 

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इस समय तक मिथुन फिल्मों में छोटे लेकिन मज़बूत व प्रभावशाली किरदार निभाने के लिए जाने जाते थे. ‘गोलमाल-3’ में अपनी शैली से अलग अभिनय कर मिथुन ने अपने अभिनय का लोहा मनवाया.

इस सबके साथ जिस चीज़ ने मिथुन को हमेशा बॉलीवुड से जोड़े रखा था, वो था डांस के लिए उनका प्यार. और इसी कारण वे देश का पहला ऐसा डांसिंग रियलिटी शो “Dance India Dance” लेकर आये, जिसने देश के युवाओं को डांस को बतौर पेशा चुनने के लिए प्रेरित किया. ‘डांस इंडिया डांस’ के काफी सीज़न आ चुके हैं और ये आज भी सर्वश्रेष्ठ डांस रियलिटी शो है. हो भी क्यों न! आखिर इस शो के Grand Master खुद “Disco Dancer” मिथुन दा जो हैं.

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निजी ज़िन्दगी

अब बात थोड़ी निजी ज़िन्दगी पर. मिथुन की पत्नी का नाम है ‘योगिता बाली’. योगिता बाली खुद एक अभिनेत्री रही हैं. योगिता बाली मिथुन से पहले मशहूर एक्टर व सिंगर किशोर कुमार की पत्नी थीं. मिथुन के 3 बेटे हैं – मिमोह, रिमोह, नमाशी. और उनकी एक बेटी है, जिसका नाम ‘दिशानी’ है.

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मिथुन अब एक कलाकार होने के साथ-साथ एक कामयाब बिज़नेसमैन भी हैं. उन्होंने Hospitality और शिक्षा के क्षेत्र में हाथ आज़माया है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ओर से समर्थन पाकर मिथुन राज्य सभा सदस्य भी बने थे. मसलन वे एक राजनेता भी हैं. मिथुन की ज़िन्दगी पर बंगाली भाषा में तमाम किताबें लिखी गयी हैं लेकिन उनमें से सबसे पॉपुलर रही ‘Anaya Mithun’ जिसे Subrata Gangaphadya ने लिखा था.

अगर आपने वाकई मिथुन के जीवन की व्याख्या करते इस लेख को यहां तक पढ़ा है, तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि या तो आप मिथुन के Fan हैं या तो Dance के शौक़ीन. मिथुन के जीवन के उतार-चढ़ाव की कहानी को दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें.

Happy Birthday, Mithun Daa!