Bollywood Actors Openly Dissed And Roasted Award Shows: नेताओं के वादों और इंडियन अवॉर्ड शोज़ को कोई भी सीरियसली नहीं लेता. सब झूठे होते हैं. ऐसा हम नहीं कहते, बल्क़ि पूरी दुनिया चीख-चीख कर कहती है. इंडियन अवॉर्ड्स शोज़ को तो ख़ुद बॉलीवुडिया जगत के निवासी ही गरियाते हैं. कुछ स्टार्स तो यहां तक कह चुके हैं कि उन्होंने पैसे देकर अपने लिए अवॉर्ड्स ख़रीदे हैं. (Bollywood does not take award shows seriously)

ऐसे में आइए जानते हैं बॉलीवुड एक्टर्स इंडियन अवॉर्ड्स शोज़ के बारे में क्या सोचते हैं- (Indian award shows credibility)

Bollywood Actors Openly Dissed And Roasted Award Shows

1. ऋषि कपूर ने 30,000 रुपये में अवॉर्ड ख़रीदा था

ऋषि कपूर ने बताया था कि साल 1974 में फ़िल्म ‘बॉबी’ के लिए उन्होंने अवॉर्ड ख़रीदा था. ऋषि कपूर ने कहा कि एक युवा और अमीर के रूप में उन्होंने जो किया उससे उन्हें शर्म आती है. इस बारे में उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड’ में लिखा है. (Bollywood stars on award shows)

2. सलमान ख़ान के घर पर अवार्ड्स बने डोरस्टॉपर्स

सलमान ने भी कहा कि वो अब अवॉर्ड शो में विश्वास नहीं करते हैं. उन्हें केवल अपनी फ़िल्मों के लिए ऑडियंस के रिएक्शन का इंतज़ार रहता है. उनका प्यार ही मायने रखता है. सलमान ने कहा कि ‘घर पर मैंने बहुत सारे अवॉर्ड्स देखे हैं और मेरे पिता के पास कोई काम नहीं था. वो कभी दरवाज़ा ख़राब हो जाता था, तो अवॉर्ड को स्टॉपर के लिए यूज़़ करते थे. अगर कभी घर में रखने की जगह ना मिले, तो उन अवॉर्ड्स को दे देते थे.’ 

3. ट्रैफ़िक में फंसी कंगना तो नहीं मिला अवॉर्ड

कंगना रनौत ने बताया कि उन्हें अवॉर्ड सिर्फ़ इसलिए नहीं मिला, क्योंकि वो ट्रैफ़िक में फंस गई थीं. कंगना ने कहा कि एक बार ‘लाइफ़ इन ए मेट्रो’ के लिए उन्हें सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड मिलना था. मगर वो ट्रैफ़िक में फंंस गईं. उन्हें लगातार फ़ोन आने लगे कि ‘कहां हो’. मुझे बहुत पैनिक कर दिया गया. मैंं अवॉर्ड में नहीं पहुंच पाई तो सोहा अली ख़ान को ‘रंग दे बसंंती’ के लिए अवॉर्ड मिल गया.

4. फ़राह ख़ान ने अवॉर्ड शोज़ को बताया मूर्खतापूर्ण

फ़राह ख़ान ने कहा कि ‘ओम शांति ओम’ का हर डायलॉग कल्ट बन गया. ‘पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त’, ‘एक चुटकी सिंदूर…’ वगैरह सब डायलॉग फ़ेमस हुए. मगर कोई अवॉर्ड नहीं मिला. जबकि डायलॉग के लिए सारे अवॉर्ड मिलने चाहिए थे. ये बताता है कि ये अवॉर्ड शोज़ कितने बेवकूफ़ी भरे हैं. फ़राह ने कहा कि यहां तक कि शोले के डायलॉग्स को भी अवॉर्ड नहीं मिला था.

5. पैसों के लिए अवॉर्ड शोज़ में परफ़ॉर्म करते हैं वरुण धवन

जब वरुण धवन की फ़िल्म ‘अक्टूबर’ को कोई नॉमिनेशन नहीं मिला तो उन्हें काफ़ी दुख हुआ. जबकि, सभी ने फ़िल्म की तारीफ़ की थी. वरुण ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अवॉर्ड फ़ंक्शन में जाने से दिक्कत नहीं है. वो पैसे लेकर परफ़ॉर्म करने जाते हैं. रही बात विजेताओं को चुनने की तो अवॉर्ड शोज़ में कुछ दूसरी ही मानदंड चलते हैं.

6. आमिर ख़ान अवॉर्ड फ़ंंक्शन में जाते ही नहींं

आमिर ने कहा था कि उन्हें इन अवॉर्ड सेरेमनी की कोई वैल्यू नज़र नहीं आती. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘मैं पुरस्कार समारोह में नहीं जाता. मेरे लिए सबसे बड़ा अवॉर्ड दर्शकों की प्रतिक्रिया और प्यार है. मैं पुरस्कारों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.’

7. इमरान हाशमी ने अवॉर्ड शोज़ को बताया एंटरटेनमेंट इवेंट्स

इमरान हाशमी ने कहा, ये एक एंंटरटेनमेंट प्रोग्रीम की तरह है. ये ऐसा है जैसे हम त्योहारों को पसंद करते हैं, हमें भव्यता और टीवी रेटिंग पसंद हैं. आपको एक साथ कई स्टार्स देखने को मिलते हैं. लोग वहां नाचते हैं फिर उन्हें अवॉर्ड मिलते हैं. मेरिट के आधार पर अवॉर्ड नहीं मिलता, ये ख़ुद को धोखा देने जैसा है.

8. अजय देवगन ने कहा, लास्ट मिनट में चेंज हो जाता है विनर

अजय देवगन भी अवॉर्ड स्वीकार नहींं करते. उन्होंने कहा कि अवॉर्ड शोज़ को ज़्यादा स्टार्स की ज़रूरत होती है. इसलिए वो आपको फ़ोन करते हैं कि अगर आप शामिल होते हैं तो अवॉर्ड मिलेगा. अगर आप आखिरी समय में नहीं आ पाए तो बस विनर के नाम की चिट बदल जाती है और दूसरे एक्टर को ट्रॉफी मिल जाती है. मेरा भरोसा उठ गया है ऐसे अवॉर्ड फ़ंंक्शन से.

9. नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने मैनेजमेंट को नॉमिनेशन ना करने लिए अनुरोध किया

नवाज़ ने कहा कि जब उन्हें नॉमिनेट किया जाता है तो वो चिढ़ जाते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि अवार्ड शो में कोई गंभीरता नहीं बची है. वे बहुत सतही हो गए हैं. कभी-कभी मुझे लगता है कि इन्हें बंद कर देना चाहिए.

10. अवॉर्ड शोज़ की बिल्कुल इज़्ज़त नहीं करते जॉन अब्राहम

जॉन ने कहा कि उनके मन में केवल राष्ट्रीय फ़़िल्म पुरस्कारों का सम्मान है. बाकी अवॉर्ड्स का बिल्कुल भी सम्मान नहीं करता. मैं उनकी इज़्ज़त नहीं करता और ये बात व जानते हैं, इसलिए मुझे नॉमिनेट भी नहीं करते.

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