बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार मनोज कुमार को ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जाना जाता है. मनोज कुमार को ये नाम उनकी देशभक्ति फ़िल्मों के कारण मिला है. मनोज कुमार ने 20 साल की उम्र में सन 1957 में फ़िल्म फ़ैशन’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने कांच की गुड़िया (1960), हरियाली और रास्ता’ (1962), वो कौन थी (1964) फ़िल्में भी की, लेकिन शहीद (1965) फ़िल्म ने मनोज कुमार को लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचा दिया था.

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आज हम बात ‘शहीद’ फ़िल्म की ही करने जा रहे हैं. ये वो फ़िल्म थी जिसने हर भारतीय के अंदर देशप्रेम का जज़्बा भरने का काम किया था.

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बात सन 1966 की है. बॉलीवुड निर्देशक एस. राम शर्मा की फ़िल्म ‘शहीद’ रिलीज़ हो चुकी थी. मनोज कुमार ने फ़िल्म में शहीद भगत सिंह का किरदार निभाया था. इस दौरान मनोज कुमार ने देश के प्रमुख क्रांतिकारी भगत सिंह की मां विद्यावती से भी मुलाकात की थी. जब वो चंडीगढ़ के एक हॉस्पिटल में भर्ती थीं.

मनोज कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि, ‘हमें पता चला कि शहीद भगत सिंह की मां विद्यावती अस्वस्थ हैं और चंडीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती हैं. मैं केवल कश्यप (फ़िल्म ‘शहीद’ के निर्माता) के साथ उनसे मिलने गया. इस दौरान भगत सिंह के भाई कुलतार सिंह ने मां को बताया कि मैंने ही ‘शहीद’ फ़िल्म में भगत सिंह का किरदार निभाया है. फिर उनकी मां ने मुझे देखा, मानो जांच रही हों कि मैं उनके बेटे की भूमिका में फिट हूं या नहीं. इसके बाद उन्होंने धीरे से कहा, ‘हां, तुम भगत जैसे ही दिखते हो’. सुनकर मेरे मन मैं लड्डू से फूट रहे थे’.

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मनोज कुमार के अनुरोध पर भगत सिंह की मां ने ली थी अपनी दवाइयां 

मनोज कुमार ने इंटरव्यू में आगे बताया कि, ‘इस मुलाक़ात के दौरान डॉक्टर के अनुरोध के बावजूद भगत सिंह की माता जी अपनी दवाई नहीं खा रही थीं. जब मैंने उनसे दवाई लेने का अनुरोध किया. तो वो मुस्कुरा के बोलीं अच्छा तू कहता है तो मैं खा लेती हूं. इस दौरान हम वहां क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त जी से भी मिले, जिन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर एसेंबली में बम फेंका था’. इसके बाद भी मैं उनसे कई बार मिलता रहा.

‘शहीद’ फ़िल्म में मनोज कुमार ने भगत सिंह का दमदार किरदार निभाया था. प्रेम चोपड़ा ने सुखदेव और अनंत पुरुषोत्तम मराठे ने राजगुरु की भूमिका निभाई थी. वहीं एक्ट्रेस कामिनी कौशल ने भगत सिंह की मां विद्यावती की भूमिका निभाई थी, जबकि मनमोहन ने चंद्रशेखर आज़ाद का किरदार निभाया था. 

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बता दें कि ‘शहीद’ पहली भारतीय फ़िल्म थी, जिसने 3 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे. मनोज कुमार ने अधिकतर देशभक्ति फ़िल्मों में ही अभिनय किया. इसके आलावा उन्होंने निर्माता-निर्देशक के तौर पर भी कई देशभक्ति फ़िल्में बनाईं. मनोज कुमार ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर ‘उपकार’ फ़िल्म बनाई जो शास्त्री जी के दिए हुए नारे ‘जय जवान, जय किसान’ पर आधारित थी. 

इसके अलावा मनोज कुमार ने ‘हिमालय की गोद में’, ‘गुमनाम’, ‘पत्थर के सनम’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘क्रांति’, ‘नील कमल’ ‘हिमालय की गोद में’, ‘दो बदन’, ‘दस नंबरी’ और ‘सन्यांसी जैसी कई बेहतरीन फ़िल्में की. मनोज कुमार को फिल्म ‘उपकार’ के लिए ‘नेशनल अवॉर्ड’ से भी नवाजा गया था.