Bollywood Films On Real Life Stories: बॉलीवुड (Bollywood) अक्सर रियल लाइफ़ कहानियां और इवेंट्स पर फ़िल्में बनाता है. ये एक ऐसा ट्रेंड है, जिसने हाल ही में बड़े पैमाने पर पकड़ बनाई है और यहां तक कि जनता के बीच अच्छा भी प्रदर्शन किया है. ये कहानियां दर्शकों के दिल में भी बस जाती हैं और लोग उनसे कनेक्ट कर पाते हैं. चलिए आज हम आपको उन रियल लाइफ़ घटनाओं (Bollywood Films On Real Life Stories) के बारे में बताते हैं, जिन्होंने बॉलीवुड मूवीज़ को इंस्पायर किया है.

Bollywood Films On Real Life Stories

1. स्पेशल 26

अक्षय कुमार और मनोज बाजपेयी स्टारर ये मूवी ‘ओपेरा हाउस’ पर आधारित है, जिसमें मोन सिंह नाम के एक व्यक्ति ने बॉम्बे के त्रिभोवनदास भीमजी ज़ावेरी & संस ज्वेलर्स कंपनी पर फेक सीबीआई रेड की थी. उन्होंने ये काम कुछ लोगों की मदद से किया, और बाकी लोगों को लगा कि उन्होंने वास्तव में रेड की है. वो ज्वेलरी की दुकान पर गए, नकली सर्च वारंट दिखाया और चीज़ें उठानी शुरू कर दीं. मोन सिंह ने दो बैग ज्वेलरी और सोने से भरे और अपने आदमियों को जिस बस से वो आए थे, उसमें रखने को कहा. फिर उसने अपने ग्रुप के मेंबर्स से दुकान पर नज़र रखने के लिए कहा, जबकि वह भाग गया. मोन सिंह कभी पकड़ा नहीं गया.

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2. जुबैदा

इस मूवी को हिंदी पीरियड ड्रामा की बेस्ट मूवीज़ में से एक माना जाता है. ये मूवी जुबैदा बेगम की ज़िंदगी पर आधारित है, जो वास्तव में फ़िल्म के लेखक ख़ालिद मोहम्मद की मां थी. उनकी शादी जोधपुर के शासक हनवंत सिंह से हुई थी, लेकिन दोनों अलग़-अलग़ धर्म से ताल्लुक रखते थे. हनवंत सिंह का परिवार इस फैसले से ख़ुश नहीं था, जबकि जुबैदा ने अपने पति की ख़ातिर हिंदू धर्म अपना लिया था. कपल का 1 बच्चा था, जिसका नाम हुकुम सिंह राठोर था. जबकि उनकी पहली शादी से ख़ालिद नाम का एक बेटा था.  (Bollywood Films On Real Life Stories)

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3. रईस

शाहरुख़ ख़ान स्टारर ‘रईस’ फ़िल्म की कहानी गुजरात के गैंगस्टर अब्दुल लतीफ़ की कहानी से इंस्पायर्ड है. हालांकि, मेकर्स ने इस बात से इंकार कर दिया था. शाहरुख़ के कैरेक्टर के व्यक्तित्व को आकार देने के लिए उन्होंने निश्चित रूप से गैंगस्टर की लाइफ़ से कुछ अंश लिए हैं. उदाहरण के लिए, अब्दुल एक अवैध शराब के कारोबार में था और कथित तौर पर दाऊद इब्राहिम की मदद से अपने प्रतिद्वंद्वी की हत्या करवा दी थी. अपने क्षेत्र में उनका बहुत राजनीतिक प्रभाव है और साल 1997 में एक मुठभेड़ में मारा गया था. लतीफ़ के बेटे ने फ़िल्म के निर्माताओं के खिलाफ़ मानहानि का मामला दर्ज कराया है. 

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4. जॉली LLB

फ़िल्म ‘जॉली LLB‘ साल 1999 में हुए एक ‘हिट एंड रन केस’ से इंस्पायर्ड है. इसमें इंडियन नेवी चीफ़ संजीव नंदा के पोते की कहानी दिखाई गई थी, जिसे बाद में साल 2008 में नई दिल्ली में 6 लोगों की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था. इस मामले ने उस समय मीडिया का बहुत ध्यान आकर्षित किया था और इसे अमीर और ताकतवर के खिलाफ़ सिस्टम के शर्मनाक संघर्ष के रूप में देखा गया था. (Bollywood Films On Real Life Stories)

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5. स्वदेस

डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर की फ़िल्म ‘स्वदेस‘ को शाहरुख़ ख़ान के बेस्ट वर्क में से एक गिना जाता है. ये मूवी NRI कपल अरविंद पिल्ललमारी और रवि कुचिमांची की ज़िंदगी पर आधारित है, जो नर्मदा घाटी के एक आदिवासी गांव बिलगांव को रोशन करने के लिए भारत लौटे थे. उन्होंने स्कूलों को रोशनी प्रदान करने के लिए पेडल पावर जनरेटर विकसित किया. फ़िल्म में कहानी में कुछ मामूली बदलाव किए गए हैं, इसलिए इसे बायोपिक नहीं कहा जा सकता है लेकिन ये मूवी कपल की लाइफ़ से ली गई है. 

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6. राज़ी

आलिया भट्ट और विक्की कौशल स्टारर ‘राज़ी‘ साल 2018 में रिलीज़ हुई थी. इसे मेघना गुलज़ार ने डायरेक्ट किया है. इस मूवी में आलिया ने कश्मीरी लड़की ‘सहमत‘ का क़िरदार निभाया है, जिसकी शादी एक पाकिस्तान अफ़सर से जाती है. सहमत को साल 1971 के ‘भारत-पाक युद्ध’ के लिए ख़ुफ़िया जानकारी लेने हेतु पाकिस्तान भेजा गया था. ये फ़िल्म साल 2008 की नॉवेल ‘कॉलिंग सहमत’ पर आधारित है. सहमत ने अपनी जान पर खेलकर पाकिस्तान की युद्ध रणनीतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी थी. हालांकि, उसे अपने पति से प्यार हो गया था और वो प्रेग्नेंट भी हो गई थी. लेकिन जब उसकी सच्चाई सामने आई, तो उसे अपने पति को छोड़ना पड़ा और इस तरह उनकी प्रेम कहानी कभी पूरी नहीं हुई. (Bollywood Films On Real Life Stories)

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7. रमन राघव 2.0

ये फ़िल्म1960 के दौरान मुंबई के एक सीरियल किलर रमन राघव की ज़िंदगी पर आधारित थी. राघव को ‘जैक द रिपर ऑफ़ इंडिया‘ कहा जाता था. वो रोड के किनारे सो रहे लोगों की हत्या कर देता था ताकि शहर में डर बना रहे. कहा जाता था कि उसको कोई मानसिक बीमारी थी और इसी वजह से उसको फांसी की सज़ा नहीं दी गई थी. साल 1995 में उसकी मौत हो गई थी. राघव ने 53 लोगों की हत्या स्वीकार की थी, हालांकि ये उसका कबूलनामा है, और कोई नहीं जानता कि वास्तव में वास्तविक संख्या क्या है. 

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इन कहानियों को सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं.