हम भारतीय बड़े जजमेंटल होते हैं. हर चीज़ को जानने, करने से पहले सोचने लगते हैं. इसी कारण जानना और करना पीछे हट जाता है और हम वक़्त के साथ सोचते ही रहते हैं. हालांकि सोचते-सोचते हमने बहुत कुछ किया है.
फ़िल्में देखी हैं? अरे क्या यार. कितना बेकार सवाल है. फ़िल्में तो देखी ही होंगी क्योंकि सबसे ज़्यादा फ़िल्में हमारे देश में ही तो बनती हैं. सेंसर बोर्ड को लेकर हर किसी का अलग-अलग विचार है. देश में फ़िल्में जब लोग ज़्यादा देखते हैं, तो फ़िल्मों से अपमानित भी होते हैं ज़्यादा. इसके अलावा सेंसर बोर्ड टांग भी ज़्यादा अड़ाता है.
याद है एक फ़िल्म आई थी, उसका पहले नाम था “बिल्लू बारबर”, बाद में बदल कर उसका नाम “बिल्लू” कर दिया गया क्योंकि नाई समाज इससे अपने आप को अपमानित महसूस कर रहा था.
इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसी ही फ़िल्मों की बात करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी वजह से बदलाव का शिकार हुई.
1. “शोले” का क्लामेक्स अलग था
“शोले” का क्लाईमेक्स सेंसर बोर्ड द्वारा बदल दिया गया. क्योंकि ये सीन बहुत ही हिंसक था. इसके बाद इसे बदलकर पुलिस के आने के साथ खत्म कर दिया. इससे सीन ना तो ज़्यादा हिंसक रहा और क़ानून संबंधी संदेश भी मिला.
2. ब्रा वाला सीन ब्लर किया
“क्वीन” फ़िल्म जोकि विकास बहल द्वारा निर्देशित थी. इस फ़िल्म का एक सीन जिसमें कंगन रनौत ने अपने हाथ में ब्रा पकड़ रखी है. सिर्फ़ टीवी पर ही नहीं, बल्कि थिएटर्स में भी इस सीन को ब्लर कर दिया.
3. “हीरोइन” फ़िल्म में से सिगरेट पीने वाला सीन हटाया
करीना कपूर खान की एक फ़िल्म आई थी, नाम था “हीरोइन”. फ़िल्म मधुर भंडारकर ने डायरेक्ट की थी. एक सीन में करीना कपूर खान सिगरेट पी रही हैं, वो सीन सेंसर बोर्ड ने हटवा दिया था. सेंसर बोर्ड का कहना था कि इससे भारत की नैतिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
4. “रंग दे बसंती” पर चली थी कैंची
नीचे जो आमिर खान की तस्वीर दिख रही है ना. फ़िल्म में इस सीन से थोड़ी पहले एक निहंग सिक्ख घोड़ा दौड़ा रहा था, लेकिन सेंसर बोर्ड ने दौड़ाने नहीं दिया. उस सीन को काट दिया गया.
5. “इश्किया” में हर जगह से हटाया गया गोरखपुर
फ़िल्म “इश्किया” गोरखपुर में बनी है. इस फ़िल्म में कई बार इस शहर का नाम लिया गया, लेकिन सेंसर बोर्ड ने शहर की बदनामी के कारण इसका नाम हटवा दिया. माने कि इससे शहर की छवि खराब होती है.
6. “खुद्दार” फ़िल्म में से सेक्सी शब्द हटाया
फ़िल्म 1994 में आई थी, गोविंदा हीरो थे इसमें. इस फ़िल्म में एक गाना था, “सेक्सी सेक्सी सेक्सी मुझे लोग बोलें”, इस गाने को बाद में बदलवा कर “बेबी बेबी बेबी मुझे लोग बोलें” करवा दिया गया था. ऐसा शायद इसीलिए किया गया क्योंकि ज़्यादा इंडियंस सेक्सी नहीं होते.
7. मोची शब्द को लेकर फंसी थी फ़िल्म “आजा नचले”
इस फ़िल्म के गाने में एक लाइन थी, “बोले मोची भी खुद को सुनार” इस लाइन को लेकर मोची समाज को खासी आपत्ति थी. बाद में सेंसर बोर्ड ने इस गाने में से लाइन को कटवाकर फ़िल्म रिलीज़ करवाई.
8. जोधा बाई संबंधी विवाद पर अटकी थी फ़िल्म “जोधा-अकबर”
फ़िल्म “जोधा-अकबर” को राजपूत संप्रदाय का आक्रोश झेलना पड़ा था. इस समाज के लोगों का कहना था कि जोधा अकबर की पत्नी नहीं थी. राजपूत समाज से सेंसर बोर्ड ने बातचीत की, फिर जाकर फ़िल्म सिनेमाघरों में आई.
9. राजस्थान और मध्यप्रदेश में बैन हुई थी फ़िल्म “दिलवाले”
शाहरुख खान के असहिष्णुता वाले बयान को लेकर राजनैतिक दलों के हस्तक्षेप के कारण फ़िल्म राजस्थान और मध्यप्रदेश में बैन हो गई थी.
10. “साहिब, बीवी और गैंगस्टर” को A Grade सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी इसके सीन काटे गये
रणदीप हुडा और माही गिल के बीच एक सीन था, इस सीन को काटा गया जबकि फ़िल्म को पहले ही एडल्ट कैटेगरी में रखा गया था.
11. “Shootout At Wadala” में एक इंटिमेट सीन की ऐसी की तैसी की
इस फ़िल्म में कंगना और जॉन के बीच एक इंटिमेट सीन था, पहली बात तो उसमें कई बीप चलाये और उस सीन की ऐसी की तैसी कर दी. जब फ़िल्म आई तो दर्शकों को साफ पता चल गया कि इन कट्स से फ़िल्म की एडिटिंग में फर्क पड़ गया है.
12. नर्मदा बचाओ आंदोलन के चलते फ़िल्म “फ़ना” गुजरात के कई इलाकों में हुई थी बैन
जब फ़िल्म “फ़ना” आई थी. उस वक़्त आमिर नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथ जुड़े हुए थे. इसी कारण उनकी फ़िल्म गुजरात के कई हिस्सों में नहीं लगी थी.
13. तमिल विद्रोहियों ने किया था फ़िल्म “मद्रास कैफे” का विद्रोह
फ़िल्म भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड पर आधारित थी. हालांकि फ़िल्म भारत के कई हिस्सों में बैन थी, लेकिन तमिल में विद्रोहियों ने इसे पूरी तरह से बैन कर रखा था. ये फ़िल्म पूरी तरह से वास्तविकता पर आधारित थी.
14. तेली शब्द के चलते “कमीने” फ़िल्म अटकी थी
इस फ़िल्म का एक गाना है. धन टें नेंन… इसके बाद वाली लाइन है तेली का तेल. इस लाइन को लेकर तेली समुदाय ने आवाज़ उठाई. यहां बीप लगवाकर ही फ़िल्म रिलीज़ हुई थी.
15. Virgin बोलने पर रूकी “Finding Fanny”
इस फ़िल्म में दीपिका को एक जगह Virgin बोलना था, लेकिन मजाल है कि सेंसर बोर्ड के होते हुए वो ऐसे बोल जाये. काट दिया… इसको हटाने के बाद इसे यू/ए सर्टिफिकेट मिला.
16. “हैदर” में निवस्त्र कमर वाले सीन पर चली कैंची
“हैदर” फ़िल्म में कुल 41 कट लगे थे. इतने कट लगने के बाद भी जब चैन नहीं आया, तो निवस्त्र पीठ वाले सीन को लेकर भी सेंसर बोर्ड ने आपत्ति दर्ज की और इस सीन को काट-छांट डाला.
17. दक्षिणपंथी विचारधारा ने जब “चोली के पीछे क्या है” गाने का विरोध किया
फ़िल्म “खलनायक” के इस गाने को दक्षिणपंथी पार्टिज़ का काफ़ी विरोध झेलना पड़ा. देशभर में कई जगह फ़िल्म को लेकर विरोध भी हुआ था.
18. “Angry Indian Goddesses” में भारतीय देवियों के कई सीन किए ब्लर
ये एकमात्र पहली ऐसी फ़िल्म थी, जिसमें सारे किरदार महिलाओं के ही थे. इसमें भारतीय देवियों के कई सीन थे, जो बाद में ब्लर कर दिये गये.