बॉलीवुड में यूं तो हर साल हज़ारों फ़िल्में बनती हैं. लेकिन इनमें से बहुत कम ही ऐसी फ़िल्में होती हैं जो बच्चों को केंद्र में रख कर बनाई जाती हैं. आज हम आपको बॉलीवुड की कुछ ऐसी ही फ़िल्मोंं के बारे में बताएंगे जो बच्चों और उनकी समस्याओं के इर्द-गिर्द घूमती हैं. इन फ़िल्मों को देख कर न सिर्फ़ आपके बच्चों का मनोरंजन होगा बल्कि इनसे उन्हें कुछ सीखने को भी मिलेगा.
1. तारे ज़मीन पर(2007)
इसमें एक Dyslexia नाम की बीमारी से पीड़ित बच्चे(दर्शील सफारी) की स्टोरी थी. इसे पढ़ने लिखने में परेशानी होती है, ऐसे में उसके टैलेंट को एक टीचर पहचान सबके सामने लाने में मदद करता है.
2. हिचकी(2018)
इस मूवी में Tourette syndrome से ग्रसित एक टीचर(रानी मुखर्जी) को एक स्कूल के सबसे बिगड़ी क्लास को सुधारने का काम दिया जाता है. वो अपनी सारी कमियों के बावजूद बच्चों को सही रास्ते पर लाकर ही दम लेती है.
3. स्टेनली का डब्बा(2011)
इसे बच्चों की फ़िल्म समझने की भूल न करें. इसमें टिफ़न के ज़रिये बच्चों की संवेदनाओं को बड़ी ही ख़ूबसूरती से पेश किया गया है. अमोल गुप्ते द्वार निर्देशित इस फ़िल्म के बाल कलाकार पार्थो गुप्ते को बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल अवॉर्ड मिला था.
4. मकड़ी(2002)
इस हॉरर मूवी में शबाना आज़मी के किरदार को देखकर बचपन में हम सभी डर गए थे. आज भी कुछ बच्चे इसे दिन में देखकर डर जाते हैं. ख़ासकर वो हॉन्टेड हाउस जिसमें शबाना बच्चों को कैद कर रखती थीं. इस रोमांचक मूवी को बच्चों को ज़रूर देखना चाहिए.
5. रॉकफ़ोर्ड(1999)
एक क्रिश्चियन स्कूल में जब हिंदू धर्म के लड़के का एडमिशन हो जाता है तो उसके साथ क्या-क्या होता है यही इस मूवी में दिखाया गया था. इसे नागेश कुकनूर ने डायरेक्ट किया था.
6. चिल्लर पार्टी(2011)
इसमें कुछ बच्चों की स्टोरी है जो एक अनाथ बच्चे और उसके डॉगी के दोस्त बन जाते हैं. लेकिन बाद में जब एक नेता उसके डॉगी को सोसाइटी से बाहर निकालने की कोशिश करता है तो सभी बच्चे एक होकर इस समस्या से लड़ते हैं.
7. किंग अंकल(1993)
90 के दशक के बच्चों की फ़ेवरेट फ़िल्म है. शाहरुख ख़ान की इस फ़िल्म में जैकी श्रॉफ़ का किरदार लोगों को ख़ूब पसंद आया था. किसी डिक्टेटर की तरह बात करने वाले लेकिन दिल के अच्छे किंग अंकल बच्चों के फ़ेवरेट बन गए थे.
8. गिप्पी(2013)
इस मूवी में एक हेल्दी टीनएज़र की स्टोरी है जो इस अवस्था में होने वाले फ़िजिकल और सोशल चैलेंजेस से जूझती है. बाद में वो ख़ुद से प्यार करना और अपनी समस्याओं को हैंडल करना सीख जाती है. इसे आपके बच्चों को ज़रूर देखना चाहिए.
9. छोटा चेतन(1998)
इस फ़िल्म ने भारत में 3D फ़िल्मों की शुरुआत की थी. फ़िल्म की कहानी और किरदार बच्चों को ख़ूब पसंद आए थे. ये एक मलयाली फ़िल्म का हिंदी वर्ज़न थी, जिसका नाम था ‘My Dear Kuttichathan’.
10. चाची 420(1997)
ये एक ऐसी फ़िल्म है जिसे 90 के दशक के लोग भूल नहीं सकते. बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को पसंद आई थी ये फ़िल्म. चाची बने कमल हासन ने इस रोल को हमेशा के लिए यादगार बना दिया था.
11. बम बम बोले(2010)
इसमें एक ग़रीब परिवार की कहानी है. इसमें एक दिन उनका बेटा एक अपनी बहन के जूते खो देता है. उनका परिवार नया जूता ख़रीदने में असमर्थ होता है इसलिए दोनों बच्चे बिना बताए स्कूल में एक ही जोड़ी जूते को शेयर कर स्कूल जाते हैं. क्योंकि उनके स्कूल में बिना जूतों के एंट्री नहीं होती.
12. दो दूनी चार(2010)
इसमें एक ईमानदार टीचर की कहानी है, जो अपने परिवार की बढ़ती ज़रूरतों से जूझता है. उसे मौक़ा मिलता है रिश्वत लेकर अपना लाइफ़स्टाइल सुधारने का पर वो नहीं करता. इस मूवी से आपके बच्चों को काफ़ी कुछ सीखने को मिलेगा.
13. I Am Kalam(2010)
इसमें एक 12 साल के लड़के की स्टोरी है जो चाय की दुकान पर काम करता है. वो देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से प्रेरित होकर स्कूल में पढ़ना चाहता है. साथ ही जीवन में एक अच्छा आदमी बनने का सपना देखता है. वो कैसे विकट परिस्थियों का सामना करता है ये इस मूवी दिखाया गया है.
14. मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर(2018)
इस मूवी में एक ऐसे बच्चे की कहानी है जिसमें टॉयलेट न होने के चलते उसकी मां का रेप हो जाता है. इसके बाद वो प्राइम मिनिस्टर को लेटर लिख कर स्लम एरिया में रहने वाले लोगों के खुले में शौच करने और उससे होने वाली दिक्कतों के बारे में अवगत कराता है.
इन फ़िल्मों को एक बार अपने बच्चों को ज़रूर दिखाना.
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