सिनेमा समाज का आइना होता है. समाज का सिनेमा पर और सिनेमा का समाज पर बहुत ही गहरा असर पड़ता है. भारत में हर साल हज़ारों फ़िल्में बनाई जाती हैं. इनमें से कुछ हिट होती हैं, तो कुछ फ्लॉप. पर कुछ ऐसी भी होती हैं, जो हमेशा के लिए हमारे दिल पर छाप छोड़ जाती हैं. ये वो फ़िल्में होती हैं जो आपको स्वयं की तलाश करने में मदद करती हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही फ़िल्मों के बारे में…
1. थ्री इडियट्स
जो आप करना चाहते हैं, उसी में करियर बनाओ. इसमें फ़रहान एक वाइल्ड लाइफ़ फ़ोटोग्राफ़र बनना चाहता है. लेकिन वो पिता के दबाव के चलते इंजीनियरिंग करने चलता है. बाद में उसका दोस्त उसे अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है.
2. लक्ष्य
ये मूवी आप कितने काबिल हैं और क्या कर सकते हैं, ये संदेश देने में कारगर है. एक लक्ष्यहीन व्यक्ति जब स्वयं की तलाश कर लेता है तो उसका जीवन कैसे बदल जाता है.
3. स्वदेश
नासा से आया एक वैज्ञानिक अपने देश की समस्याओं को हल करने की ठानता है. उसकी अंतरात्मा उसे अपने देश के लोगों को कुछ करने के लिए प्रेरित करती है और वो अपने दिल की ही सुनता है.
4. इंग्लिश-विंग्लिश
ये फ़िल्म हर उस भारतीय को लड़ने की प्रेरणा देती है, जिसे अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान बहुत कम है. फ़िल्म की नायिका जैसे एक भाषा नामक बाधा को पछाड़ती है, वो क़ाबिले तारीफ़ है.
5. रंग दे बसंती
ये फ़िल्म हमें बताती है कि हमें समाज की कमियों पर रोना है या फिर उसे आगे बढ़कर ठीक करना है. फ़िल्म के सभी नायक लाइफ़ के प्रति सीरियस ही नहीं होते. लेकिन एक त्रासदी उन्हें समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती है.
6. इक़बाल
एक मूक-बधिर लड़का अपनी अक्षमताओं को पीछे छोड़कर अपने दम पर इंडियन क्रिकेट टीम में जगह बनाता है. ये हमें सिखाती है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं, तो आपको उस तक पहुंचने तक कोई नहीं रोक सकता.
7. उड़ान
ये फ़िल्म भारतीय समाज को आइना दिखाने का काम करती है. क्योंकि अधिकतर पेरेंट्स अपने बच्चों पर अपने सपने थोप देते हैं और वो क्या बनना चाहते हैं इसका ख़्याल नहीं रखते हैं. लेकिन ये फ़िल्म हमें अपने सपने के लिए हमें लड़ना सीखाती है.
8. वेक अप सिड
ये फ़िल्म हमें ख़ुद को अपने पैरों पर खड़ा होने और ख़ुद को ज़िम्मेदार बनाने की सीख देती है. फ़िल्म के नायक को एक राइटर से अपनी ज़िम्मेदारी उठाने का सबक मिलता है.
9. तारे ज़मीन पर
हर किसी के अंदर एक छिपा हुआ हुनर होता है, जिसे बस पहचानने की ज़रूरत होती है. ऐसे ही एक बच्चे के अंदर छुपे हुए टैलेंट को लाने में इस फ़िल्म का नायक उसकी मदद करता है.
10. तमाशा
अपने घर वालों के दबाव में वो अपने सपनों का गला घोट देता है. लेकिन बाद में उसे एहसास होता है कि वो बहुत ग़लत कर रहा है.
11. एम. एस. धोनी
किसी के दबाव में आकर कोई करियर न चुनें. आपका दिल जो करने को कहता है, वहीं काम करें. यही सीख देती है ये फ़िल्म.
12. गलीबॉय
ये फ़िल्म हमें अपने अंदर छिपे टैलेंट को तलाश कर उसे तराशने के लिए प्रेरित करती है.
ऐसी ही लाइफ़ चेंजिंग फ़िल्मों के नाम आप हमसे कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं.
इस तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.