Bollywood Movies That Unfold Over One Night: बॉलीवुड फ़िल्मों की कहानी अक्सर लंबी-चौड़ी होती है. कुछ फ़िल्मों में पीढ़ियां तक समेट दी जाती हैं. वरना हीरो-हीरोइन की ज़िंदगी तो स्क्रीन पर निचोड़ ही दी जाती है. मगर कुछ हिंदी फ़िल्में ऐसी भी बनी हैं, जिनकी कहानी महज़ एक रात में सिमटी थी. मतलब कहानी रात में शुरू और सुबह होते-होते क्लायमेक्स. इन सभी फ़िल्मों की स्टोरीलाइन अलग-अलग है. कुछ में हॉरर साइड है तो कुछ में सस्पेंस और कुछ अंडरवर्ल्ड और अपराध की दुनिया के इर्द-गिर्द घूमती हैं. (One Night Hindi Films)
तो आइए देखें बॉलीवुड की ऐसी फ़िल्में, जिनकी कहानी महज़ एक रात में पूरी हो जाती है. (Movies that had a story of one night)
Bollywood Movies That Unfold Over One Night
1. अनोखी रात – 1968
एक व्यापारी और उसकी पत्नी बरसात की रात एक घर में आश्रय लेते हैं, जहां वो एक डाकू से मिलते हैं. वो महिला डाकू की मृत पत्नी की तरह दिखती है और तब डाकू अपने जीवन की कहानी सुनाता है. फ़िल्म में संजीव कुमार, तरुण बोस और ज़हीदा हुसैन लीड रोल में थीं.
2. जागते रहो – 1956
फ़िल्म की कहानी सिर्फ़ एक रात की है. जिसकी शुरुआत गांव से आने वाले बेनाम और बेघर नायक (राज कपूर) द्वारा पानी की तलाश के साथ होती है. प्यासे नायक की कहानी के सहारे फ़िल्म आगे बढ़ती है. नायक अपनी प्यास बुझाने के लिए रातभर दर-बदर भटकता है. पानी की तलाश में भटक रहे उस युवक पर पुलिस चोर होने का ठप्पा लगा देती है.
3. इत्तेफ़ाक – 1969
‘इत्तेफाक’ उस समय की सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्मों में से काफी सफ़ल फिल्म बनी थी. फ़िल्म एक जुनूनी पेंटर की कहानी बयां करती है, अपनी पत्नी की हत्या कर देता है.
4. इस रात की सुबह नहीं – 1996
इस रात की सुबह नहीं भी एक सस्पेंस थ्रिलर है. इसमें प्रेम, अंडरवर्ल्ड और इत्तेफाक का घालमेल है. ये सुधीर मिश्रा की बेहतरीन फ़िल्मों में से एक है.
5. कौन – 1999
‘कौन’ फ़िल्म को कौन भूल सकता है? राम गोपाल वर्मा की इस फ़िल्म में उर्मिला मातोंडकर के एक मानसिक रूप से अस्थिर सीरियल किलर बनी थीं. एक ऐसी साइको किलर, जो अपने घर आने वाले किसी भी व्यक्ति की हत्या कर देती है.
6. एक चालीस की लास्ट लोकल – 2007
अभय देओल-नेहा धूपिया की फ़िल्म एक चालीस की लास्ट लोकल की कहानी वेश्यावृत्ति और अपराध जगत की ही कहानी है.
7. चमेली – 2003
करीना कपूर-राहुल बोस की चमेली की कहानी में भी वेश्यावृत्ति और अंडरवर्ल्ड का ताना-बाना था. एक्टिंग की नज़रिए से देखें तो क़रीना की बेस्ट फ़िल्म है.
8. माय फ़्रेंड पिंटो – 2011
माय फ्रेंड पिंटो एक म्यूज़िकल कॉमेडी फ़िल्म है, जिसका निर्देशन राघव धार ने किया था. फ़िल्म में प्रतीक बब्बर, माइकल पिंटो कल्कि कोच्लिन, अर्जुन माथुरम श्रुति सेठ, राज जुत्शी, दिव्या दत्ता नज़र आए थे.
9. ओह डार्लिंग ये है इंडिया – 1995
एक गैंगस्टर, राष्ट्रपति का भेस अपनाकर देश पर राज करने की योजना बनाता है. एकक लड़का और लड़की जो एक दूसरे के लिए अजनबी हैं, इस षड्यंत्र का पता लगने पर देश को बचाने की कोशिश करते हैं. ये सब कुछ एक रात में ही होता है. शाहरुख़ ख़ान फ़िल्म में लीड रोल में थे.
10. भोला – 2023
अजय की देवगन की भोला भी एक रात की ही कहानी है. ऐसे कैदी, जो आजीवन कारावास की सजा काटकर जल्दी से अनाथ आश्रम में रह रही अपनी बेटी से मिलना चाहता है. लेकिन उसे मजबूरन पुलिस की मदद करनी पड़ जाती है.
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