Bollywood Films Less Than 100 Minutes Runtime. बॉलीवुड (Bollywood) फ़िल्में एक दौर में काफ़ी लंबी हुआ करती थीं. हिन्दी सिनेमा (Hindi Cinema) में गाने और नृत्य अवश्यंभावी ही हैं! 3 घंटे की फ़िल्मों का ही ज़माना था तभी तो 3 से 6 का शो या 9 से 12 के शो की टिकट ख़रीदते थे. वो गाना भी आया था, ‘चलती है क्या 9 से 12?’ बदलते वक़्त के साथ फ़िल्मों का समय (Runtime) भी कम हो रहा है. अब पहले की तरह 3 घंटे की पिक्चर नहीं बनती और फ़िल्ममेकर्स कम से कम समय में कहानी कह देते हैं.
आज नज़र डालते हैं ऐसी फ़िल्मों पर जिनमें मेकर्स ने 100 मिनट में कम समय में ही कहानी कह दी-
1. Omerta, 96 मिनट, 2018
Omerta कहानी है एक पाकिस्तानी आतंकवादी, ओमर सईद शेख़ की जो भारत में विदेशियों का अपहरण करता है. इस आतंकवादी को गिरफ़्तार कर लिया गया था और बाद में Exchange Programme के तहत रिहा किया गया. फ़िल्म का निर्देशन हंसल मेहता ने किया था और इसमें राजकुमार राव नज़र आये थे.

2. Hope aur Hum, 96 मिनट, 2018
Hope aur Hum एक Feel-Good फ़िल्म है. फ़िल्म की कहानी श्रीवास्तव परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने घर के सबसे बड़े सदस्य, नागेश के Copying Machine के Obsession से परेशान हैं. फ़िल्म का निर्देशन सुदीप बंधोपाध्याय ने किया था और इसमें नसीरूद्दीन शाह, सोनल कुलकर्णी नज़र आये थे.

3. Haraamkhor, 90 मिनट, 2015
हरामखोर कहानी है एक स्टूडेंट की जिसे अपने टीचर से प्यार हो जाता है. समस्यायें तब शुरू हो जाती है जब ये बात सभी को पता चलती है. फ़िल्म का निर्देशन श्लो शर्मा ने किया था और इसमें नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी, श्वेता त्रिपाठी, त्रिमाला अधिकारी नज़र आये थे.

4. I am Kalaam, 88 मिनट, 2011
देश में बनी सबसे बेहतरीन फ़िल्मों में से एक फ़िल्म. ये कहानी है एक छोटे बच्चे की जो पूर्व राष्ट्रपति कलाम से इतना प्रेरित हो जाता है कि न सिर्फ़ अपना नाम कलाम रख लेता है बल्कि उनकी हेयरस्टाइल भी कॉपी करता है. ये फ़िल्म न सिर्फ़ बेहद रियल है बल्कि उतनी ही भावनात्मक भी है. फ़िल्म का निर्देशन निला माधब पांडा ने किया था और इसमें हर्ष मयर, गुलशन ग्रोवर आदि नज़र आये थे.

5. Makdee, 90 मिनट, 2002
ओ पापड़ वाले पंगा न ले! ये फ़िल्म उस दौर के हर बच्चे को याद होगी. ये कहानी है जुड़वा बहने चुन्नी मुन्नी और चुड़ैल की. बेहतरीन कहानी, बेहतरीन अभिनय और ऐसी कहानी की बड़े होने पर भी याद रहे. फ़िल्म का निर्देशन विशाल भारद्वाज ने किया था और इसमें श्वेता बासु प्रसाद, शबाना नाज़मी, मकरंद देशपांडे नज़र आये थे.

6. Waiting, 98 मिनट, 2015
एक शादी-शुदा औरत एक बूढ़े प्रोफ़ेसर से अस्पताल में मिलती हैं जहां दोनों के ही पार्टनर भर्ती हैं. अपने पार्टनर के ठीक होने का इंतज़ार करते-करते दोनों में दोस्ती हो जाती है. फ़िल्म इंतज़ार, प्रेम, दोस्ती की दास्तां कहती है. इस फ़िल्म का निर्देशन अनु मेनन ने किया था और इसमें कल्की कोचलीन, नसीरुद्दीन शाह, रजत कपूर आदि नज़र आये थे.

7. Meri Nimmo, 90 मिनट, 2018
ये फ़िल्म Eros Now पर रिलीज़ की गई. इस फ़िल्म में एक 8 साल के लड़के, हेमु को अपने से बड़़े पड़ोसी, निम्मो से ‘प्यार’ हो जाता है और कहानी इस Theme के इर्द-गिर्द गढ़ी गई है. सपने, Simplicity और कई तरह के Emotions वाली ये फ़िल्म के छिपा खज़ाना है. फ़िल्म का निर्देशन Rahul Ganore Shanklya ने किया है.

8. Peepli Live, 95 मिनट, 2010
ये कहानी है नाथा की जो किसान भत्ता पाने के लिये आत्महत्या करने की सोच लेते है. इस घटना को कवर करने के लिये मीडिया कर्मी पहुंच जाते हैं. Tragedy और Satire का मिक्स है ये फ़िल्म. फ़िल्म का निर्देशन अनुशा रिज़्वी और महमूद फ़ारूक़ी ने किया और इसमें ओमकार दास मानिकपुरी, रघुबीर यादव आदि नज़र आये हैं.

9. Nil Battey Sannata, 100 मिनट, 2016
मिनट ये प्यारी कहानी है मां बेटी के रिश्ते की. अपेक्षा को घर की आर्थिक स्थिति की वजह से पढ़ाई पसंद नहीं है और उसकी मां चंदा अपनी बेटी को प्रेरित करने की कोशिश करती है. ये न सिर्फ़ एक बेहतरीन कहानी है बल्कि इस कहानी को लाजवाब ढंग से कहा गया है. फ़िल्म का निर्देशन अश्विनी अय्यर तिवारी ने किया है और इसमें स्वरा भास्कर, रिया शुक्ला, पंकज त्रिपाठी और रत्ना पाठक शाह नज़र आये हैं.

10. Margarita With A Straw, 100 मिनट, 2014
Celebral Palsy से जूझ रही एक महिला जो हार नहीं मानती. पढ़ाई करने के लिये वो भारत से न्यू यॉर्क पहुंचती है. ख़ुद तक पहुंचने के सफ़र में इस लड़की को प्यार हो जाता है. फ़िल्म का निर्देशन शोनाली बोस, निलेश मनियार ने किया है और फ़िल्म में कल्की कोचलीन, रेवथी, सयानी गुप्ता नज़र आये हैं. ये पेशकश कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में बताइये.

ये पेशकश कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में बताइये.