किसी भी फ़िल्म की रिलीज़ के दो-चार हफ़्तों के बाद ‘मेकिंग ऑफ़ फ़िल्म’ नाम से भी एक वीडियो रिलीज़ किया जाता है, जिसमें फ़िल्म बनने के दौरान हुए सारे प्रोसेस को रिकॉर्ड कर के रखा जाता है. ये रिकॉर्डिंग ही फ़िल्म से जुड़े ऐसे कई पहलुओं को लोगों के सामने रखती है, जिसके बारे में दर्शक अंजान रहते हैं. पिछले 28 सालों से सिनेमा जगत से जुड़े रहे फ़ोटोजर्नलिस्ट, फ़ौज़ान हुसैन सिनेमा के ऊपर कई किताबें लिख चुके हैं, जिनमें ‘The Silver Screen & Beyond’, ‘Up Close’ और ‘Personal with the Bombay Film Industry’ का नाम शामिल है.
सिनेमा प्रेमियों के लिए ये किताबें किसी ख़ज़ाने से कम नहीं हैं. इन किताबों में फ़ौज़ान ने फ़िल्मों की शूटिंग के से ले कर फ़िल्मी सितारों के कुछ ख़ास पलों को समेटने की कोशिश की है. आज हम उनकी किताबों में से कुछ ख़ास फ़िल्मी पलों को लेकर आये हैं, जो आपको बॉलीवुड की चकाचौंध के और करीब ले जायेगी.
‘चमेली’ फ़िल्म के ‘भागे रे मन’ गाने में शॉट देती करीना कपूर.
शॉट देने के बाद आराम करते इमरान हाश्मी.
लावणी में विद्या बालन.
सीन की प्रैक्टिस करती प्रियंका चोपड़ा.
कई बड़े फ़िल्मी सितारों की पहली पसंद हुआ करते थे कमाठीपुरा के ये दर्जी.
कटरीना कैफ़ को शॉट समझाते डायरेक्टर.
ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी के साथ धर्मेंद्र.
‘लगे रहो मुन्ना भाई’ में अपने सीन की तैयारी करते संजय दत्त और आश्विन मुश्रान.
स्टूडियो के बाहर लंच करता गेटकीपर.
शूट के लिए एक्टर को डांस सिखाती फ़राह खान.
अपने शॉट का इंतज़ार करते नसीरुद्दीन शाह और सौरभ शुक्ला.
शादी के सीन को शूट करने के बाद लंच करते चाइल्ड आर्टिस्ट.
अपने ज़माने की मशहूर अदाकारा नादिरा.
अपनी मुस्कान का जलवा बिखेरती परवीन बाबी.
बात फ़िल्मों की हो और ‘शोले’ का ज़िक्र न आये, ऐसा भी कभी हो सकता है भला? रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित ‘शोले’ 1973 में बन कर तैयार हो गई थी, पर इसे 1975 में रिलीज़ किया गया था. उस समय की ब्लॉकबस्टर रही ‘शोले’ ने अपनी रिलीज़ के साथ ही कई रिकॉर्ड बनाये.
इस फ़िल्म का गाना ‘ये दोस्ती, हम नहीं तोड़ेंगे’ को शूट करने में 21 दिन लग गए थे.
‘कितने आदमी थे’ डायलॉग का फाइनल शूट 40 रिटेक के बाद निकाला गया था.
धर्मेंद्र इस फ़िल्म में पहले ठाकुर का किरदार करने वाले थे, पर जब उन्हें पता चला कि फ़िल्म में हेमा मालिनी भी हैं, तो झट से वीरू बन गए.
‘शोले’ की शूटिंग शुरू होने से 4 महीने पहले अमिताभ बच्चन ने जया भादुरी से शादी की थी. जया जी के प्रेग्नेंट होने की वजह से शूटिंग में कई दिनों की देरी भी हुई.
बेंगलुरु से 45 किलोमीटर दूर राम नगर नाम की एक जगह पर शूटिंग की गई थी, जिसे फ़िल्म में रामगढ़ दिखाया गया था
इस फ़िल्म के लिए ‘गब्बर’ नाम का चुनाव इंदौर क्षेत्र के ख़तरनाक डकैत से लिया गया था. इस डकैत का कहर 1950 के आस-पास सारे क्षेत्र में फैला हुआ था. इसके बारे में कहा जाता है कि ये पुलिस वालों के कान और नाक काट दिया करता था.