एक अच्छा एक्टर अपनी एक्टिंग से निर्जीव पड़े रोल में जान भरता है, लेकिन कई दफ़ा वो ऐसे रोल कर जाता है, जो सिनेमा में एक नई लीग की शुरुआत कर देते हैं.
अनुपम खेर ने 28 साल की उम्र में जब सारांश में उस बाप का रोल किया था, जो अपने बेटे की मौत से रोज़ मर रहा है, तो उसने हर तरह के रिकॉर्ड तोड़ दिए. दुनिया समझ नहीं पा रही थी कि इतनी जवानी में कोई ऐसे रोल को में जान कैसे भर सकता है.
अनुपम खेर उन कलाकारों की खेप में शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को अपनी बेहतरीन अदाकारी से एक मुक़ाम पर पहुंचाया. अगर देखा जाए, तो सारांश से लेकर MS Dhoni: The Untold Story में वो बदलते समाज के नए पिता की छवि बने.
बॉलीवुड के Cool Dad, अनुपम खेर के कुछ बेहतरीन रोल याद करते हैं:
1. सारांश
एक 60 साल का रिटायर्ड मिडिल क्लास व्यक्ति, जिसके बेटे की विदेश में मौत हो जाती है. अनुपम खेर को उनका पहला फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड भी सारांश के लिए मिला था. इसलिए फ़िल्म को उनकी सबसे बेहतरीन फ़िल्म भी इसलिए ही माना जाता है, क्योंकि उन्होंने 28 साल की उम्र में ये रोल प्ले किया था. आप कैरेक्टर को बाहरी तौर से मेकअप, कॉस्टयूम से तैयार कर सकते हैं, लेकिन उसमें विश्वास तभी आता है जब एक्टर में दम हो. अनुपम ने वो कर दिखाया था.
2. दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे
ये फ़िल्म उस वक़्त आई थी, जब पिता का मतलब एक सख्त मिजाज़, अनुशासन प्रिय, हेड ऑफ़ द फैमिली हुआ करता था. 90 के दशक की इस फ़िल्म में बहुत कुछ ऐसा था, जिसने इंडियन फैमिली वैल्यूज़ को चेंज किया. हालांकि फ़िल्म में कुछ ऐसी चीज़ें भी थी, जो आगे चल कर बॉलीवुड की पहचान ही बन गई, लेकिन अनुपम का ‘कूल डैड’ रोल सभी को पसंद आया. ये रोल सिमरन के पिता बने अमरीश पुरी से ठीक उल्टा था. ये अपने बेटे को दोस्त की तरह मानता था, उसकी ख़ामियों को अपना कर उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता था. ये पिता ऑडियंस के लिए नया था और उतना ही पसंदीदा भी.
3. क्या कहना
इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट अपने टाइम से कहीं आगे थी. फ़िल्म में Early Pregnancy को दिखाया गया था. प्रिया की प्रेगनेंसी के बारे में जब उसके पिता को पता चलता है, तो पहले वो वो उसे समाज और संस्कारों की दुहाई दे कर छोड़ देता है. लेकिन फिर उसी पिता का दूसरा चेहरा भी सामने आता है, जो उसी समाज के खिलाफ़ जा कर अपनी बेटी का साथ देता है. इस पिता में झलक थी आज के पिता की, जो समाज की परवाह किये बिना अपनी बेटी की सोच में उसके साथ है.
4. ब्राइड एंड प्रेजुडिस
Jane Austen की लिखी इस कहानी में जिस पिता का रोल अनुपम ने किया, वो कई एक्टर्स कर चुके थे. ऐसा किरदार अपने आप में Challenging होता है, क्योंकि उसे हर तरीके से पेश किया जा चुका होता है. हालांकि अनुपम खेर ने ये किरदार बाखूबी निभाया. ये पिता अपने बेटियों से प्रति बहुत प्रोटेक्टिव था और उनके लिए वो अपनी पत्नी के सपनों के आगे भी आ गया.
5. MS Dhoni: The Untold Story
ये कहना बिलकुल ग़लत नहीं होगा कि अनुपम खेर की एक्टिंग हैट में अदाकारी के इतने रंग हैं, जो टाइम टू टाइम उनकी एक्टिंग को निखारते रहते हैं. उनकी एक्टिंग का हर रंग देखने को मिला धोनी की लाइफ़ पर बनी फ़िल्म MS Dhoni – The Untold Story में. एक मिडिल क्लास आदमी, जो अपने बेटे की महत्वकांक्षाओं और उसके भविष्य के चिंता के बीच में फंसा है. उन्होंने इस रोल को इतना सटीक और नेचुरल तरीके से निभाया कि आप थोड़ी देर के लिए उन्हें माही का पिता समझ बैठते हैं और ये एक एक्टर की जीत होती है.
6. डैडी
अनुपम ने महेश भट्ट की फ़िल्म डैडी में भी काम किया था. इस फ़िल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला. फ़िल्म में कहानी थी एक ऐसे पिता की, जो अपनी बेटी के साथ अपने रिश्ते को लेकर जूझ रहा होता है. ये पिता अनुपम के बाक़ी किरदारों से बिलकुल अलग था, इसे शराब की लत लगी हुई थी. पिता-बेटी के रिलेशनशिप पर बनी इस फ़िल्म का ट्रीटमेंट भी अलग था.
अभिनय के अलग-अलग रंगों से फ़िल्मों के किरदारों को सजाने के लिए धन्यवाद अनुपम खेर!