बॉलीवुड में सुपरस्टार कल्चर का श्रेय मशहूर अभिनेता राजेश खन्ना को दिया जाता रहा है. राजेश खन्ना की फ़िल्मों की लोकप्रियता के चलते उन्हें असल मायनों में हिंदी फ़िल्म इंड्रस्टी का पहला सुपरस्टार माना जाता था. खास बात ये है कि उनकी Legacy को अमिताभ बच्चन ने बखूबी संभाला.

70 और 80 के दशक में अमिताभ बच्चन ने कई सुपरहिट फ़िल्में दी. उस दौर की कई फ़िल्मों में अमिताभ के बचपन के रोल की भी कहानी में खास भूमिका होती थी. शायद यही वजह थी कि इन फ़िल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट का रोल भी बेहद अहम हो जाता था.

क्या आपको ये बच्चा याद है? ‘अमर अकबर एंथोनी’ और ‘कूली’ जैसी फिल्मों में अमिताभ के बचपन का किरदार निभाने वाले इस बच्चे का नाम रवि वलेचा है. 1976 में फ़िल्म ‘फ़कीरा’ से अपने करियर की शुरूआत करने वाले रवि को 1977 में आई फ़िल्म ‘अमर अकबर एंथोनी’ से पहचान मिली. रवि ने ‘अमर अकबर एंथोनी’ के अलावा ‘देश प्रेमी’, ‘शक्ति’ और ‘कुली’ जैसी फ़िल्मों में भी काम किया है. रवि ने अब तक अलग-अलग भाषाओं की लगभग 300 से ज़्यादा फिल्में की हैं.
लेकिन एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर सफ़ल करियर बनाने वाले रवि का जल्द ही बॉलीवुड से मोहभंग हो गया. इंड्रस्टी में शायद ही कोई ऐसा दूसरा चाइल्ड आर्टिस्ट हो, जिसने रवि जितनी फिल्मों में काम किया हो, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ग्लैमर जगत को छोड़ कर दूसरे प्रोफ़ेशन में हाथ आज़माने का फ़ैसला किया. बॉलीवुड में एक अच्छे खासे करियर को छोड़ देना आसान नहीं होता, लेकिन खास बात ये है कि उन्होंने अपने एक्टिंग से संन्यास के फ़ैसले को सही साबित किया और आज वे अपने बिज़नेस के चलते करोड़ों रुपयों के मालिक हैं.

नेशनल इंस्टी्टयूट ऑफ़ अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री लेने के बाद रवि ने अपनी कंपनी शुरू कर हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में अपना कारोबार बड़े स्तर पर फ़ैलाया. वो आज टॉप प्राइवेट सेक्टर बैंकों को अपनी हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज़ दे रहे हैं. आज की तारीख में उनका कारोबार 300 करोड़ का है और वो अपने जीवन में एक कामयाब इंसान हैं. रवि जैसे लोग साबित करते हैं कि अगर मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ किसी भी करियर में पहचान बनाने की कोशिश की जाए तो सफ़लता आपके कदम चूमती ही है.