चंकी पांडे 90 के दशक के मशहूर एक्टर हैं. उन्होंने साल 1987 की फ़िल्म ‘आग ही आग’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. वो अब तक कई सुपरहिट फ़िल्में दे चुके हैं. इनमें ‘तेज़ाब’, ‘आंखें’, ‘ख़तरों के खिलाड़ी’, ‘हाउसफ़ुल’, ‘बेग़मजान’, ‘साहो’, जैसी फ़िल्मों के नाम शामिल हैं. आज हम आपके लिए चंकी पांडे से जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा लेकर आए हैं. ये क़िस्सा 2009 से जुड़ा है जब उन्हें एक फ़्यूनरल(Funeral) यानी शोकसभा में शामिल होने के लिए 5 लाख रुपये का ऑफ़र मिला था.
हैं ना हैरान करने वाली बात. क्योंकि फ़िल्मी सितारों को अकसर शादी-ब्याह में धूम मचाने के लिए लाखों रुपये की फ़ीस चुकाई जाती है, लेकिन चंकी पांडे को Funeral में जाने के बदले पैसे देने का ऑफ़र मिला था.
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चंकी पांडे ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि 2009 में मुलुंड की एक बिज़नेसमैन फ़ैमिली ने उन्हें ये ऑफ़र दिया था. उनसे कहा गया था कि बस चंकी पांडे को उनके वारिस के अंतिम संस्कार में जाना है और एक कोने में चुपचाप खड़े रहना है. इसके लिए वो 5 लाख रुपये देने को तैयार थे.
दरअसल, उस फ़ैमिली के ऊपर बहुत कर्ज़ था, जिसे वो बेटे के जाने के बाद चुकाने में असमर्थ थे. ऐसा करने से वो अपने कर्ज़दारों को बता पाते कि बेटे ने चंकी पांडे और दूसरे स्टार्स को लेकर एक फ़िल्म में निवेश किया था, जो अब डूब गया. इसलिए वो कुछ लोगों का कर्ज़ नहीं चुका पाएंगे. ये ऑफ़र सुनने के बाद चंकी पांडे का सिर चकरा गया था.
वो लोग चाहते थे कि मैं वहां जाकर थोड़ा रोना-धोना करूं और इसके बाद पूरे अंतिम संस्कार में चुपचाप एक कोने में खड़ा रहूं. हालांकि, मैंने तुरंत इस ऑफ़र को ठुकरा दिया.
-चंकी पांडे
चंकी पांडे ने उनकी मदद भी की क्योंकि उनकी माली हालत थोड़ी खस्ता थी. इसलिए उन्होंने किसी दूसरे एक्टर को वहां भेज दिया. चंकी पांडे ने न तो उस फ़ैमिली के बारे में बताया न ही उस एक्टर के नाम का खुलासा किया. चंकी पांडे का कहना है कि वो एक्टिंग कर पैसे तो कमाना चाहते थे लेकिन किसी फ़्यूनरल में नहीं, फ़िल्मों में. उन्होंने दूसरे एक्टर के अरेंजमेंट के लिए दिए जाने वाले कमीशन को भी लेने से इंकार कर दिया था.