फ़िल्मी कीड़े सोशल मीडिया पर टीम बनाए बैठे हैं. कोई करन जौहर के लिए फाइटर बना हुआ है तो कोई अनुराग कश्यप के लिए कट्टा लहरा रहा है, उन बावलों! को बस इतना बतान है कि दोनों डायरेक्टर अपनी फ़िल्म में एक ही किस्म की ईंट-बजरी-सीमेंट लगाते हैं.
सैंपल के लिए दोनों के एक-एक बेस्ट फ़िल्म को उठा कर समझाता हूं. असली शौक़ीन होंगे, तो कभी ख़ुशी कभी ग़म और गैंग्स ऑफ़ वासेपुर देखा ही होगा. अब उन दोनों फ़िल्मों को मेरी नज़रों से देखो, फिर बताना कि दोनों के बीच कितनी समानता है.

ADVERTISEMENT





ADVERTISEMENT



बिक चुकी है ये फ़िल्म इंडस्ट्री, ये सारे मिल कर हमको पागल बना रहे हैं! एक ही माल अलग-अलग दुकान पर बिक रहा है.
आपके लिए टॉप स्टोरीज़