बॉलीवुड में 1944 में एक ऐसे लड़के ने कदम रखा जिसे देखकर धर्मेंद्र, गोविंदा और शाहरुख़ जैसे बड़े सितारों ने हीरो बनने की राह चुनी. इस लड़के ने अपनी संजीदगी से किरदारों में वो जान फूंक दीं जिसे कोई दूसरा अभिनेता कर ही नहीं पाया. बोलती आंखें, मासूम चेहरा और दमदार एक्टिंग बस यही इनकी पहचान बन गई. जबकि, न तो किसी फ़ैमिली बैकग्राउंड से ताल्लुक़ था और न ही फ़िल्मों का कोई अनुभव मगर अपनी मेहनत से इन्होंने सबको पीछे छोड़ दिया और हिंदी सिनेमा का अभिन्न अंगर बन गए. हालांकि, 7 जुलाई 2021 को हिंदी सिनेमा के इस सितारे ने दुनिया को अलविदा कह दिया. इस दुनिया से जाकर भी वो हमारे दिल से कभी न गए हैं और न ही जाएंगे.
तस्वीर में दिखने वाले इस मासूम से लड़के ने हिंदी सिनेमा के पर्दे पर बहुत नाम कमाया. साथ ही एक से बढ़कर एक आइकॉनिक रोल निभाकर हमारे दिलों में कभी न मिटने वाली छवि बना ली. इतना ही नहीं, एक बार इस मासूम से दिखने वाले लड़के पर पाकिस्तानी जासूस होने का शक किया गया था. उस समय कोलकाता पुलिस ने इनके घर पर छापा भी मारा था मगर उन पर लगाए सभी आरोप बेबुनियाद निकले थे.
इनका असली नाम युसूफ़ ख़ान था जिसे फ़िल्मों में आने के बाद बदल दिया गया और ये बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार बनकर उभरे.
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दिलीप साहब की एक्टिंग जितना बोलती थी उतना ही उनकी असल ज़िंदगी में सुर्खियों में रहती थी. जब कोई स्टार रील लाइफ़ में अच्छा करता है तो उसकी रियल लाइफ़ के क़िस्से मशहूर होने लगते हैं. ऐसी ही कुछ ज़िंदगी दिलीप कुमार की भी थी. इनका विवादों से ख़ूब नाता रहता था फिर वो मधुबाला से इनके प्यार और तक़रार की बात हो या लगा मंगेशकर से इनके झगड़े की.
लता मंगेशकर से इनका झगड़ा 1957 में फ़िल्म मुसाफ़िर की शूटिंग के दौरान हुआ था. दरअसल, लता जी फ़िल्म का गाना लागी नाहीं छूटे रिकॉर्ड कर रही थीं तभी दिलीप साहब ने कमेंट करते हुए कहा कि मराठियों की उर्दू और दाल-चावल दोनों एक से होते हैं. दिलीप साहब की इस बात का लता जी को बहुत बुरा लगा और उन्होंने इनसे 13 साल तक बात नहीं की. मगर इनके कमेंट का जवाब देते हुए लता मंगेशकर ने उर्दू सीखी. इसके बाद, लेखक ख़ुशवंत सिंह ने दोनों की दोबारा बातचीत कराई.
दिलीप कुमार ने अपनी फ़िल्मों में इतने गंभीर किरदार निभाए कि उन्हें ट्रेजेडी किंग का ख़िताब दे दिया गया. मगर असल ज़िंदगी में वो बिल्कुल भी ट्रेजेडी किंग नहीं थे. वो बहुत दिलफेंक थे तभी तो उनका नाम कई हिरोइनों के साथ जुड़ा, जिनमें एक्ट्रेस कामिनी कौशल, मधुबाला और वैजयंतीमाला का नाम शामिल है. इनमें मधुबाला और कामिनी कौशल का रिश्ता शादी की बातचीत पर ही आकर ख़त्म हो गया और वैजयंतीमाला से सिर्फ़ इनका नाम जोड़ा गया.
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दिलीप कुमार का नाम सायरा बानो से भी जुड़ा जो उनसे उम्र में 22 साल छोटी थीं. साल 1966 में सायरा बानो ने अपने से 22 साल बड़े दिलीप कुमार से शादी करके सबको चौंका दिया, जो उनसे बेइंतेहां प्यार करती थीं.
आपको बता दें, सायरा बानो से शादी करने के बाद दिलीप कुमार ने पाकिस्तानी महिला असमा रहमान से 1981 में शादी की थी, जो शादी 1983 तक बमुश्किल चल पाई थी.