अगर आप बॉलीवुड के मसालेदार कमर्शियल सिनेमा को पसंद करते हैं, तो आप कुछ सालों पहले आयी फ़िल्म विक्की डोनर को नहीं भूले होंगे. फ़िल्म कई मायनों में एक सामाजिक टैबू को हल्के-फ़ुल्के अंदाज़ में पेश करने में कामयाब रही थी. दर्शकों के अलावा क्रिटिक्स से भी फ़िल्म के कलाकारों को खूब वाहवाही मिली थी.
विक्की बने आयुष्मान खुराना की मां का किरदार निभा कर चर्चा में आईं डॉली अहलूवालिया भी फ़िल्म की एक अहम किरदार थीं. डॉली ने फ़िल्म में विहस्की इंजॉय करने वाली मॉर्डन डे मां का किरदार निभाया था. उन्हें विक्की डोनर के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड भी मिला था.
निर्देशक हो या गायक, कैमरे पर दिखने का मोह फ़िल्म इंड्रस्टी के लोग अक्सर नहीं छोड़ पाते हैं. लेकिन एक सशक्त एक्टर होने के बावजूद डॉली ने कम लोकप्रिय प्रोफ़ेशन को अपनाने का फ़ैसला किया. उन्होंने शौहरत की जगह अपनी प्रोफे़शनल संतुष्टि को हमेशा से ही तरजीह दी है.
अभिनेत्री के तौर पर नेशनल अवार्ड जीतने वाली डॉली ने बतौर कॉस्टयूम डिज़ाइनर अपनी पहली फ़िल्म के लिए ही नेशनल अवार्ड जीता था. डिज़ाइनिंग की कोई आधिकारिक ट्रेनिंग न लेने वाली डॉली को 1994 में विवादित फ़िल्म, ‘बैंडिट क्वीन’ में बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन के लिए नेशनल अवार्ड मिला था.
बैंडिट क्वीन के बाद से ही उनका करियर रफ़्तार पकड़ने लगा. डॉली ने इसके बाद वॉटर (2005), ओमकारा (2006), कमीने (2009), भाग मिल्खा भाग (2013) और हैदर जैसी शानदार फ़िल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिज़ाइन किए. विशाल भारद्वाज की मास्टरपीस फ़िल्म, हैदर के लिए उन्हें एक बार फ़िर राष्ट्रीय अवार्ड से नवाज़ा गया था.
डॉली मानती हैं कि वे पहले एक कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर हैं और उसके बाद एक्टर. वे नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा, दिल्ली से पढ़ चुकी हैं और वे यहां भी गोल्ड मेडल जीत कर पास आउट हुई थीं. 10 साल थियेटर में करियर के बाद उन्होंने नए प्रयोग करने का फ़ैसला किया था. विक्की डोनर से पहले भी वे कुछ छोटी भूमिकाओं में नज़र आ चुकी हैं. 2005 में आई फ़िल्म ‘वॉटर’ और ‘यहां’ के अलावा वे 2013 में ये ‘जवानी है दीवानी’ में भी दीपिका पादुकोण की मां का किरदार निभा चुकी हैं.
निश्चित तौर पर डॉली एक मल्टीटैलेंटेड आर्टिस्ट हैं. ये दुर्भाग्य ही है कि बॉलीवुड में कॉस्ट्यूम डिज़ाइन से सफ़लता की सीढ़ियां चढ़ने वाली डॉली को शोहरत और लोगों के बीच पहचान ढाई दशक बाद फ़िल्म विक्की डोनर से ही मिली. कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग और एक्टिंग में तीन नेशनल अवार्ड जीतने वाली डॉली, बॉलीवुड की पुरुष-प्रधान दुनिया में महिला आर्टिस्टों के लिए एक मिसाल हैं.