एक महिला की शक्ति का आकंलन करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. आज की औरत घर भी चलाना जानती है, तो बाहर की ज़िम्मेदारी भी. वो ज़माने की तमाम मुश्किलें झेल कर अपने परिवार की रक्षा करना जानती है. ये तो हुई एक आम महिला की बात, लेकिन इसके अलावा महिला का एकऔर रूप होता है, जो कि हमें टीवी सीरियल्स में देखने को मिलता है.

अब तक महिला केंद्रित कई टीवी शोज़ बनाए जा चुके हैं, जिनमें हमें कई तरह की महिलाओं के शक्तिशाली रूप देखने को मिले. शांति, इतिहास और उड़ान समेत दूरदर्शन पर आने वाले कई ऐसे धारावाहिक थे, जिनमें एक महिला की कहानी को इस तरह से दिखाया गया कि उस कैरेक्टर को देख महिला ख़ुद की ज़िंदगी को महसूस कर सकती थी.

वहीं वक़्त बदला धीरे-धीरे सीरियल्स की कहानियां भी बदलती गई और महिलाओं के रोल्स को भी काफ़ी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जाने लगा. पहले के धारावाहिकों में जहां हमें एक साधारण महिला की कहानी देखने को मिलती थी, तो वहीं अब महिलाओं के रोल्स को काफ़ी ग्लैमरस और तड़क-भड़क वाला बना दिया गया.

आज के शोज़ भले ही महिला केंद्रित हों, लेकिन उन्हें देख कर कोई भी महिला ये नहीं कह सकती कि हां सच में मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. इसके साथ कई शोज़ में चाल और साज़िशों के साथ महिलाओं की निगेटिव रोल को जिस तरह से दर्शकों के सामने पेश किया जा रहा है, उसे देख कर बस कहा जा सकता है कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शायद ही किसी महिला के पास ये सब षड्यंत्र रचने का इतना वक़्त होगा.

आइए जानते पहले के सीरियल्स और आज के सीरियल्स में कितना फ़र्क आया है:

1. शांति

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1994 में दूरदर्शन पर आने वाले इस सीरियल की कहानी एक महिला पत्रकार शांति के ईद-गिर्द घूमती है. शांति बॉलीवुड के मशहूर प्रोडक्शन हाउस के मालिक कामेश महादेवन और राज जी.जे. सिंह की जीवनी लिखने के लिए उनके घर शांति मेन्शन आती है. मंदिरा बेदी ने अपनी अदाकारी से शांति के रोल को इतना अधिक दमदार बना था दिया था कि बच्चे हों या बड़े हर कोई दोपहर में आने वाले इस सीरियल को देखने के लिए बेताब रहता था. यही नहीं, कई हद तक इस सीरियल को देख कर वास्तविकता की कल्पना की जा सकती थी.

क्योंकि सास भी कभी बहू थी 

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इस सीरियल के बारे में शायद ही किसी को कुछ बताने की ज़रूरत हो. एकता कपूर का ये सीरियल सस्पेंस और ड्रामे से भरपूर था. इस धारावाहिक में एक बड़ा सा परिवार था, जिसकी डोर उस घर की बहू ने संभाल रखी थी. अचानक एक दिन उसे पता चलता है कि उसके पति का किसी पराई औरत के साथ एक्स्ट्रा मैरिटल अफ़ेयर चल रहा है और वहीं से शुरू से होता है फ़ैमिली ड्रामा. मतलब इस सीरियल की कहानी दर्शक जुटाने में तो कामयाब रही, लेकिन जिस तरह से इसमें एक महिला के किरदार को दिखाया गया असल ज़िंदगी में वैसा बिल्कुल नहीं होता.

2. उड़ान

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दूरदर्शन पर आने वाला ये सीरियल रिटायर आईपीएस अफ़सर किरण बेदी की ज़िंदगी पर आधारित था. सीरियल की मुख़्य भूमिका कविता चौधरी ने निभाई थी. इस धारावाहिक में एक साधारण परिवार की लड़की के आईपीएस अधिकारी बनने का सफ़र दिखाया गया है, जो कि सत्य घटना को दर्शाता है.

दिया और बाती हम 

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स्टार प्लस पर आने वाले इस शो में भी एक साधारण परिवार की लड़की के आईपीएस अधिकारी बनने की कहानी दिखाई गई, लेकिन बस फ़र्क इतना था कि इस सीरियल में जिस तरह से एक महिला के किरदार को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया था, असलियत में वैसा कुछ भी नामुमकिन है.

3. रजनी 

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दूरदर्शन पर आने वाले इस सीरियल का मुख़्य किरदार प्रिया तेंदुलकर ने निभाया था. रजनी के रोल में एक ऐसी महिला को दिखाया गया था, जो अन्याय और शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाना जानती है. यही नहीं, वो जिसे नहीं भी जानती थी उसके हक़ के लिए भी लड़ जाती थी. अगर चंद शब्दों में कहा जाए, तो इस सीरियल ने लोगों को समझदारी का पाठ पढ़ाया.

कसौटी ज़िंदगी की 

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कोमोलिका… ये नाम भला कोई कैसे भूल सकता है. बालाजी टेलीफ़िल्म के इस धारावाहिक में श्वेता तिवारी ने लीड रोल प्ले किया था. इस सीरियल में कब, कौन और किससे शादी कर लेता है कुछ पता ही नहीं चलता. प्रेरणा के किरदार में श्वेवता तिवारी अपने परिवार के ख़ातिर सही ग़लत सब कुछ बर्दाशत करती हैं. अब ज़ाहिर सी बात है दुनिया के लिए ये कोई अच्छा मैसेज, तो नहीं है.

4. मृगनयनी 

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दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले इस सीरियल में लीड रोल एक्ट्रेस पल्लवी जोशी ने निभाया था. इसकी कहानी एक नॉवेल पर आधारित थी, जिसमें एक महिला की ख़ूबसूरती के बारे में बताया गया था.

प्रतिज्ञा 

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स्टार प्लस के इस सीरियल की कहानी भी महिला केंद्रित थी, जिसमें एक टपोरी टाइप लड़का प्रतिज्ञा नामक लड़की की ख़ूबसूरती पर इस तरह फ़िदा था कि किसी भी हाल में उससे शादी करना चाहता था. आखिर में होता वही है, जो वो लड़का चाहता था और प्रतिज्ञा को ठाकुर सज्जन सिंह के बेटे से शादी करनी पड़ती है. हांलाकि, अंत में जीत प्रतिज्ञा की ही होती और वो अपने बिगैड़ पति को एक अच्छा इंसान बना देती है. पर शो में जिस तरह से हेर-फ़ेर करके महिला की संघर्ष की कहानी को पेश किया गया, उसे असल ज़िंदगी में समझ पाना थोड़ा मुश्किल है.

5. एयरहोस्टेस 

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1986 में डीडी नेशनल पर प्रसारित होने वाला ये धारावाहिक एयरहोस्टेस की ज़िंदगी पर आधारित था. शो में लीड रोल Kruttika Desai ओर Kitu Gidwani ने निभाया था. इस सीरियल को देख कर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि लड़कियों के प्रोफ़ेशनल लाइफ़ की राह बिल्कुल आसान नहीं होती.

कसम से 

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जी टीवी पर प्रसारित होने वाले इस सीरियल की कहानी तीन बहनों के ईद-गिर्द घूमती है. पिता की मौत के तीनों बहनें करियर बनने के लिए मुंबई के बिज़नेसमैन मिस्टर वालिया के घर रहने आती हैं. यूं तो ये तीनों ही इस शहर में कुछ बनने और करने के लिए आई थी, लेकिन उनकी ज़िंदगी प्यार, इश्क और मोहब्बत के बीच फंस कर रह जाती है. प्यार-व्यार सब ठीक है, लेकिन बीच शो में बहनों के रिश्ते में जिस तरह से तकरार और दरार दिखाई गई, असलियत में कोई बहन शायद ही अपनी बहन के ख़िलाफ़ ऐसी साज़िशें रचती हो.

6. मैं बनूंगी मिस इंडिया 

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इस शो की कहानी फ़ैशन, ब्यूटी और ग्लैमर से भरपूर है. सीरियल में एक छोटे शहर से आई लड़की के संघर्ष की कहानी को दिखाया गया. सीरियल में साफ़ तरीके से दिखाया गया है कि एक छोटे शहर की लड़की के लिए अपने सपनों को साकार करना मुश्किल ज़रूर होता है, लेकिन नामुमकिन नहीं. ये कहानी हर किसी के लिए काफ़ी प्रेरणादायक थी.

तमन्ना 

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स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाला ये सीरियल फ़ैमिली ड्रामा शो था. इसमें एक ऐसी लड़की की कहानी को दिखाया गया था, जो गुजरात से है और क्रिकेट में ख़ास रुचि रखती है, साथ ही उसे बातौर खिलाड़ी ख़ुद को स्थापित करने के लिए काफ़ी बलिदान देने पड़े. इस दौरान उसे घर से लेकर बाहर तक कई मुसीबतें भी झेलनी पड़ी. अब आप ख़ुद सोचो रियल लाइफ़ में कोई महिला इतना सब बर्दाशत करेगी क्या भला?

7. स्त्री शक्ति

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दूरदर्शन के इस कार्यक्रम उन महिलाओं की कहानी उन्हीं की ज़ुबानी दिखाई जाती है, जिन्होंने मुश्किल हालातों में भी हार नहीं मानी और गिर कर ऐसे खड़ी हुई, जैसे मानों कभी कुछ बुरा हुआ ही नहीं था.

शक्ति 

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कलर टेलीविज़न पर प्रसारित होने वाला ये सीरियल एक किन्नर की ज़िंदगी पर आधारित था. कसम से अगर ये सीरियल किन्नर समाज देख लेता, तो वो सदमे में ही आ जाता. क्योंकि इसमें जिस तरह एक किन्नर को किसी के घर की बहू बना दिया जाता है, पर आप खुद ही सोचिये कि रियल लाइफ़ में ऐसा हो सकता है भला.

8. फ़रमान 

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इस शो में आपको दोस्ती, प्यार और शादी तक के सारे किस्से देखने को मिलेंगे. काल्पनिक घटना पर आधारित इस सीरियल में रिश्तों में दिखाए गए तनाव को रियल लाइफ़ से रिलेट कर देखा जा सकता है.

इश्कबाज़ 

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ये शो स्टार प्लस पर रात 10 बजे प्रसारित होता था. यूं तो ये धारावाहिक तीन भाईयों की ज़िंदगी पर आधारित था, लेकिन मेन रोल इसमें एक लड़की ही प्ले कर रही थी, जो अमीर और ज़िद्दी किस्म के ओमकारा को सुधारने का प्रण लेती है, लेकिन इस दौरान उसे कई कठिनाईयों और आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है. इस सीरियल की कहानी का वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है.

कुल मिला कर आज कल के नाटकों में महिलाओं के कैरेक्टर को लेकर काफ़ी भ्रम फैलाया जा रहा है, जो कि किसी भी तरीके से सही नहीं है. हो सकता है इस तरीके के सीरियल्स लोगों के लिए एंटरनेमेंट का साधन ज़रूर हैं, लेकिन आने वाली पीढ़ी पर इसका बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है. सास-बहू सीरियल्स में जिस तरह से महिलाओं को चालें चलते दिखाया जाता है, उससे समाज में एक ग़लत मैसेज जा रहा है. महिलाओं पर आधारित सीरियल को एक अच्छी सोच के साथ बनाया जाना चाहिए न कि मनगढ़त कहानियों के साथ.