कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान देश के लाखों प्रवासी मज़दूर न केवल बेरोज़गार हो गए थे, बल्कि उनके घर जाने का इंतज़ाम भी नहीं था. इस दौरान प्रवासी मज़दूर हज़ारों किमी दूर पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े थे. ऐसे में बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर सामने आए.
इस दौरान सोनू सूद ने न केवल प्रवासी मज़दूरों के घर जाने का, बल्कि उनके खाने-पीने का भी इंतजाम भी किया. लॉकडाउन में प्रवासी मज़दूरों की मदद करके आज सोनू सूद ‘रियल लाइफ़ हीरो’ बन चुके हैं. अब तेलंगाना में फ़ैंस ने सोनू सूद का आभार जताते हुए उनका मंदिर बनाया है.
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक़, तेलंगाना के सिद्दीपेट ज़िले के डुब्बा टांडा गांव के लोगों ने अधिकारियों की मदद से सोनू सूद के सम्मान में एक मंदिर बनवाया है. इस मंदिर में सोनू सूद की एक बड़ी सी मूर्ति भी लगाई गई है. 20 दिसंबर को खोले गए इस मंदिर में स्थानीय लोगों ने सोनू की मूर्ति की आरती भी उतारी है. इस दौरान स्थानीय महिलाओं ने ट्रडिशनल ड्रेस पहनकर लोकगीत भी गाए.
Telangana: Locals of Dubba Tanda village in Siddipet have constructed a temple to recognize Actor Sonu Sood’s philanthropic work.
— ANI (@ANI) December 20, 2020
A local says, “He helped so many people during the pandemic. It’s a matter of great delight for us that we’ve constructed his temple.” (20.12.2020) pic.twitter.com/XZoj6x55pq
सोनू सूद ने ट्वीट करते हुए लिखा, इस प्यार के लिए शुक्रिया, लेकिन मैं ये सब डिज़र्व नहीं करता. मैं बस एक कॉमन मैन हूं जो अपने भाइयों और बहनों की मदद करता है.
Don’t deserve this sir.
— sonu sood (@SonuSood) December 21, 2020
Humbled🙏 https://t.co/tX5zEbBwbP
INSANE ❤️ https://t.co/AjwVYBxowm
— sonu sood (@SonuSood) December 22, 2020
इस संबंध में सिद्दीपेट ज़िला परिषद मेंबर गिरि कोंडल रेड्डी ने कहा कि, सोनू सूद ने कोरोना आपदा के दौरान लोगों की भरपूर मदद की थी, इसलिए उनका स्थान भगवान जैसा है और उनका मंदिर बनाया गया है. सोनू आज गांव वालों के लिए भगवान से कम नहीं हैं.
बता दें कि लॉकडाउन के समय से लेकर अब तक सोनू सूद लोगों की मदद करते आ रहे हैं. सोनू ने हाल ही में लॉकडाउन में नौकरी खो चुके लोगों के लिए एक स्कीम लॉन्च की थी, जिसके तहत बेरोज़गारों को ई-रिक्शा दिलाने की बात कही गई थी ताकि वे अपना गुजर बसर कर सकें.