80 के दशक में ऐसे कई स्टार्स थे, जिनका उस दौरान काफ़ी बोलबाला था. इनमें शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha), शशि कपूर (Shashi Kapoor), दिलीप कुमार (Dilip Kumar), मनोज कुमार (Manoj Kumar) आदि शामिल हैं. ये ऐसे स्टार्स थे, जिनके नाम से ही फ़िल्में चलती थीं और दर्शक सिनेमा में खिंचे चले आते थे. एक ऐसी ही मूवी उस दौरान आई थी, जब ये चारों सुपरस्टार एक साथ बड़े पर्दे पर नज़र आए थे. जब जनता को पता चला कि ये चारों फ़िल्म में एक साथ आने वाले हैं, तो उनकी एक्साइटमेंट डबल हो गई थी.

क्या पहचान पाए हम कौन सी फ़िल्म की बात कर रहे हैं? ये मूवी साल 1981 में आई थी और आते ही इसने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.

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सलीम-जावेद ने लिखी थी कहानी

ये मूवी एक एतिहासिक ड्रामा फ़िल्म थी. इसका निर्देशन और निर्माण मनोज कुमार ने किया था. मूवी में दिलीप कुमार, मनोज कुमार, शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा के साथ हेमा मालिनी (Hema Malini) और परवीन बॉबी (Parveen Bobby) भी लीड रोल्स में नज़र आई थीं. ये सिनेमाघरों में 6 फ़रवरी 1981 को आई थी. इस मूवी का बजट कम था, लेकिन थिएटर्स में आने के बाद इसने ताबड़तोड़ कमाई थी. दर्शकों ने मूवी को भरपूर प्यार दिया था और देखते ही देखते ये सुपरहिट हो गई थी. इसने वर्ल्डवाइड 16 करोड़ रुपए की कमाई की थी.

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दिलीप कुमार ने चार साल बाद किया था कमबैक

इस मूवी से पहले दिलीप कुमार काफ़ी लम्बे समय से बड़े पर्दे से ग़ायब थे. इस मूवी के साथ उन्होंने चार साल के लंबे अंतराल के बाद कमबैक किया था. आज जहां 3 करोड़ का बजट फ़िल्मों के लिए मामूली से भी कम होता है, उस दौरान 3 करोड़ के इस बजट की मूवी को सबसे महंगी फ़िल्मों में से एक कहा जाता था. अपनी रिलीज़ के समय ये शोले (1975) के बाद दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म थी. ये मूवी सिनेमाघरों में लगातार 67 सप्ताह तक चली, जिसमें एक थिएटर में तो ये 96 दिनों तक हाउसफुल रही थी.

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क्या थी मूवी की कहानी?

अभी भी नहीं पहचान पाए? चलो ज़्यादा सस्पेंस में ना रखते हुए बता देते हैं कि इस मूवी का नाम ‘क्रांति’ (Kranti) था. ये एक देशभक्ति से परिपूर्ण फ़िल्म थी. इसमें राजा लक्ष्मण सिंह नाम के व्यापारी के एक समर्पित कर्मचारी संगा पर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया जाता है. वो जेल से भाग जाता है और अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के एकमात्र उद्देश्य से क्रांतिकारियों का एक समूह बना लेता है. संगा का आगे क्या होता है, ये फ़िल्म उसी के बारे में है.

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