सिनेमाजगत में मशहूर होने के लिये मेहनत के साथ-साथ क़िस्मत भी चाहिये होती है. अगर ये दोनों चीज़ें मिल जाये न तो किसी भी आम इंसान को स्टार बना सकती है. ठीक वैसे ही जैसे अभिनेत्री ‘मनोरमा’ के साथ हुआ. ‘मनोरमा’ साउथ सिनेमा की वो अभिनेत्री थीं, जिन्होंने अपने फ़िल्मी करियर में हज़ार से ज़्यादा मूवीज़ की. इसके साथ ही गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया.  

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 घरेलू सहायिका से सुपरस्टार बनने तक का सफ़र 

1500 फ़िल्में, 5000 से ज़्यादा स्टेज शोज़ और धारावाहिकों में नज़र आने वाली ‘मनोरमा’ का शुरुआती जीवन काफ़ी मुश्किलों भरा रहा. वो महज़ 11 साल की थीं जब उनकी मां बीमार पड़ गईं और उन्हें अपना स्कूल छोड़ना पड़ा. घर चलाने के लिये वो घर-घर झाड़ू-पोछा बर्तन का काम करने लगीं. घर की आर्थिक स्थिति ख़राब होने की वजह से उनकी मां भी घरों में साफ़-सफ़ाई के लिये जाने लगीं.  

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‘मनोरमा’ और उनकी मां मुश्किलों भरा जीवन जी रहे थे, तभी अचानक 12 साल की उम्र में उन्हें फ़िल्मों में काम मिलना शुरू हो गया. छोटी सी उम्र में उन्होंने एक्टिंग करनी शुरू कर दी. इसके बाद सफ़लता का ये सिलसिला यूंही चलता रहा. 2013 तक वो जम कर काम करती रहीं और अपने अभिनय लोगों को हंसाती-रुलाती रहीं. 

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पर वो कहते हैं कि समय बदलता है. 2013 में मनोरमा की सेहत बिगड़ने लगी और ख़राब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने 2015 में दुनिया को अलविदा कह दिया. अभिनेत्री ‘मनोरमा’ ने अपने अभिनय से साउथ के लोगों का दिल जीता था, जिनके जाने के बाद पूरी इंडस्ट्री शोक़ में डूबी थी. कितने ही बड़े-बड़े स्टार आये-गये, लेकिन आज तक इंडस्ट्री को उनके जैसी अभिनेत्री नहीं मिली.