इंडियन टेवीविज़न की एक ख़ासियत है, यहां आपको सास-बहू के झगड़े से लेकर कॉमेडी का तड़का तक सब कुछ देखने को मिलता है. 90 के दशक के कई सीरियल्स ऐसे हैं, जिन्हें आज भी हम भूल नहीं पाए हैं. यही नहीं, इनमें से कुछ कलाकार ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय से अपने किरदार को हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बना दिया. हमें शो का नाम याद हो न, लेकिन टीवी पर आने वाले ये कैरेक्टर आज भी याद हैं.
1. माया साराभाई (रतना पाठक शाह), साराभाई Vs साराभाई
ये जिस तरह से अपनी बहू मोनिशा को बात-बात पर मीडिल क्लास होने का अहसास दिलाती रहती थी, वो दर्शकों को हंसाने के लिए काफ़ी था. इनकी स्टाइल और डायलॉग्स आज भी लोगों के ज़हन में बसे हुए हैं.
2. दया जेठालाल गड़ा (दिशा वकाणी), तारक मेहता का उल्टा चश्मा
सीरियल में एक चुलबुली और बातूनी गृहणी का किरदार निभाने वाली दया ने अपनी एक्टिंग से सबका दिल जीत लिया और इनकी बोली, तो लाजवाब थी भाई.
3. नानी (फ़रीदा जलाल), शरारत
शरारत की इस नानी को देख कर मन में एक ही ख़्याल आता था कि काश हमारी नानी के पास भी ऐसी मैज़िक पावर होती. इसके अलावा ये जिस तरह से अपने दामाद की टांग खिंचाई करती थी, वो तो और भी मज़ेदार था.
4. एसीपी प्रद्युमन (शिवाजी साटम), सीआईडी
इनके बारे में भी कुछ कहने की ज़रुरत है क्या? इतने सालों में क्या-क्या नहीं बदला, लेकिन एसीपी प्रद्युमन आज भी ज्यों के त्यों हैं.
5. तुलसी विरानी (स्मृति ईरानी), क्योंकि सास भी कभी बहू थी
एक आदर्श बहू के अंदर क्या-क्या गुण होने चाहिए, ये कोई तुलसी विरानी से सीखे. टीवी पर तुलसी जैसी बहू देख कर हर सास, निजी ज़िंदगी में ऐसी बहू होने की ख़्वाहिश करने लगी थी.
6. प्रफुल पारेख (राजीव मेहता), खिचड़ी
हंसा….ये भी कोई पूछने वाली बात है. बस जैसे इनके मुंह से ये शब्द निकलता था, दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी. प्रफुल इस शो का सबसे पॉपुलर कैरेक्टर था.
7. मोनिशा साराभाई (रुपाली गांगुली), साराभाई Vs साराभाई
मोनिशा और उनकी सास की नोंक-झोंक देखने वाली होती थी. मोनिशा की हंसी और माया साराभाई की चिढ़-चिढ को देखना काफ़ी मज़ेदार था.
8. बा (सुधा शिवपुरी), क्योंकि सास भी कभी बहू थी
बा विरानी परिवार का पिलर होती हैं और घर के सभी सदस्यों को जोड़े रखने में अहम रोल अदा करती हैं. आज दुनिया में ने हो के भी उनका किरदार हमारे दिल और दिमाग़ में बसा हुआ है.
9. शक्तिमान (मुकेश खन्ना), शक्तिमान
शायद ही ऐसा कोई बच्चा होगा, जिसने शो देखने के बाद शक्तिमान बनने की कोशिश नहीं की होगी. शक्तिमान का ज़िक्र कल भी होता था और आज भी.
10. करिश्मा (झनक शुक्ला), करिश्मा का करिश्मा
करिश्मा जिस स्पीड और चमत्कारी तरीके से हर काम को ख़त्म करती थी न, हमें भी वैसे बनने की चाहत थी. अगर करिश्मा जितनी शक्तियां हमारे पास होती न, तो सच में दुनिया इधर से उधर कर देते.
11. हंसा पारेख (सुप्रिया पाठक), खिचड़ी
हेलो…खाना खा के जाना हां! हम आज भी कई मौकों पर हंसा का ये डायलॉग यूज़ करते हैं. हंसा और प्रफुल की ब्रेनलेस Converstaion ने हमें ख़ूब हंसाया और गुदगुदाया है.
12. कोमोलिका बासु (उर्वशी ढोलकिया), कसौटी ज़िंदगी की
कोमोलिका ने टीवी पर विलेन का नया ट्रेंड सेट किया था. इससे पहले सोचा भी न था कि घर की विलेन इतनी क़ातिलाना दिख सकती है.
13. जस्सी (मोना सिंह), जस्सी जैसी कोई नहीं
आंखों पर बड़ा-बड़ा चश्मा, ब्रेसिस से बंधे दांत लेकर बॉस की पत्नी बनने तक, जस्सी के Transformation की कहानी बेहद रोचक थी.
14. रमोला सिकंद (सुधा चंद्रन), कहीं किसी रोज़
रमोला की बिंदी वाह भाई वाह! टीवी पर खलनायिका का ये अंदाज़ लोगों को घायल कर रहा था.
15. रोसेश साराभाई (राजेश महेता), साराभाई Vs साराभाई
इस Mumma’s Boy ने अपनी कविताओं और जादुई आवाज़ से सबका दिल जीत लिया था. ‘मम्मा का पर्स, जैसे हॉस्पिटल की प्यारी कोई नर्स’ कविताएं बिना लॉज़िक के ही सही, पर मज़ेदार होती थी.
16. फ्रे़डरिक (दिनेश फ़ड्निस), सीआईडी
हर शो में एक ऐसा बंदा ज़रुर होता है, जो अपनी Stupidity से माहौल को अच्छा बनाये रखता है. 17 सालों से फ्रे़डरिक सीआईडी में यही काम कर रहे हैं.
17. मुसद्दी लाल (पकंज कपूर), ऑफ़िस-ऑफ़िस
एक आम आदमी को अपना काम कराने के लिए सरकारी ऑफ़िस में क्या-क्या नहीं झेलना नहीं पड़ता, ये मुस्सादी लाल से बेहतर कोई नहीं समझ सकता.
18. डॉक्टर सालुंखे (नरेंद्र गुप्ता), सीआईडी
कोई डॉक्टर चाकलेट बार से मर्डर मिस्ट्री कैसे सॉल्व कर सकता है, लेकिन सीआईडी के इस डॉक्टर ने ये कर दिखाया और ये देखना हम सभी के लिए आश्चर्य की बात थी.
19. आनंदी (अविका गौर), बालिका बधू
सास-बहू सीरियल के दौर में छोटी उम्र में बहू बनी आनंदी ने हर घर पर अपना कब्ज़ा कर रखा था. अविका ने अपनी शानदार एक्टिंग से आनंदी के किरदार को सदा के लिए यादगार बना दिया.
20. सुष्मिता जुनेजा (मानिनी मिश्रा), क्या मस्त है लाइफ़
इस शो को देखने वाला कोई भी व्यक्ति सुष्मिता को नहीं भूल सकता, जो अपनी बेटी से सिर्फ़ इसीलिए लड़ती है ताकि उसके दोस्तों को पता चल सके कि उसकी मां एक सेलिब्रिटी थी.
21. टिया आहुजा (स्वेता गुलाटी), रीमिक्स
रीमिक्स को देखने का सबसे बड़ा कारण था टिया का ड्रेसिंग सेंस था, जिस पर हम सभी फ़िदा थे.
22. आनंद की पहली पत्नी (प्रिया तेंदुलकर), हम पांच
शो में मर कर भी आनंद की पत्नी ज़िंदा रहती है. घर में ज़रा सी गड़बड़ हुई नहीं कि प्रिया तुरंत तस्वीर से बोलती हुई दिखाई देती थी.
23. स्वामी (मंजूनाथ), मालगुड़ी डेज़
बचपन में मालगुडी डेज़ का ये नन्हा कैरेक्टर हम सभी का फ़ेवरेट था.
24. होबो (किकू शारदा), हातिम
होबो हातिम का सबसे वफ़ादार बंदा था. शो के सीरियस माहौल में इसकी क्यूटनेस देखने लायक होती थी.
25. विकराल (मामिक सिंह), विकराल और गबराल
टीवी पर विकराल एक ऐसा किरदार था, जो सारी बुराईयों का ख़्याल रखता था. इसके अलावा वो काफ़ी हैंडसम भी था.
26. मैजिक पैंसिल (शाका लाका बूम बूम)
आज के वक़्त में अगर मुझे ये पेंसिल मिल जाए न, तो सबसे पहले मैं इससे अपने लिए आईफ़ोन खरीदूंगी.
27. रैंचो (राजा और रैंचो)
बंदर भी डिडेक्टिव का काम कर सकता है, ये हमें राजा और रैंचो से ही पता चला था. सीरियल में रैंचो की एक्टिंग क़ाबिले-ए-तारीफ़ थी.
28. प्रेम कौर चौबे (फ़ारुख़ शेख़), चमत्कार
दूसरे के दिमाग़ में क्या चल रहा है ये प्रेम अच्छी तरह पढ़ सकता था. वैसे हमें भी ऐसी पावर चाहिए, जिससे पता चल सके कि दूसरे हमें लेकर क्या सोच रहे हैं.
29. क्रूर सिंह (अखिलेश मिश्रा), चंद्रकांता
एक ऐसा विलेन जो जब टीवी पर आता था, दर्शकों के मन में डर पैदा कर देता था. टीवी का असली विलेन, तो यही था बॉस.
30. कबीर (करन वोहरा), जस्ट मोहब्बत
जस्ट मोहब्बत का ये क्यूट सा बच्चा आज भी हमारे दिलों में बसता है. इसे भूलाना मुश्किल ही नहीं, नामुकिन है.
31. वोह (लिलीपुट), वोह
इस ख़तरनाक कैरेक्टर का नाम सुनते ही आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
32. सोन परी (मृणाल कुणकर्णी)
सोन परी, फ़्रूटी को हर मुसीबत से बचाती थी. काश! हमारी ज़िंदगी में भी कोई सोना आंटी होती.
33. शांति (मंदिरा बेदी), शांति
एक बोल्ड और ख़ूबसूरत पत्रकार का किरदार निभा कर मंदिरा ने हर घर में एक ख़ास जगह बना ली थी. सीरियल ख़त्म हो गया, लेकिन लोग आज भी मंदिरा को शांति के नाम से जानते हैं.
34. आशी (प्रिया वाल), रीमिक्स
आशी स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए स्टाइल आइकॉन बन गई थी, उसका पहनावा और बोलने का स्टाइल सब कुछ काफ़ी कूल था.
35. बेताल (सज्जन), विक्रम और बेताल
मृत शरीर में मौजूद इस आत्मा को देखना काफ़ी डरावना था, लेकिन यही एक चीज़ थी जो हमें शो से बांधे रखती थी.
हो गई न बचपन की यादें ताज़ा? वैसे इनमें से आपका फ़ेवरेट किरदार कौन सा है, अब जल्दी से कमेंट बताओ.