इंटरनेट के इस ज़माने में आजकल फ़िल्मों का प्रमोशन अधिकतर ऑनलाइन ही किया जाता है. बॉलीवुड फ़िल्मों के पोस्टर्स भी अब तमाम सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर ही रिलीज़ किये जाते हैं, लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब फ़िल्मों के पोस्टर्स हाथों से पेंट कर बनाए जाते थे और उन्हें गलियों में हाथों से ही चिपकाया जाता था. उस जमाने में कुछ ऐसे ही फ़िल्मों का प्रचार-प्रसार किया जाता था, मगर क्या आप विनायल पोस्टर्स या फिर हाथ से पेंटेड पोस्टर्स का इतिहास जानते हैं? नहीं! तो चलिए हम आपको बता देते हैं.

पेंटर्स द्वारा बनाए गए ये पोस्टर्स कुछ इस तरह बनाए जाते थे कि लोग उन्हें देखते ही फ़िल्म की तरफ अाकर्षित हो जाएं. और यकीन मानिए ऐसा होता भी था. उस ज़माने की कई हिट पिक्चर्स की सफलता में इनका हाथ होता था. इसकी शुरुआत 1920 के आस-पास हुई थी. इससे पहले अख़बारों में विज्ञापन और ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंटेड पोस्टर्स के ज़रिये फ़िल्मों का प्रमोशन किया जाता था.

पेंटेड बॉलीवुड मूवी पोस्टर्स को बनाने के लिए अप्राकृतिक कलर्स और चौड़े ब्रश का इस्तेमाल किया जाता था. ये बहुत ही चटकीले होते थे. इन्हें लोग देखते ही रह जाते थे. हाथ से पेंट कर बनाए जाने वाले पोस्टर्स की इस कला को शुरू करने का श्रेय फे़मस आर्टिस्ट बाबूराव पेंटर को जाता है. इन्होंने खु़द से ही इस तरह के पोस्टर्स बनाना शुरु किया था.

इसके बादे भारत के मशहूर पेंटर एम. एफ. हुसैन ने भी इनके ज़रिये खूब नाम और पैसा कमाया. इस तरह के पोस्टर्स अब दिखाई नहीं देते हैं. पेंटेड बॉलीवुड मूवी पोस्टर्स को अब बहुत से स्टूडियोज़ ने स्टोर रूम के बड़े-बड़े संदूकों में बंद कर दिया है.

ये बात अलग है कि कुछ सिने प्रेमी इन्हें तलाश कर समय-समय पर इनकी प्रदर्शनी लगाते रहते हैं.

अगर आपने कभी भी पेंटेड मूवी पोस्टर्स का दीदार नहीं किया है, तो आज यहां कर सकते हैं…

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